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राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2022

  • 14 Dec 2022
  • 11 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, ऊर्जा संरक्षण दिवस, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन

मेन्स के लिये:

भारत के विद्युत क्षेत्र का परिदृश्य और संबंधित पहल

चर्चा में क्यों? 

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस प्रत्येक वर्ष 14 दिसंबर को मनाया जाता है।

ऊर्जा संरक्षण दिवस:

  • पृष्ठभूमि: 
    • भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष 1991 में पुरस्कारों के माध्यम से अपने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने में उद्योगों और प्रतिष्ठानों के योगदान को मान्यता देने हेतु राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार की शुरुआत की।
      • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) प्रत्येक वर्ष समारोह का नेतृत्त्व करता है। 
    • पहली बार पुरस्कार 14 दिसंबर, 1991 को प्रदान किये गए थे।  
      • जब से इस दिन को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में घोषित किया गया है। ये पुरस्कार प्रत्येक वर्ष उसी दिन आयोजित एक समारोह में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों को प्रदान किये जाते हैं।
  • उद्देश्य:
    • यह दिन लोगों को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित है तथा ऊर्जा संसाधनों को बचाने के प्रयासों को बढ़ावा देता है। यह ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालता है।
  • भारत के उत्सव के मुख्य आकर्षण:
    • राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार (NEEIA), 2022: 
      • ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में असाधारण कार्य तथा नवाचारी विचार को मान्यता देने के लिये वर्ष 2021 में NEEIA पुरस्कार प्रारंभ किये गए थे। 
      • पुरस्कारों का मूल्यांकन प्रतिकृति, सामर्थ्य, विश्वसनीयता, ऊर्जा बचत पर प्रभाव और पर्यावरण एवं स्थिरता पर प्रभाव के आधार पर किया जाता है।
    • 'ईवी-यात्रा पोर्टल' और मोबाइल ऐप का शुभारंभ:
      • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिये ‘इन व्हेकिल नेवीगेशन’ सुविधा हेतु एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है, देश में ई-गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के लिये विभिन्न केंद्रीय और राज्य स्तरीय पहलों पर सूचना का प्रसार करने हेतु एक वेबसाइट और सीपीयू को अपने चार्जिंग विवरण को सुरक्षित रूप से राष्ट्रीय ऑनलाइन डाटा बेस में पंजीकृत करने में सक्षम बनाने के लिये वेब पोर्टल है।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE)? 

  • यह विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
  • यह भारतीय अर्थव्यवस्था के ऊर्जा आधिक्य को कम करने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ विकासशील नीतियों और रणनीतियों में सहायता करता है।
  • यह अपने कार्यों को करने में मौजूदा संसाधनों एवं बुनियादी ढाँचे की पहचान तथा उपयोग करने के लिये नामित उपभोक्ताओं, एजेंसियों व अन्य संगठनों के साथ समन्वय करता है।

ऊर्जा संरक्षण:

  • इसके तहत ऐसा कोई भी व्यवहार शामिल होता है जिसके परिणामस्वरूप ऊर्जा खपत में कमी की जाती है - जैसे उपयोग नहीं होने पर रोशनी और पंखे बंद करना  या ऊर्जा का उपयोग करने वाली किसी विशेष सेवा के उपयोग को कम करना, जैसे की व्यक्तिगत वाहन के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर रहे हैं। 
  • ऊर्जा संरक्षण एक  वृहद स्तर पर सचेत व व्यक्तिगत प्रयास है, यह ऊर्जा दक्षता की ओर ले जाता है।
  • ऊर्जा संरक्षण का अंतिम लक्ष्य स्थायी ऊर्जा तक पहुँचना है।
  • यह 'ऊर्जा दक्षता' शब्द से अलग है, ऊर्जा दक्षता का अर्थ है किसी कार्य को करने के लिये कम ऊर्जा का उपयोग करना अर्थात् ऊर्जा की बर्बादी को समाप्त करना।

भारत का विद्युत क्षेत्र

  • कुल क्षमता: अक्टूबर 2022 तक 408.71 GW की स्थापित बिजली क्षमता के साथ भारत विश्व में बिजली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है।
    • थर्मल, परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियाँ भारत की बिजली पैदा करने के प्रमुख स्रोत हैं।
  • नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र: भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र विश्व स्तर पर चौथा सबसे आकर्षक नवीकरणीय ऊर्जा बाज़ार है।
    • पवन ऊर्जा स्थापना क्षमता के मामले में, भारत चौथे स्थान पर था, जबकि सौर ऊर्जा स्थापना क्षमता में यह पाँचवें स्थान पर था।
      • भारत ने वर्ष 2022 तक 175GW के लक्ष्य के मुकाबले अक्तूबर, 2022 तक 165.94GW अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल कर ली है।
      • COP26 में प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 GW स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है।

ऊर्जा संरक्षण से संबंधित पहल: 

  • राष्ट्रीय:
    • प्रदर्शन उपलब्धि और व्यापार योजना (PET): यह ऊर्जा बचत के प्रमाणीकरण के माध्यम से ऊर्जा गहन उद्योगों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिये लागत प्रभावशीलता को बढ़ाने हेतु एक बाज़ार आधारित तंत्र है जिसका व्यापार किया जा सकता है।
    • मानक और लेबलिंग: यह योजना 2006 में शुरू की गई थी और वर्तमान में उपकरण/उपकरणों के लिये लागू की गई है।
    • ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ECBC): इसे 2007 में नए वाणिज्यिक भवनों के लिये विकसित किया गया था।
    • मांग पक्ष प्रबंधन: यह विद्युत मीटर की मांग या ग्राहक-पक्ष पर प्रभाव डालने के उद्देश्य से उपायों का चयन, योजना और कार्यान्वयन है।
  • वैश्विक प्रयास:
    • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी: यह सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के लिये ऊर्जा नीतियों को आकार देने हेतु दुनिया भर के देशों के साथ कार्य करती है।
      • भारत IEA का एक सदस्य देश नहीं बल्कि एक सहयोगी सदस्य (Association Country) है। हालांँकि IEA ने भारत को पूर्णकालिक सदस्य बनने के लिये आमंत्रित किया है।
      • IEA और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL - Ministry of Power) ने ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था के कई लाभों को प्रदर्शित करने के लिये भारत सरकार के घरेलू कुशल प्रकाश कार्यक्रम - ‘उजाला’ (UJALA) पर मिलकर केस स्टडी की।
    • सस्टेनेबल एनर्जी फॉर आल (SEforALL)
      • यह एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो जलवायु पर पेरिस समझौते के अनुरूप सतत् विकास लक्ष्य-7 (वर्ष 2030 तक सभी के सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा की पहुँच) की उपलब्धि की दिशा में तेज़ी से कार्रवाई करने के लिये संयुक्त राष्ट्र और सरकार के नेताओं, निजी क्षेत्र, वित्तीय संस्थानों तथा नागरिक समाज के साथ साझेदारी में काम करता है।
    • पेरिस समझौता:
      • यह जलवायु परिवर्तन पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय संधि है। इसका लक्ष्य पूर्व-औद्योगिक स्तर की तुलना ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस से कम, अधिमानतः 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना है।
      • पेरिस समझौते के तहत भारत ने वर्ष 2030 तक अपनी ऊर्जा तीव्रता (प्रति यूनिट जीडीपी के लिये खर्च ऊर्जा इकाई) को वर्ष 2005 की तुलना में 33-35% कम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
    • मिशन इनोवेशन (MI):
      • यह स्वच्छ ऊर्जा नवाचार में तेज़ी लाने के लिये 24 देशों और यूरोपीय आयोग (यूरोपीय संघ की ओर से) की एक वैश्विक पहल है।
      • भारत इसके सदस्य देशों में से एक है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):  

प्रश्न. निम्नलिखित में से किस पर आप ऊर्जा दक्षता ब्यूरो स्टार लेबल पा सकते हैं? (2016)

  1. छत के पंखे
  2. इलेक्ट्रिक गीज़र
  3. ट्यूबलर फ्लोरोसेंट लैंप

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न.जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का फ्रेमवर्क  अभिसमय (UNFCCC) के पक्षकारों के सम्मेलन (COP) के 26वें सत्र के प्रमुख परिणामों का वर्णन कीजिये। इस सम्मेलन में भारत द्वारा की गई प्रतिबद्धताएँ क्या हैं? (मुख्य परीक्षा, 2021)

स्रोत: पी.आई.बी.

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