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‘व्यवहार्य कोशिकाओं’ की प्राप्ति का एक प्रभावी तरीका

  • 09 Nov 2017
  • 4 min read

संदर्भ 

हाल ही में वैज्ञानिकों ने क्रायोप्रीज़र्व्ड (cryopreserved) ऊतक के नमूनों से व्यवहार्य कोशिकाओं को प्राप्त करने के लिये एक नए व प्रभावी तरीके की खोज की है।  इसके माध्यम से शोधकर्त्ता विभिन्न अध्ययन साईटों एकत्रित किये गए ऊतकों के नमूनों का परीक्षण करके रहयूमेरॉइड गठिया जैसे रोग पर अधिक गहन शोध कर सकेंगे।    

प्रमुख बिंदु

  • रहयूमेरॉइड गठिया (Rheumatoid arthritis -RA) एक चिरकालिक रोग है, जिसमें जोड़ों में दर्द, कड़ापन व सूजन आ जाती है। 
  • वैज्ञानिकों का मानना है कि यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) में असंतुलन के कारण होता है।
  • गठिया रोग का उपचार करने में आधुनिक दवाएं काफी प्रभावी हैं। ये दवाएँ जोड़ों के दर्द, सूजन को कम करने में मदद करती हैं और गठिया को दबाती भी हैं। यद्यपि इस रोग से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले शारीरिक अंग जोड़ ही हैं परन्तु इस रोग  के माध्यम से यह शरीर के अन्य अंगों तक भी फैल सकता है।   
  • भारत में गठिया रोग एक बड़ी समस्या है ।  यहाँ की 180 मिलियन से अधिक आबादी इस रोग से पीड़ित हैं।
  • दरअसल, भारत की एक बड़ी आबादी में शारीरिक व्यायाम के अभाव और गतिहीन जीवन शैली के कारण ही आयु में वृद्धि होने के साथ साथ मोटापे में भी वृद्धि हो रही है।    यहाँ पुरुषों की तुलना में महिलाओं में गठिया के अधिक मामले दर्ज़ किये गए हैं।

रहयूमेरॉइड गठिया

  • यह एक दीर्घकालिक रोग है, जो शरीर के जोड़ों, उनसे जुड़े ऊतकों, मांसपेशियों एवं तंतु ऊतकों को प्रभावित करता है।सामान्यतः यह रोग वयस्कता( 20 से 30 वर्ष) में होता है। 
  • विकसित देशों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं इस रोग से अधिक पीड़ित होती हैं।
  • यह पाया गया है कि विकसित देशों में इस रोग से ग्रस्त कम से कम 50% रोगी फुल टाइम जॉब (full-time job) करने में सक्षम नहीं हैं।
  • रहयूमेरॉइड गठिया ऑटोइम्यून गठिया (autoimmune arthritis) का सामान्य प्रकार है।    जब मनुष्य का प्रतिरक्षा तंत्र उचित तरीके से कार्य नहीं करता है तो यह रोग होता है। इसके कारण कलाई, हाथ के जोड़ और पैरों में सूजन आ जाती है।   
  • यदि गठिया रोग का उपचार कर लिया जाए तो जोड़ों के दर्द और सूजन को समाप्त किया जा सकता है व इससे जोड़ों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है।
  • नियमित  व्यायाम करने से और चलने से मांसपेशियाँ मज़बूत बनी रहती हैं।    इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य में सुधार होता है और जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है।
  • अध्ययन दर्शाते हैं कि वे लोग जो रहयूमेरॉइड गठिया के लिये आरंभिक उपचार लेते हैं वे जल्द ही ठीक हो जाते हैं और अच्छा जीवन जीते हैं।
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