इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


विविध

भारत, अवैध दवा व्यापार का एक प्रमुख केंद्र

  • 06 Mar 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, पूरे दक्षिणी एशिया में इंटरनेट के माध्यम से विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर डार्कनेट ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर दवाओं की खरीद की वैश्विक प्रवृत्ति तेज़ी से बढ़ रही है।

  • अवैध दवाओं का यह कारोबार अन्य देशों की अपेक्षा भारत में ज़्यादा तेज़ी से फैला है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत अवैध दवा व्यापार के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसमें पुरानी कैनबिस (Cannabis) से लेकर ट्रामाडोल (Tramadol) जैसी नई दवाओं और मेथमफेटामाइन (Methamphetamine) जैसी अवैध दवाइयाँ शामिल हैं।
  • एक अध्ययन के अनुसार, कुछ ऐसे ऑनलाइन विक्रेताओं की पहचान की गई है जो दक्षिण एशिया में डार्कनेट के माध्यम से दवाओं की बिक्री कर रहे हैं। साथ ही 50 ऑनलाइन क्रिप्टो-मार्केट प्लेटफॉर्म पर भारत के 1,000 से अधिक दवा कारोबारियों की भी पहचान की गई है।
  • UNODC देशों के इंटरनेशनल नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (INCB) द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में भारत में अधिकारियों ने दो अवैध इंटरनेट फार्मेसियों को बंद कर दिया और कई लोगों को इस प्रक्रिया में गिरफ्तार भी किया गया था।

अवैध मार्ग

  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत अवैध रूप से उत्पादित अफीम, विशेष रूप से हेरोइन के लिये भी एक पारगमन देश है। जिसके माध्यम से अवैध दवाओं का कारोबार किया जाता है।
  • तस्करों द्वारा दक्षिण एशिया के रास्ते तस्करी के लिये इस्तेमाल किया जाने वाला मार्ग जिसे ‘दक्षिणी मार्ग’ के नाम से भी जाना जाता है का एक वैकल्पिक हिस्सा भारत में है, जिसका प्रयोग पाकिस्तान या इस्लामी गणतंत्र ईरान जैसे खाड़ी देशों के माध्यम से पूर्वी अफ्रीका और गंतव्य देशों तक तस्करी के लिये किया जाता है।
  • पिछले साल अगस्त में राजस्व खुफिया निदेशालय और भारतीय सेना के एक संयुक्त अभियान में नियंत्रण रेखा (Line of Control) और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भारी मात्रा में हेरोइन जब्त की गई थी।

चिंताजनक आँकड़े

  • रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में मॉर्फिन युक्त अफीम के कच्चे माल के वैश्विक उत्पादन में भारत, ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस और तुर्की की संयुक्त रूप से 83 प्रतिशत भागीदारी थी।
  • भारत ने मॉर्फिन सहित सभी रूपों में 66 टन अफीम का उत्पादन किया।
  • INCB के अनुमानों के अनुसार, चिंताजनक बात यह है कि उपलब्ध मॉर्फिन के केवल 10 प्रतिशत हिस्से का ही उपयोग दर्द प्रबंधन के लिये किया गया था और लगभग 88 प्रतिशत तक कोडीन (Codeine) में परिवर्तित कर दिया गया जिसका उपयोग खांसी की दवा बनाने के लिये किया जाता है।
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (AIIMS) के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के अनुसार, भारत अफीम का उत्पादन करने वाले शीर्ष देशों में से एक है जो रोगियों के दर्द प्रबंधन के लिये इन पदार्थों की आवश्यकता की पूर्ति आसानी से कर सकता है।

यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC)

  • UNODP संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत एक कार्यालय है जिसकी स्थापना वर्ष 1997 में यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल ड्रग कंट्रोल प्रोग्राम (UNDCP) और संयुक्त राष्ट्र में अपराध निवारण और आपराधिक न्याय विभाग (Crime Prevention and Criminal Justice Division) के संयोजन द्वारा की गई थी।
  • उस समय इसकी स्थापना दवा नियंत्रण और अपराध निवारण कार्यालय (Office for Drug Control and Crime Prevention) के रूप में की गई थी। वर्ष 2002 में इसका नाम बदलकर यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) किया गया।
  • इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है।
  • वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट (World Drug Report) इस कार्यालय द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्ट है।

स्रोत – बिज़नेस लाइन (द हिंदू)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow