दृष्टि आईएएस अब इंदौर में भी! अधिक जानकारी के लिये संपर्क करें |   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

हाथीपाँव रोग

  • 12 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

हाथीपाँव रोग, हाथीपाँव रोग के उन्मूलन हेतु वैश्विक कार्यक्रम

मेन्स के लिये:

हाथीपाँव रोग के उन्मूलन से जुड़े विभिन्न मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 तक ‘हाथीपाँव के उन्मूलन के लिये कार्रवाई करने का आह्वान’ नामक कार्य योजना प्रारंभ की गई है।

मुख्य बिंदु:

  • हाल ही में नई दिल्ली में ‘हाथीपाँव रोग के उन्मूलन के लिये एकजुट’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उत्पन्न होने वाले संक्रामक रोगों से विश्व में लगभग 1.5 बिलियन से भी अधिक लोग प्रभावित होते हैं।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) द्वारा वर्ष 2000 में ‘हाथीपाँव उन्मूलन के लिये वैश्विक कार्यक्रम’ (Global Programme to Eliminate Lymphatic Filariasis- GPELF) का प्रारंभ किया गया था।

हाथीपाँव रोग:

( Lymphatic Filariasis)

  • लसीका फाइलेरिया (Lymphatic Filariasis) को सामान्यतः हाथीपाँव रोग नाम से जाना जाता है।
  • यह एक उष्ण कटिबंधीय रोग है।
  • यह शरीर के लसीका तंत्र को प्रभावित करता है इससे शरीर के अंगों का असामान्य विकास, दर्द, गंभीर दिव्यांगता जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
  • यह एक वेक्टर जनित रोग है जो फाइलेरोडिडीया (Filariodidea) परिवार के नीमेटॉडस (Nematodes) रूप में वर्गीकृत परजीवियों के संक्रमण के कारण होती है।
  • हाथीपाँव रोग का कारण धागेनुमा आकार के निम्नलिखित तीन प्रकार के फाइलेरियल परजीवी होते हैं-
    • वुचेरेरिया बैनक्रोफ्टी (Wuchereria Bancrofti) हाथीपाँव के लगभग 90% मामलों के लिये उत्तरदायी होता है।
    • ब्रुगिया मलाई (Brugia Malayi) हाथीपाँव रोग के प्रसार के लिये उत्तरदायी होता है।
    • ब्रुगिया तिमोरी(Brugiya Timori) इस रोग के प्रसार का कारण होता है।

हाथीपाँव उन्मूलन के लिये भारत के प्रयास:

  • हाथीपाँव रोग के उन्मूलन की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने वर्ष 2018 में ‘हाथीपाँव रोग के तीव्र उन्मूलन की कार्य-योजना’ (Accelerated Plan for Elimination of Lymphatic Filariasis- APELF) नामक पहल की थी।
  • भारत ने इस रोग के उन्मूलन के लिये दोहरी रणनीति अपनाई है। इसके तहत हाथीपाँव निरोधक दो दवाओं (ईडीसी तथा एल्बेन्डाजोल-EDC and Albendazole) का प्रयोग, अंग विकृति प्रबंधन (Morbidity Management) और दिव्यांगता रोकथाम शामिल है।
  • केंद्र सरकार दिसंबर 2019 से ट्रिपल ड्रग थेरेपी (Triple Drug Therapy) को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने के लिये प्रयासरत है।

लसीका तंत्र हाथीपाँव उन्मूलन के लिये वैश्विक कार्यक्रम

(Global Programme to Eliminate Lymphatic Filariasis- GPELF):

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2000 में ‘हाथीपाँव उन्मूलन के लिये वैश्विक कार्यक्रम’ (Global Programme to Eliminate Lymphatic Filariasis- GPELF) प्रारंभ किया गया था।
  • वर्ष 2012 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2020 तक उष्णकटिबंधीय रोगों के उन्मूलन का लक्ष्य रखा।
  • GPELF का लक्ष्य सभी क्षेत्रों में उपलब्ध कराए जा रहे उपचार और प्रयासों तक हाथीपाँव रोग से पीड़ित व्यक्तियों की पहुँच स्थापित करके उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है।

स्रोत-PIB

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow