इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट छोड़ने से चीन का इनकार

  • 20 Apr 2021
  • 7 min read

fचर्चा में क्यों?

हाल ही में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिये भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच 11वें दौर की चर्चा के दौरान चीन ने चार मूल संघर्ष बिंदुओं में से दो से हटने से इनकार कर दिया।

  • चीन हॉट स्प्रिंग्स (Hot Springs) में पेट्रोलिंग पॉइंट 15 (PP15) और गोगरा पोस्ट (Gogra Post) के पास पेट्रोलिंग पॉइंट PP17A दोनों बिंदुओं पर सैन्य वाहनों के साथ-साथ बड़ी संख्या में सैनिक मौजूद हैं।
  • अन्य दो संघर्ष बिंदु गलवान घाटी (Galwan Valley) और देपसांग मैदान (Depsang Plains) में हैं।

PP14

प्रमुख बिंदु

पेट्रोलिंग पॉइंट 15 और 17A:

  • भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) के साथ भारतीय सेना को कुछ निश्चित स्थान दिये गए हैं, जहाँ उसके सैनिकों की पहुँच अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में है।
  • इन बिंदुओं को पेट्रोलिंग पॉइंट्स या PPs के रूप में जाना जाता है, जो चीनी अध्ययन समूह (China Study Group) द्वारा तय किये जाते हैं।
    • CSG की स्थापना वर्ष 1976 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के काल में हुई थी। यह चीन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है।
  • ये पेट्रोलिंग पॉइंट्स देपसांग मैदान जैसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर LAC पर हैं और सैनिक इन पॉइंट्स का उपयोग क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बनाए रखने के लिये करते हैं।
    • यह एक महत्त्वपूर्ण काम है क्योंकि भारत और चीन के बीच सीमा अभी तक आधिकारिक रूप से सीमांकन नहीं हुआ है।
    • LAC भारतीय-नियंत्रित क्षेत्र को चीनी-नियंत्रित क्षेत्र से अलग करता है।
  •  LAC से लगे लद्दाख क्षेत्र के 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से दो PP15 और PP17A हैं।
    • ये दोनों पॉइंट एक ऐसे क्षेत्र में हैं जहाँ भारत और चीन बड़े पैमाने पर LAC के संरेखण पर सहमत हैं।
  • PP15 हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में और PP17A गोगरा पोस्ट के पास है।

हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट की अवस्थिति:

  • हॉट स्प्रिंग्स चांग चेनमो (Chang Chenmo) नदी के उत्तर में है और गोगरा पोस्ट इस नदी के गलवान घाटी से दक्षिण-पूर्व दिशा से दक्षिण-पश्चिम की ओर मुड़ने पर बने हेयरपिन मोड़ (Hairpin Bend) के पूर्व में है।
  • यह क्षेत्र काराकोरम श्रेणी (Karakoram Range) के उत्तर में है जो पैंगोंग त्सो (Pangong Tso) झील के उत्तर में और गलवान घाटी के दक्षिण में स्थित है।

महत्त्व:

  • भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमा का दावा पूर्व की ओर अधिक है, क्योंकि इसमें पूरा अक्साई चिन (Aksai Chin) का क्षेत्र भी शामिल है।
    • यह क्षेत्र कोंग्का दर्रे (Kongka Pass) के पास है जो चीन के अनुसार भारत और चीन के बीच की सीमा को चिह्नित करता है।
  • हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट, चीन के दो सबसे अशांत प्रांतों (शिनजियांग और तिब्बत) की सीमा के करीब हैं।

पैंगोंग त्सो झील

  • पैंगोंग झील केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में स्थित है।
  • यह लगभग 4,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जो विश्व की सबसे ऊँचाई पर स्थित खारे पानी की झील है।
  • लगभग 160 किमी. क्षेत्र में फैली पैंगोंग झील का एक-तिहाई हिस्सा भारत में है और दो-तिहाई हिस्सा चीन में है।

गलवान घाटी

  • गलवान घाटी सामान्यतः उस भूमि को संदर्भित करती है, जो गलवान नदी (Galwan River) के पास मौजूद पहाड़ियों के बीच स्थित है।
  • गलवान नदी का स्रोत चीन की ओर अक्साई चिन में मौजूद है और आगे चलकर यह भारत की श्योक नदी (Shyok River) में मिलती है।
  • ध्यातव्य है कि यह घाटी पश्चिम में लद्दाख और पूर्व में अक्साई चिन के बीच स्थित है, जिसके कारण यह रणनीतिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है।

चांग चेनमो नदी

  • यह श्योक नदी की सहायक नदी है, जो सिंधु नदी (Indus River) प्रणाली का हिस्सा है।
  • यह विवादित अक्साई चिन क्षेत्र के दक्षिणी किनारे पर और पैंगोंग झील बेसिन के उत्तर में स्थित है।
  • चांग चेनमो का स्रोत लनक दर्रे (Lanak Pass) के पास है।

कोंग्का दर्रा

  • कोंग्का दर्रा या कोंग्का ला एक पहाड़ी दर्रा है, जिससे चांग चेनमो घाटी में प्रवेश किया जाता है। यह लद्दाख में विवादित भारत-चीन सीमा क्षेत्र में है।

काराकोरम श्रेणी

  • इसे कृष्णगिरि के नाम से भी जाना जाता है जो ट्रांस-हिमालय पर्वतमाला की सबसे उत्तरी श्रेणी में स्थित है। यह अफगानिस्तान और चीन के साथ भारत की सीमा बनाती है।
  • यह पामीर से पूर्व की ओर लगभग 800 किमी. तक फैली हुई है। यह ऊँची चोटियों [5,500 मीटर और उससे अधिक ऊँचाई] के साथ एक सीमा है।
  • कुछ चोटियाँ समुद्र तल से 8,000 मीटर से अधिक ऊँची हैं। इस श्रेणी में पृथ्वी की कई शीर्ष चोटियाँ स्थित हैं जैसे- K2, जिसकी ऊँचाई 8,611 मीटर है तथा जो विश्व की दूसरी सबसे ऊँची चोटी है।
  • लद्दाख पठार काराकोरम श्रेणी के उत्तर-पूर्व में स्थित है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2