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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

मोबाइल फोनों में जीपीएस अनिवार्य

  • 04 Aug 2017
  • 2 min read

संदर्भ 
सरकार द्वारा फीचर फोन सहित सभी मोबाइल फोनों में 1 जनवरी 2018 से जीपीएस अनिवार्य बनाने के फैसले से उद्योग जगत की परेशानियाँ बढ़ गई हैं। उद्योग जगत के अनुसार ऐसा करने से फोन की लागत 40-50  फीसदी तक बढ़ सकती है।  

प्रमुख बिंदु 

  • सरकार ने 1 जनवरी 2018 से भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल फोनों में जीपीएस स्थापित करना अनिवार्य बना दिया है, जिससे आपातकालीन स्थितियों में उपयोगकर्त्ता के अवस्थिति का पता लगाना आसान हो जाएगा।
  • इस नीति की निहितार्थों की समीक्षा के लिये दूरसंचार मंत्रालय शीघ्र ही हैंडसेट निर्माताओं के साथ एक बैठक आयोजित कर, उनकी भी शिकायतें सुनेगा और तब कोई निर्णय लेगा।

क्या है जीपीएस ?

  • यह एक उपग्रह आधारित वैश्विक नेवीगेशन प्रणाली है, जो अवस्थिति और समय की जानकारी देती है। 
  • इस प्रणाली का प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, भूमि सर्वेक्षण, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, सर्विलांस और ट्रैक करने में किया जाता है। 
  • जीपीएस रिसीवर अपनी स्थिति का आकलन, पृथ्वी से ऊपर स्थित किये गए उपग्रहों के समूह द्वारा भेजे जाने वाले संकेतों के आधार पर करता है। प्रत्येक उपग्रह लगातार संदेश रूपी संकेत प्रसारित करता रहता है।

समस्या क्या है ?

  • फीचर फोन को जीपीएस सक्षम करने के संबंध में पूरे उद्योग को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
  • भारत में मोबाइल फोन बाज़ार का 40% से अधिक हिस्सा फीचर्स फोन का है, जो औसतन 1,500 रुपए में बिकता है। 
  • फीचर फोन में जीपीएस घटक को जोड़ना तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इसके लिये मोबाइल फोन को अधिक शक्ति और स्मृति की आवश्यकता होगी और इससे फोन की लागत 40-50% बढ़ जाएगी।
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