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‘आवासीय ऋण’ पर मिलने वाली सब्सिडी की समयावधि में बढ़ोतरी

  • 23 Sep 2017
  • 5 min read

संदर्भ

उल्लेखनीय है कि किफायती आवास उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाकर सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी) के अंतर्गत मिलने वाली ब्याज सब्सिडी की समयावधि में विस्तार कर दिया है। विदित हो कि अब ‘मध्यम आय वर्ग’ (middle-income group-MIG) के लोगों को आवास ऋणों पर मिलने वाली 2.60 लाख रुपये की सब्सिडी की सुविधा मार्च 2019 तक उपलब्ध रहेगी। 

प्रमुख बिंदु

  • दरअसल, सरकार ने मध्यम आय वर्ग के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्राप्त होने वाली ब्याज सब्सिडी की समयावधि में विस्तार कर दिया है।
  • ध्यातव्य है कि दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह घोषणा की थी कि मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी ) के अंतर्गत आने वाली ‘क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना’ (Credit Linked Subsidy Scheme -CLSS) की सुविधा वर्ष 2017 के दिसंबर माह तक ही उपलब्ध रहेगी।
  • वर्तमान में क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना के अंतर्गत 6 लाख रुपये से 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले एम.आई.जी लाभार्थियों को 4% की दर से ब्याज सब्सिडी प्राप्त होती है। परंतु वे लोग जिनकी वार्षिक आय 12 लाख रुपए से अधिक व 18 लाख से कम होती है उन्हें 3% की दर से ब्याज सब्सिडी दी जाती है। 
  • इस प्रकार सरकार द्वारा अन्य करों के साथ ही जी.एस.टी के संबंध में भी चिंता व्यक्त की गई है। विदित हो कि आवासीय संपत्ति की लागत में एक-तिहाई योगदान इन्हीं करों का होता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना(शहरी)

  • प्रधानमंत्री आवास योजना को जून 2015 में लॉन्च किया गया था। इसके अंतर्गत सरकार का लक्ष्य जल की सुविधा, साफ-सफाई और 24 घंटे बिजली की सुविधा युक्त वहनीय पक्के मकानों का निर्माण करना था।
  • आरंभ में इस योजना के अंतर्गत आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर (जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपए से अधिक न हो) और निम्न आय वर्ग (जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपए से अधिक न हो) वाले लोगों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था परंतु अब यह मध्यम आय वर्ग के लोगों को भी कवर करती है। 

इस योजना में चार पहलु शामिल हैं –

  • निजी डेवलपरों के साथ सहयोग कर झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिये घरों का निर्माण करना।
  • नए घरों के निर्माण अथवा मौजूदा घरों के नवीकरण के लिये कमज़ोर और मध्यम आय वर्ग वाले लोगों को उनके ऋणों पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध कराना। 
  • आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर वर्ग के लिये राज्य और संघ शासित क्षेत्रों के साथ भागीदारी कर वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
  • आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर वर्ग तक 1.5 लाख रुपए तक की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता का विस्तार करना। 

इसका महत्त्व क्या है?

  • आज, जहाँ एक ओर भारत के बड़े शहरों में डेवलपरों के पास 50 लाख रुपए तक के लाखों आवास हैं, वहीं देश में ग्रामीण और शहरी गरीबों की वहनीयता के दायरे में आने वाले 5 से 15 लाख रुपए तक के घरों की भारी कमी है।
  • अतः ग्रामीण और शहरी गरीबों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की गई थी। 12 लाख रुपए तक की सब्सिडी युक्त राशि उपलब्ध कराकर इस योजना ने शहरी गरीबों की एक बड़ी आबादी को कवर कर लिया है।
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