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जैव विविधता और पर्यावरण

मीथेन उत्सर्जन को कम करने में जीवाणुओं की प्रजाति का योगदान

  • 24 Aug 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

मीथेन उत्सर्जन को कम करने में जीवाणुओं की प्रजाति का योगदान, ग्रीनहाउस गैस, ग्लोबल वार्मिंग, जलीय कृषि

मेन्स के लिये:

मीथेन उत्सर्जन को कम करने में जीवाणुओं की प्रजाति का योगदान

स्रोत: डाउन टू अर्थ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज़ में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि जीवाणु का एक प्रकार, जिसे मिथाइलोटुविमाइक्रोबियम ब्यूरेटेंस 5GB1C के नाम से जाना जाता है, लैंडफिल, धान के खेतों और तेल तथा गैस के कुओं जैसे प्रमुख उत्सर्जन स्थलों से मीथेन को कम करने में मदद कर सकता है।

  • जीवाणुओं की इस प्रजाति में मीथेन, जो कि  कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में काफी अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, को उपभोग के माध्यम से कम करने की क्षमता का पता चला है। इससे ग्लोबल वार्मिंग को भी काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।

प्रमुख बिंदु:

  • मीथेन उत्सर्जन को कम करने में जीवाणुओं की प्रजाति की भूमिका:
    • अध्ययन में पाया गया है कि मिथाइलोटुविमाइक्रोबियम ब्यूरेटेंस 5GB1C प्रजाति मीथेन का सेवन करती है।
      • मीथेन, जिसे ग्रीनहाउस गैस के रूप में जाना जाता है, का कुल ग्लोबल वार्मिंग में योगदान लगभग 30% है और यदि 20 वर्ष की अवधि में देखें तो हम पाएँगे कि यह कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 85 गुना अधिक शक्तिशाली है।
    • बैक्टीरिया की 200 PPM जैसी कम सांद्रता पर मीथेन का उपभोग करने की क्षमता, इसे मीथेन हटाने की तकनीक के लिये सहायक बनाती है।
    • अन्य मीथेन खाने वाले बैक्टीरिया (मीथेनोट्रॉफ) सबसे अधिक तब उत्पन्न होते हैं जब मीथेन की सांद्रता लगभग 5,000-10,000 भाग प्रति मिलियन (PPM) होती है।
  • वैश्विक तापमान पर संभावित प्रभाव:
    • इस जीवाणु प्रजाति/स्ट्रेन को नियोजित करके वर्ष 2050 तक लगभग 240 मिलियन टन मीथेन उत्सर्जन को वायुमंडल में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।
      • मीथेन उत्सर्जन में इस कमी से वैश्विक औसत तापमान में 0.21-0.22 डिग्री सेल्सियस की कमी हो सकती है।
      • यह कमी जलवायु परिवर्तन को कम करने और तापमान वृद्धि को सीमित करने के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।
  • बैक्टीरियल बायोमास का उपयोग:
    • जैसे ही बैक्टीरिया मीथेन का उपभोग करते हैं, वे बायोमास उत्पन्न करते हैं जिसका उपयोग एक्वाकल्चर में फीड के रूप में किया जा सकता है। 
    • प्रत्येक टन मीथेन की खपत के लिए, बैक्टीरिया शुष्क भार (Dry Weight) के साथ 0.78 टन बायोमास का उत्पादन कर सकता है।
      • इस बायोमास का आर्थिक मूल्य लगभग 1,600 अमेरिकी डॉलर प्रति टन होने का अनुमान है, जो मीथेन कटौती प्रक्रिया से अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है।

चुनौतियाँ और प्रमुख कारक: 

  • इस तकनीक को बढ़ाने से बैक्टीरिया के इष्टतम विकास के लिये तापमान को नियंत्रित करने जैसी चुनौतियाँ सामने आती हैं।
  • बैक्टीरिया 25-30 डिग्री सेल्सियस के तापमान रेंज में विकसित होते हैं, इसलिये सावधानीपूर्वक तापमान प्रबंधन की आवश्यकता होती है।
  • विशेष रूप से विभिन्न जलवायु वाले क्षेत्रों, जैसे समशीतोष्ण, उष्णकटिबंधीय और आर्कटिक क्षेत्रों में, इसकी आर्थिक व्यवहार्यता और ऊर्जा दक्षता महत्त्वपूर्ण कारक हैं।
  • शोधकर्ता इस तकनीक को बड़े पैमाने पर उपयोग करने की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिये इसके लिये क्षेत्रीय अध्ययन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं।
  • प्रौद्योगिकी के पर्यावरणीय जीवन चक्र तथा तकनीकी-आर्थिक विश्लेषण कर इसकी आर्थिक व्यवहार्यता और पर्यावरणीय लाभ दोनों को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के निक्षेपों के बारे में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं?  (2019)

1. भूमंडलीय तापन के कारण इन निक्षेपों से मीथेन गैस का निर्मुक्त होना प्रेरित हो सकता है।
2. ‘मीथेन हाइड्रेट’ के विशाल निक्षेप उत्तरी ध्रुवीय टुंड्रा में तथा समुद्र अधस्तल के नीचे पाए जाते हैं।
3. वायुमंडल के अंदर मीथेन एक या दो दशक के बाद कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीकृत हो जाती है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

व्याख्या: 

  • अशांत समुद्र के नीचे मीथेन हाइड्रेट्स के निक्षेप एक बड़े पारिस्थितिक खतरे को उत्पन्न कर सकते हैं। यहाँ तक कि अगर इन मीथेन हाइड्रेट्स निक्षेपों का एक छोटा सा हिस्सा भी प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से विघटित हो जाता है, तो भूमंडलीय तापन के कारण यह मीथेन गैस को बड़ी मात्रा में निर्मुक्त होने के लिये प्रेरित कर सकता है। अतः कथन 1 सही है ।
  • मीथेन हाइड्रेट्स महाद्वीपीय ढलानों के निचले सीमांत क्षेत्रों के साथ निर्मित होते हैं, जहाँ समुद्र अधस्तल अपेक्षाकृत उथले शेल्फ से नीचे रहता है, आमतौर पर समुद्र की सतह से लगभग 150 मीटर नीचे। जलवायु के लिये गैस हाइड्रेट्स की संवेदनशीलता, तापन घटना की अवधि, समुद्र अधस्तल या टुंड्रा सतह के नीचे गैस हाइड्रेट्स की गहराई तथा गैस हाइड्रेट्स को पृथक करने हेतु तलछट को गर्म करने के लिये आवश्यक तापन की मात्रा आदि पर निर्भर करती है। अतः कथन 2 सही है।
  • मीथेन के साथ समस्या यह है कि यह बिना अपने अवशेष छोड़े नष्ट नहीं होती है, भले ही यह कम अवधि के लिये वातावरण में रहती हो जो कि औसतन 10 वर्ष है। मुक्त ऑक्सीजन की उपस्थिति में कार्बन का एक मीथेन अणु अपने चार हाइड्रोजन परमाणुओं से कार्बन डाइऑक्साइड बनने के लिये अलग हो जाता है। अतः कथन 3 सही है।
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