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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विज्ञान एवं तकनीक तथा चिकित्सा शोध के क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग

  • 15 Sep 2017
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ? 

जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा पर दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ाते हुए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसमें अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण को और अधिक सुलभ बनाने के लिये भ्रूण कोशिकाओं पर शोध भी शामिल है। 

प्रमुख बिंदु 

  • जैव प्रौद्योगिकी विभाग (The Department of Biotechnology) के पास पहले से ही एक भारत- जापान सहयोग कार्यक्रम है, जिसमें वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल और जापान का क्योटो विश्वविद्यालय प्रतिभागी हैं। 
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को पुनर्संरचनात्मक चिकित्सा (regenerative medicine) और प्रेरित प्लुरिपोटेंट भ्रूण कोशिका (induced pluripotent stem cell) विकास में प्रतिस्पर्धी ताकत बनाने के लिये बुनियादी ढाँचे और विशेषज्ञता का विकास करना है।
  • इस सहयोग का फोकस सिकल सेल एनीमिया (sickle-cell anaemia), बीटा थैलेसीमिया (Beta thalassemia) एवं मस्तिष्क विकार का इलाज विकसित करने एवं भारतीय जनसंख्या की दृष्टि से प्रासंगिक एक हेप्लोबैंक (haplobank) बनाना है। 
  • उल्लेखनीय है कि परिपक्व भ्रूण कोशिका को फिर से ठीक करने के तरीके की खोज करने के लिये जापानी वैज्ञानिक शिन्या यामानाका को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया था। 

भारत को लाभ 

  • इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय वैज्ञानिक वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा बनेगें, जो भ्रूण कोशिका प्रौद्योगिकी के बारे में शोध और ज्ञान को साझा करते हैं। 

 हेप्लोबैंक (Haplobank) क्या है ?

  • हेप्लोबैंक भ्रूण कोशिकाओं का एक विशेष संग्रह है, जिससे किसी भी तरह की कोशिका बनाई जा सकती है और इस तरह यह प्रतिस्थापन अंगों का प्रजनक बनती है।

  भ्रूण कोशिका क्या है ?

  • भ्रूण कोशिकाएँ ऐसी कोशिकाएँ को कहा जाता है, जिनमें शरीर के किसी भी अंग की कोशिका को विकसित करने की क्षमता मिलती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिये प्रयोग किया जा सकता है, अर्थात यदि हृदय की कोशिकाएँ नष्ट हो गई  हों तो भ्रूण कोशिका द्वारा इनकी मरम्मत की जा सकती है।

अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण क्या है ? 

  • अस्थि-मज्जा अस्थि का मुलायम और स्पंजी केन्द्र है, जहाँ रुधिर का उत्पादन होता है। 
  • मज्जा रुधिर कोशिकाओं का उत्पादन करने वाली स्टेम कोशिकाओं से भरी होती हैं, जो सफेद रुधिर कोशिकाओं, लाल रुधिर कोशिकाओं या प्लेटलेट्स में विकसित होती हैं।
  • अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण में रोगी की रुधिर का निर्माण करने वाली अस्वस्थ कोशिकाओं की जगह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
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