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परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ (ARC) संबंधी चिंताएँ

  • 09 Sep 2024
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ (ARC), गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ (NPA), प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियाँ (AUM), खुदरा NPA, राष्ट्रीय एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL), दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता, (IBC), SARFAESI अधिनियम, 2002, मैदावोलु नरसिम्हम, योग्य खरीदार

मेन्स के लिये:

परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) के कामकाज़ में चुनौतियाँ और उपचारात्मक उपाय

स्रोत: लाइव मिंट

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मार्च 2024 तक गैर-निष्पादित परिसंपात्तियों (Non Performing Assets- NPA) का स्तर घटकर 12 वर्ष के निम्नतम स्तर 2.8% पर पहुँच गया जिसके कारण परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (Asset Reconstruction Companies- ARC) की संवृद्धि में मंदी देखी गई।

  • रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार 2023-2024 में स्थिर रहने के बाद ARC द्वारा प्रबंधन के अधीन संपत्ति (AUM) 2024-2025 में 7-10% तक घट जाएगी।

परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARC) से संबंधित चिंताएँ क्या हैं?

  • कम व्यावसायिक संभावना: नई गैर-निष्पादित कॉर्पोरेट परिसंपत्तियों में कमी ने ARC को छोटे कम लाभदायक खुदरा ऋणों पर ध्यान केंद्रित करने के लिये प्रेरित किया है।
  • चूँकि नई गैर-निष्पादित कॉर्पोरेट परिसंपत्तियों की संख्या में कमी आ रही है, इसलिये ARC लघु, कम लाभदायक खुदरा ऋणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
    • इस बदलाव के बावजूद खुदरा NPA में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है, जो ARC के लिये अवसरों को और सीमित करता है।
  • निवेश में वृद्धि का अधिदेश: अक्तूबर 2022 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ARC को बैंक निवेश का कम से कम 15% प्रतिभूति रसीदों (Security Receipts) में या जारी की गई कुल प्रतिभूति रसीदों का 2.5%, जो भी अधिक हो, निवेश करने का निर्देश दिया।
  • निवल स्वाधिकृत निधि आवश्यकताएँ: अक्तूबर 2022 में RBI ने ARC के लिये न्यूनतम निवल स्वाधिकृत निधि (Net Owned Funds) आवश्यकता को 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए कर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ARC की बैलेंस शीट सुदृढ़ हो।
    • इस निर्णय ने ARC के पूंजी उपयोग पर अतिरिक्त बाधाएँ लगाईं, जिसमें कई ₹300 करोड़ की आवश्यकता को पूरा करने के लिये संघर्ष कर रहे थे, जिससे कंपनियों के बीच विलय हुए अथवा कई कंपनियाँ क्षेत्र से बाहर हुईं।
      • निवल स्वाधिकृत निधि, निवल मूल्य (Net Worth) के समान होती हैं तथा इन्हें कंपनी के स्वामित्व तथा बकाया राशि के बीच के अंतर के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • NARCLसे प्रतिस्पर्द्धा: राज्य के स्वामित्व वाली राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (NARCL) की स्थापना परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिये एक गंभीर चुनौती है क्योंकि NARCL सरकार द्वारा गारंटीकृत प्रतिभूति रसीदें प्रदान करती है, जो वित्तीय संस्थानों के लिये अधिक आकर्षक हैं।
  • विनियामक चुनौतियाँ: RBI ने यह भी अनिवार्य किया है कि ARC को सभी निपटान प्रस्तावों के लिये एक स्वतंत्र सलाहकार समिति से अनुमोदन प्राप्त करना होगा। 
    • इस उपाय के कारण निपटानों की मंज़ूरी में देरी हुई है, विशेष रूप से खुदरा ऋणों के मामले में क्योंकि सलाहकार समितियाँ भविष्य में जाँच से बचने के लिये सतर्क हैं।
    • RBI की बढ़ती जाँच से प्रमुख ARC प्रभावित हुए हैं, एडलवाइस ARC को संबंधित समूह ऋणों के माध्यम से नियमों को दरकिनार करने के कारण नए ऋण देने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • विश्वास की कमी: ऐसा प्रतीत होता है कि नियामक (RBI) और ARC के बीच विश्वास की कमी उत्पन्न हो गई है।
    • RBI ने चिंता व्यक्त की है कि कुछ लेन-देन से डिफॉल्टर्स प्रमोटरों को अपनी परिसंपत्तियों पर नियंत्रण पुनः प्राप्त करने में मदद मिल रही है, जो दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code- IBC) की धारा 29A के प्रावधानों का उल्लंघन है।
    • IBC की धारा 29A डिफॉल्टर प्रमोटरों को अपनी दिवालिया फर्मों के लिये बोली लगाने से रोकती है।

RBI क्यों विपर्यय (Upset) है?

