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भारतीय अर्थव्यवस्था

क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ना

  • 17 Jun 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

यूपीआई, फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट, डिजिटल पेमेंट, आरबीआई। 

मेन्स के लिये:

क्रेडिट कार्ड को UPI से जोड़ना, इसका महत्त्व और चुनौतियाँ, सरकारी नीतियांँ और हस्तक्षेप 

चर्चा में क्यों? 

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट कार्ड को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्लेटफॉर्म से जोड़ने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है। 

  • क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा पूर्व-निर्धारित क्रेडिट सीमा के साथ जारी किया गया एक वित्तीय साधन है, जो कैशलेस लेन-देन में मदद करता है। यह कार्डधारकों को (अर्जित ऋण के आधार पर) व्यापारी से ली गई वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान हेतु सक्षम बनाता है। 
  • इसका उद्देश्य उपयोगकर्त्ताओं को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करना और डिजिटल भुगतान के दायरे को बढ़ाना है। 

एकीकृत भुगतान प्रणाली (UPI): 

  • UPI के साथ क्रेडिट कार्ड को लिंक करने की आवश्यकता: 
    • UPI समय के साथ भारत में भुगतान का एक लोकप्रिय तरीका बन गया है, जिसमें 26 करोड़ से अधिक अद्वितीय उपयोगकर्त्ता और पांँच करोड़ व्यापारी शामिल हैं।  
    • मई 2022 में इंटरफेस के माध्यम से 10.4 लाख करोड़ रुपए के लगभग 594 करोड़ लेन-देन को संसाधित किया गया था। 
    • वर्तमान में यूपीआई उपयोगकर्त्ताओं के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत/चालू खातों को जोड़कर लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है। 

कदम का महत्त्व: 

  • भुगतान के लिये अतिरिक्त विकल्प: 
    • इस व्यवस्था से ग्राहकों को भुगतान के लिये एक अतिरिक्त अवसर मिलने की उम्मीद है जिससे सुविधा में वृद्धि होगी। 
  • क्रेडिट कार्ड का उपयोग बढेगा: 
    • इससे क्रेडिट कार्ड की पहुंँच और उपयोग में बढ़ोत्तरी होगी। 
    • UPI को व्यापक रूप से अपनाने की प्रवृत्ति को देखते हुए यह अनुमान है कि भारत में क्रेडिट कार्ड का उपयोग बढ़ जाएगा। 
  • UPI पर क्रेडिट बनाने का विकल्प: 
    • यह भारत में क्रेडिट कार्ड के माध्यम से यूपीआई द्वारा क्रेडिट बनाने की राह खोलता है, जहांँ पिछले कुछ वर्षों में स्लाइस (Slice), यूनी (Uni), वन (One) आदि जैसे कई स्टार्टअप उभरे हैं। 
  • मर्चेंट साइट्स पर मज़बूत लेन-देन: 
    • इससे  मर्चेंट साइट्स पर अधिक लेन-देन और स्वीकृति को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।.  
    • जो लोग आमतौर पर क्रेडिट कार्ड से भुगतान करना पसंद करते हैं ताकि लंबी पे-बैक अवधि या क्रेडिट-कार्ड बकाया पर ऋण प्राप्त किया जा सके, या जो खरीदारी के समय अपनी बचत को छूना नहीं चाहते हैं, वे यूपीआई के माध्यम से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके भुगतान कर सकते हैं।  
  • कुल खर्च में बढ़ोत्तरी: 
    • इस कदम से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कुल खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। वर्तमान में क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड के उपयोग के माध्यम से खर्च औसत खर्च के दोगुने से भी अधिक है। अधिक खर्च आमतौर पर अर्थव्यवस्था के लिये एक बल गुणक है। 
  • वित्तीय लेन-देन के औसत टिकट आकार को बढ़ावा: 
    • डिजिटल लेन-देन में तेज़ी लाने के अलावा, इस उपाय से वित्तीय लेन-देन के औसत आकार के भी प्रभावित होने की उम्मीद है।  
      • वर्तमान में प्रति लेन-देन औसत टिकट का आकार (Average Ticket Size) 1,600 रुपए है, जबकि क्रेडिट कार्ड में यह 4,000 रुपए है। 
    • इसलिये विश्लेषकों का दावा है नए विकास के साथ यूपीआई विनिमय का आकार लगभग 3,000 रुपए से 4,000 रुपए तक जाने की संभावना है। 

चुनौतियाँ: 

  • यह स्पष्ट नहीं है कि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किये गए यूपीआई विनिमय पर ‘मर्चेंट डिस्काउंट रेट’ कैसे लागू होगा। 
    • MDR एक शुल्क है जो एक व्यापारी को उसके जारीकर्त्ता बैंक द्वारा अपने ग्राहकों से क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करने के लिये लिया जाता है। 
  • जनवरी 2020 से प्रभावी एक मानदंड के अनुसार, UPI और RuPay शून्य-MDR को आकर्षित करते हैं, जिसका अर्थ है कि इन लेन-देन पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाता है। 
  • यूपीआई पर ज़ीरो-एमडीआर लागू होने का एक कारण यह भी हो सकता है कि वीज़ा और मास्टरकार्ड जैसे अन्य कार्ड नेटवर्क अभी तक क्रेडिट कार्ड के लिये यूपीआई में शामिल नहीं हुए हैं। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

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