इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

पावर ट्रांसमिशन केबल्स की निगरानी हेतु नई तकनीक

  • 16 Mar 2021
  • 7 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में IIT मद्रास के शोधकर्त्ताओं द्वारा इस बात को प्रमाणित किया गया है कि फाइबर ऑप्टिक केबल (Fibre Optic Cable) पर रमन थर्मोमेट्री (Raman Thermometry) का उपयोग करके बिजली ट्रांसमिशन केबल की निगरानी की जा सकती है।

  • शोधकर्ताओं द्वारा इसके लिये ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग किया गया जो ऑप्टिकल संचार स्थापित करने हेतु पहले से ही बिजली के केबल्स में (Embedded) अंतःस्थापित है।

प्रमुख बिंदु:

रमन थर्मोमेट्री:

  • यह एक थर्मल तकनीक है जिसमें माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक सिस्टम (Microelectronics Systems) में स्थानीय तापमान को निर्धारित करने हेतु रमन प्रकीर्णन घटना का उपयोग किया जाता है।
  • जब प्रकाश किसी वस्तु पर फैलता है, तो उसे एक अणु कहते हैं, मूल प्रकाश में उच्च और निम्न आवृत्ति के साथ क्रमशः दो बैंड- स्टोक्स (Stokes) और एंटी स्टोक्स बैंड (anti-Stokes bands) देखे जाते हैं।
  • दो बैंडों की सापेक्ष तीव्रता का अध्ययन करने से प्रकाश को बिखेरने वाली वस्तु के तापमान का अनुमान लगाना संभव है। 
    • रमन स्कैटरिंग (Raman Scattering) के एंटी-स्टोक्स बैंड का तापमान वस्तु के तापमान पर निर्भर करता है, इस प्रकार एंटी स्टोक्स की बिखरी हुई रोशनी की तीव्रता को मापकर हम तापमान का अनुमान लगा सकते हैं।
  • कंडक्टर (Conductor) के माध्यम से बहने वाली कोई भी धारा जूल हीटिंग प्रभाव (Joule Heating Effect) के कारण तापमान वृद्धि का कारण होगी। इसलिये  विद्युत केबलों के माध्यम से धारा का प्रवाह होने पर विद्युत केबलों के ताप में परिवर्तन होता है।
    • जूल हीटिंग (इसे प्रतिरोधक या ओमिक ताप के रूप में भी जाना जाता है) उस प्रक्रिया का वर्णन करती है जहांँ एक विद्युत धारा ऊष्मा में परिवर्तित हो जाती है और एक प्रतिरोध के माध्यम से बहती है।

ऑप्टिकल फाइबर तकनीक:

  • ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करके तारों के तापमान की माप न केवल एक स्थान पर बल्कि वितरित तरीके से भी की सकती है। इसे प्राप्त करने हेतु प्रकाश की एक पल्स को ऑप्टिकल फाइबर में अंतर्निहित किया जाता है और बैकसकैटर्ड विकिरण (Backscattered Radiation) का निरीक्षण किया जाता है।
  • ऑप्टिकल फाइबर उच्च गुणवत्ता वाले मिश्रित काँच/ क्वार्ट्ज़ फाइबर से बने होते हैं। 
    • प्रत्येक फाइबर में एक कोर और क्लैडिंग मौजूद होता है।
  • जब प्रकाश के रूप में एक संकेत को एक उपयुक्त कोण पर फाइबर के एक छोर पर निर्देशित किया जाता है, तो यह फाइबर की लंबाई के कुल आंतरिक प्रतिबिंब के साथ दूसरे छोर पर बाहर निकलता है।
    • एक माध्यम के भीतर (जैसे पानी या कांँच की सतहों के चारों तरफ ) कुल आंतरिक परावर्तन प्रकाश की किरण का पूर्ण परावर्तन है।
    • चूंँकि प्रकाश प्रत्येक चरण में आंतरिक प्रतिबिंब के माध्यम से गुज़रता है, इसलिये प्रकाश संकेत की तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है।

Optical-fiber 

  • बैकसकैटर्ड विकिरण (Backscattered Radiation) का समय उस दूरी का अनुमान प्रदान करता है जितनी दूरी पर प्रकाश  बैकसकैटर्ड  पर होता है।
    •  बैकसकैटर्ड  (Backscatter) तरंगों, कणों, या संकेतों का प्रतिबिंब है, जिस दिशा से वे आते हैं।
    • यह वितरित माप प्रदान करता है क्योंकि यह पल्स फाइबर की लंबाई के साथ प्रसार करता है।
    • यह 10 किलोमीटर तक जा सकता है। 

महत्त्व:

  • वास्तविक तापमान माप:
    • रमन थर्मामीटर तकनीक के उपयोग से ऑपरेटरों को 10 किलोमीटर से अधिक तक वास्तविक तापमान माप के परिणाम प्राप्त करने की अनुमति मिलती है।
  • आर्थिक और वास्तविक समय:
    • बिजली के तारों के तापमान को मापने हेतु वैकल्पिक तरीकों में एक अत्यधिक बोझिल थर्मल कैमरा उपयोग किया जाता है। टीम द्वारा तैयार की गई वर्तमान विधि किफायती है जो वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने में सक्षम  है।
      • थर्मल कैमरे (Thermal Cameras) अवरक्त प्रकाश के विभिन्न स्तरों को पहचानने तथा उन्हें कैप्चर कर तापमान का पता लगाते हैं।

 रमन प्रभाव: 

  • वर्ष 1928 में रमन प्रभाव या रमन स्कैटरिंग को प्रख्यात भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा एक स्पेक्ट्रोस्कोपी (Spectroscopy) घटना के रूप में खोजा गया।
    • वर्ष 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को इस उल्लेखनीय खोज हेतु नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया जो विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु भारत का पहला नोबेल पुरस्कार था।
  • रमन प्रभाव प्रकाश की तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन है जो  प्रकाश की किरणों के अणुओं के  विक्षेपित होने पर उत्पन्न होता है। जब प्रकाश की किरण एक रासायनिक यौगिक के धूल रहित, पारदर्शी नमूने से गुज़रती  है तो प्रकाश की यह किरण अन्य दिशाओं में विक्षेपित हो जाती  है।
  • विक्षेपित प्रकाश का अधिकांश हिस्सा अपरिवर्तित तरंगदैर्ध्य (Unchanged Wavelength) होती है। हालांँकि तरंगदैर्ध्य का एक छोटा सा हिस्सा विक्षेपित प्रकाश से अलग होता है, जो रमन प्रभाव की उपस्थिति का परिणाम है।

स्रोत: द हिंदू

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2