  • कुछ ARC ने विनियमन से बचने के लिये लेन-देन की संरचना हेतु "नवाचार तरीकों" का उपयोग किया।
  • उन्होंने स्वयं को सदाबहार संकटग्रस्त परिसंपत्तियों का माध्यम बनने दिया।
  • तनाव को दूर करने के लिये उधारकर्त्ताओं के साथ एकमुश्त निपटान का अक्सर उपयोग किया जाता है।
  • ARC मार्ग का उपयोग दागी प्रमोटरों द्वारा चूक के बाद नियंत्रण पुनः प्राप्त करने के लिये किया जा रहा है।

ARC क्या है?

  • परिचय: परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (ARC) एक विशेष प्रकार की वित्तीय संस्था है, जो बैंक के ऋणों को पारस्परिक रूप से सहमत मूल्य पर खरीदती है तथा ऋणों या संबंधित प्रतिभूतियों की वसूली स्वयं करने का प्रयास करती है।
    • ARC की पृष्ठभूमि: ARC की अवधारणा नरसिम्हम समिति-II (1998) द्वारा प्रस्तुत की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप सिक्योरिटाइज़ेशन एंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एनफोर्समेंट ऑफ सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट, 2002 (SARFAESI अधिनियम, 2002) के अंतर्गत ARC की स्थापना की गई।
    • वर्तमान में RBI के साथ 27 ARC पंजीकृत हैं, जिनमें NARCL, एडलवाइस ARC और आर्किल जैसी उल्लेखनीय कंपनियाँ शामिल हैं।
    • ARC का पंजीकरण और विनियमन: ARC कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत है और उसे SARFAESI अधिनियम की धारा 3 के तहत RBI के साथ भी पंजीकृत होना चाहिये।
    • वे SARFAESI अधिनियम और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करते हैं।
    • ARC के लिये वित्तपोषण: ऐसे ऋणों (NPA) को खरीदने के लिये आवश्यक धनराशि अर्हता प्राप्त क्रेताओं (Qualified Buyers- QB) से जुटाई जा सकती है। QB एकमात्र संस्थाएँ हैं, जिनसे ARC धन जुटा सकती हैं।
    • QB में बीमा कंपनियाँ, बैंक, राज्य वित्तीय और औद्योगिक विकास निगम, SARFAESI के तहत पंजीकृत ट्रस्टी या ARC तथा SEBI के साथ पंजीकृत परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियाँ शामिल हैं।
    • ARC की कार्यप्रणाली: 
    • ARC नकदी या नकदी-सुरक्षा रसीदों के संयोजन के लिये छूट पर आपात ऋण खरीदते हैं, जिन्हें आठ वर्षों के भीतर मोचित किया जा सकता है।
    • आस्ति/परिसंपत्ति पुनर्निर्माण (Asset Reconstruction): इसमें रिकवरी के उद्देश्य से ऋण, एडवांस, डिबेंचर, बॉण्ड , गारंटी या अन्य क्रेडिट सुविधाओं में बैंक या वित्तीय संस्थान के अधिकारों को प्राप्त करना शामिल है, जिसे सामूहिक रूप से 'वित्तीय सहायता' कहा जाता है।
    • प्रतिभूतिकरण: इसमें योग्य खरीदारों को प्रतिभूति रसीदें जारी करके वित्तीय परिसंपत्तियाँ प्राप्त करना शामिल है।

गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) 

  • परिचय: किसी ऋण को NPA के रूप में तब वर्गीकृत किया जाता है जब उसे न्यूनतम 90 दिनों की अवधि के भीतर चुकाया नहीं जाता।
    • कृषि के लिये किसी ऋण को NPA के रूप में वर्गीकृत किया जाता है यदि दो फसल मौसमों के लिये मूलधन या ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है।
  • NPA के प्रकार: बैंक NPA को इस आधार पर तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हैं कि परिसंपत्ति कितने समय से गैर-निष्पादित है और बकाया राशि वसूलने की संभावना कितनी है।
    • अवमानक परिसंपत्तियाँ: अवमानक आस्तियाँ वह परिसंपत्ति है जिसे 12 महीने से कम या उसके तुल्य अवधि के लिये NPA के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
    • अशोध्य/संदिग्ध परिसंपत्तियाँ: संदिग्ध आस्तियाँ वह परिसंपत्ति है जो 12 महीने से अधिक अवधि के लिये गैर-निष्पादित रही है।
    • हानि आस्ति: ऐसी संपत्ति जो वसूली योग्य नहीं है और जिसकी वसूली की बहुत कम या कोई उम्मीद नहीं है तथा जिसे पूरी तरह से बट्टे खाते में डालने की आवश्यकता है।

RBI द्वारा ARC विनियमन में हाल ही में किये गए बदलाव

  • शासन संरचना को मजबूत करना: RBI ने अनिवार्य किया है कि ARC में कॉर्पोरेट प्रशासन को बढ़ाने के लिये बोर्ड की अध्यक्षता और बोर्ड मीटिंग में कम से कम आधे निदेशक स्वतंत्र निदेशक होने चाहिये।
  • पारदर्शिता बढ़ाना: ARC को सुरक्षा रसीद निवेशकों के लिये रिटर्न उत्पन्न करने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड का खुलासा करना चाहिये और पारदर्शिता बढ़ाने के लिये पिछले आठ वर्षों में शुरू की गई योजनाओं के लिये रेटिंग एजेंसियों के साथ सहयोग करना चाहिये।
  • संशोधित निवेश आवश्यकताएँ: ARC को सुरक्षा प्राप्तियों (SR) में अंतरणकर्त्ताओं के निवेश का कम से कम 15% या जारी की गई कुल प्राप्तियों का 2.5%, जो भी अधिक हो, निवेश करना होगा, जो सभी प्राप्तियों के 15% की पिछली आवश्यकता को प्रतिस्थापित करेगा।

ARC के समक्ष चुनौतियों का समाधान करने के लिये क्या उपाय किये जा सकते हैं?

  • एसेट पोर्टफोलियो का विविधीकरण: ARC को पारंपरिक कॉर्पोरेट और खुदरा ऋणों से परे अवसरों की खोज़ करके अपने एसेट पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिये। 
    • इसमें बुनियादी ढाँचा, MSME और तनावग्रस्त जैसे क्षेत्र शामिल हो सकते हैं जिनमें अभी भी सुधार की संभावना है। 
  • विनियामक पारदर्शिता और सहयोग में सुधार: ARC को पारदर्शी संचालन और सभी दिशानिर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिये आरबीआई तथा अन्य विनियामक निकायों के साथ मिलकर कार्य करना चाहिये। 
    • एक मानक आचार संहिता स्थापित करने से विश्वास और जवाबदेही में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है।
  • निपटान में दक्षता बढ़ाना: स्वतंत्र सलाहकार समितियों से अनिवार्य अनुमोदन के कारण होने वाली देरी का मुकाबला करने के लिये ARC एआई-संचालित एनालिटिक्स जैसी तकनीक का उपयोग कर सकते हैं, जो तेज़ी से मूल्यांकन करने में मदद कर सकती है, जिससे अनुपालन बनाए रखते हुए देरी को कम किया जा सकता है।
  • NARCL के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा को अपनाना: निजी ARC को विशिष्ट बाज़ारों के अनुरूप विशेष समाधान प्रदान करके या तीव्रता से वसूली तंत्र पर ध्यान केंद्रित करके अपनी सेवाओं को अलग करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (ARC) के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिये और उनकी प्रभावशीलता बढ़ाने के उपाय बताइये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न.निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा हाल ही में समाचारों में आए ‘दबावयुक्त परिसम्पत्तियों के धारणीय संरचन पद्धति (स्कीम फॉर सस्टेनेबल स्ट्रक्चरिंग ऑफ स्ट्रेचड एसेट्स/S4A)’ का सर्वोत्कृष्ट वर्णन करता है?

(a) यह सरकार द्वारा निरूपित विकासपरक योजनाओं की पारिस्थितिक कीमतों पर विचार करने की पद्धति है।
(b) यह वास्तविक कठिनाइयों का सामना कर रही बड़ी कॉर्पोरेट इकाइयों की वित्तीय संरचना के पुनर्संरचन के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक की स्कीम है।
(c) यह केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के बारे में सरकार की विनिवेश योजना है।
(d) यह सरकार द्वारा हाल ही में क्रियान्वित ‘इंसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्ट्सी कोड’ का एक महत्त्वपूर्ण उपबंध है।

उत्तर: (b)

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