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भारतीय राजनीति

ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये सहायता अनुदान

  • 17 Jul 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

15वाँ वित्त आयोग, ग्रामीण स्थानीय निकाय, अनुदान

मेन्स के लिये:

ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये आवंटित सहायता अनुदान का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर 2.63 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों (Rural Local Bodies-RLBs) को 15187.50 करोड़ रुपए की किस्त जारी की है। 

प्रमुख बिंदु

  • पंचायती राज मंत्रालय तथा पेयजल और स्‍वच्‍छता विभाग (जल शक्ति मंत्रालय) की सिफारिश पर वित्त मंत्रालय द्वारा 28 राज्यों में विस्तृत 2.63 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिये यह अनुदान राशि जारी की गई है।
  • वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 की अवधि के लिये ग्रामीण स्थानीय निकायों के अनुदान का कुल आकार 60,750 करोड़ रुपए तय किया है जो वित्त आयोग द्वारा किसी एक वर्ष में किया गया सबसे अधिक आवंटन है।
  • आयोग ने 28 राज्यों में, पंचायती राज के सभी स्तरों के लिये, पाँचवीं और छठी अनुसूची क्षेत्रों के पारंपरिक निकायों सहित, दो भागों में, अनुदान प्रदान करने की सिफारिश की है। अर्थात्-
    (i) बेसिक (Untied) अनुदान
    (ii) बद्ध (Tied) अनुदान
  • अनुदान का 50% बेसिक ग्रांट होगा और 50% बद्ध अनुदान होगा।
    • बेसिक अनुदान (Basic Grant): बेसिक अनुदान अबद्ध हैं और वेतन या अन्य स्थापना व्यय को छोड़कर, स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप RLBs द्वारा उपयोग में लाए जा सकते हैं।
    • बद्ध अनुदान (Tied Grants): बद्ध अनुदान का उपयोग निम्न मूल सेवाओं के लिये किया जाना है:
      • (क) स्वच्छता और ODFs स्थिति का अनुरक्षण।
      • (ख) पेयजल, वर्षा-जल संचयन और जल पुनर्चक्रण की आपूर्ति।
      • RLBs, जहाँ तक संभव हो सके, इन दो महत्त्वपूर्ण सेवाओं में से प्रत्येक के लिये इन बद्ध अनुदानों में से एक को चिन्हित करेगा।
      • हालाँकि यदि किसी RLBs ने एक श्रेणी की आवश्यकताओं को पूरी तरह से संतृप्त कर दिया है तो वह अन्य श्रेणी के लिये धन का उपयोग कर सकता है।

वित्त आवंटन

  • राज्य सरकारें नवीनतम राज्य वित्त आयोग (State Finance Commission) की स्वीकृत सिफारिशों के आधार पर पंचायतों के सभी स्तरों- गाँव, ब्लॉक और ज़िले तथा पाँचवीं एवं छठी अनुसूची क्षेत्रों के पारंपरिक निकायों को 15वें वित्त आयोग का अनुदान वितरित करेंगी, जो 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित निम्नलिखित मानकों के अनुरूप होना चाहिये-
  • ग्राम/ग्राम पंचायतों के लिये 70-85%
  • ब्लॉक/मध्यवर्ती पंचायतों के लिये 10-25%
  • ज़िला/ज़िला पंचायतों के लिये 5-15%
  • दो-स्तरीय प्रणाली वाले राज्यों में केवल ग्राम और ज़िला पंचायतों के मध्य यह वितरण ग्राम/ग्राम पंचायतों के लिये 70-85% और ज़िला/ज़िला पंचायतों के लिये 15-30%।

प्रशासनिक सहायता

  • इसके लिये RLBs को वेब/आईटी इनेबल्ड प्लेटफॉर्म प्रदान किया जाएगा, जिनसे योजना निर्माण, निगरानी, लेखा/लेखा परीक्षा के कार्यों के लिये प्रत्येक स्तर पर धन प्रवाह सुनिश्चित हो सकें।

महत्त्व

  • इस फंड को इस समय RLBs को जारी करना निःसंदेह सर्वाधिक उपयुक्त है, विशेषकर तब जब RLBs COVID-19 महामारी की स्थिति से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।
  • इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस कोष की उपलब्धता RLBs के ग्रामीण नागरिकों को बुनियादी सेवाओं को प्रदान करने में उनकी प्रभावशीलता को बढ़ावा देगी और उन्हें प्रवासी मज़दूरों को लाभकारी रोज़गार प्रदान करने में भी सशक्त बनाएगी जो COVID-19 के कारण मूल स्थानों पर लौट आए हैं।
  • साथ ही रचनात्मक तरीके से ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने में भी सहयोगी होगी।

पंचायती राज मंत्रालय सक्रिय रूप से राज्यों को उपरोक्त कार्यों में समर्थन देगा, जिनसे 15वें वित्त आयोग के अनुदानों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

स्रोत: PIB

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