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शासन व्यवस्था

ई-गवर्नेंस 2021 पर 24वांँ राष्ट्रीय सम्मेलन

  • 17 Jan 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ई-गवर्नेंस पर राष्ट्रीय सम्मेलन

मेन्स के लिये:

ई-गवर्नेंस की अवधारणा एवं शासन में इसके लाभ, ई-गवर्नेंस से संबंधित विभिन्न सम्मेलन, ई-गवर्नेंस को सुविधाजनक बनाने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) तथा  इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार ने तेलंगाना सरकार के सहयोग से 24वें ई-गवर्नेंस राष्ट्रीय सम्मेलन ( National Conference on e-Governance- NCeG)-2021 का आयोजन किया।

  • DARPG प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ सामान्य रूप से राज्यों और विशेष रूप से केंद्र सरकार की एजेंसियों से संबंधित लोगों की शिकायतों के निवारण हेतु भारत सरकार की नोडल एजेंसी है।

प्रमुख बिंदु 

  •  24वें राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में:
    • यह सम्मेलन ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिये कुछ नवीनतम तकनीकों पर आधारित विचारों के रचनात्मक आदान-प्रदान के लिये एक मंच प्रदान करता है।
    • दो दिवसीय सम्मेलन में आयोजित सत्रों के दौरान गहन विचार-विमर्श के बाद ई-गवर्नेंस समापन में ’हैदराबाद घोषणा’ (Hyderabad Declaration) को स्वीकार किया गया।
      • घोषणा का उद्देश्य नागरिकों और सरकारों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से करीब लाना तथा प्रौद्योगिकी के उपयोग के द्वारा नागरिक सेवाओं को परिवर्तित करना है।
    • सम्मेलन ने संकल्प लिया कि भारत सरकार और राज्य सरकारें निम्नलिखित में सहयोग करेंगी:
      • आधार, यूपीआई, डिजिलॉकर, उमंग (यूनिफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस), ई-हस्ताक्षर और सहमति रूपरेखा सहित इंडिया स्टैक की कलाकृतियों का लाभ उठाकर प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से नागरिक सेवाओं में बदलाव।
      • संबद्ध सेवाओं हेतु ओपन इंटर-ऑपरेबल आर्किटेक्चर को अपनाकर स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि आदि प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर के सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का तेजी से कार्यान्वयन करना।
      • सरकारी संस्थाओं के भीतर डेटा साझा करने की सुविधा के लिये डेटा गवर्नेंस ढांँचे का संचालन करना और नकारात्मक सूची को छोड़कर सभी डेटा को  data.gov.in पर उपलब्ध कराना।
      • सामाजिक अधिकारिता के लिये उभरती हुई प्रौद्योगिकी जैसे- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, 5जी, ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी आदि के उचित उपयोग को प्रोत्साहन देना।
      • भविष्य की प्रौद्योगिकियों को लेकर कुशल संसाधनों के एक बड़े पूल के निर्माण के माध्यम से भारत को उभरती हुई प्रौद्योगिकी का वैश्विक केंद्र बनाना।
      • महामारी जैसे व्यवधानों का सामना करने के लिये मज़बूत तकनीकी समाधानों के साथ लचीला सरकारी बुनियादी ढाँचा सुनिश्चित करना।
      • जन शिकायतों के निर्बाध निवारण हेतु सभी राज्य/ज़िला पोर्टलों को केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) के साथ एकीकृत करना।
      • ई-गवर्नेंस परिदृश्य में सुधार के लिये एमईआईटीवाई (MeITY) के सहयोग से राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट (एनईएसडीए) 2021 को अपनाया जाएगा।
  • थीम: "महामारी के बाद वर्ल्ड में डिजिटल गवर्नेंस"
  • राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2021:
    • ई-गवर्नेंस से संबंधित पहलों के कार्यान्वयन को मान्यता देने के लिये उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार 2021 प्रदान किये गए हैं।
    • केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों, ज़िलों, स्थानीय निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों को पुरस्कार योजना की 6 श्रेणियों के तहत 26 पुरस्कार प्रदान किये गए।
  • ये पुरस्कार वर्ष 2003 से दिये जा रहे हैं।

ई-गवर्नेंस:

  • परिचय:
    • इसे सरकार द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग के रूप में परिभाषित किया जा सकता है ताकि सरकारी सेवाएँ, सूचना का आदान-प्रदान और विभिन्न स्टैंडअलोन सिस्टम तथा सेवाओं का एकीकरण किया जा सके।
    • ई-गवर्नेंस के माध्यम से नागरिकों और व्यवसायों को सुविधाजनक, कुशल और पारदर्शी तरीके से सरकारी सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
  • ई-गवर्नेंस में सहभागिता के प्रकार
    • सरकार-से-सरकार (G2G):
      • इसमें सरकार के भीतर यानी केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकारों के बीच या एक ही सरकार की विभिन्न शाखाओं के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है।
    • सरकार-से-नागरिक (G2C): 
      • इसमें नागरिकों के पास एक मंच होता है जिसके माध्यम से वे सरकार के साथ बातचीत कर सकते हैं और सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं।
    • सरकार-से-व्यापार (G2B):
      • व्यवसायों को दी जाने वाली सरकार की सेवाओं के संबंध में व्यवसाय, सरकार के साथ निर्बाध रूप से बातचीत करने में सक्षम हैं।
    • सरकार-से-कर्मचारी (G2E):
      • सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच वार्ता एक कुशल और त्वरित तरीके से होती है।
  • उद्देश्य:
    • सरकार, नागरिकों और व्यवसायों के लिये शासन का समर्थन एवं सरलीकरण करना।
    • कुशल सार्वजनिक सेवाओं और लोगों, व्यवसायों और सरकार के बीच प्रभावी वार्ता के माध्यम से समाज की ज़रूरतों एवं अपेक्षाओं को पूरा करते हुए सरकारी प्रशासन को अधिक पारदर्शी व जवाबदेह बनाना।
    • सरकार में भ्रष्टाचार को कम करना।
    • सेवाओं और सूचनाओं का त्वरित प्रशासन सुनिश्चित करना।
    • व्यापार की कठिनाइयों को कम करने के लिये तत्काल जानकारी प्रदान करना और ई-व्यवसाय द्वारा डिजिटल संचार को सक्षम करना।
  • चुनौतियाँ
    • कंप्यूटर साक्षरता की कमी: भारत एक विकासशील देश है और अधिकांश नागरिकों में कंप्यूटर साक्षरता का अभाव है जो ई-गवर्नेंस की प्रभावशीलता में बाधा डालता है।
    • पहुँच की कमी: देश के कुछ हिस्सों में इंटरनेट या यहाँ तक कि कंप्यूटर तक पहुँच की भारी कमी ई-गवर्नेंस हेतु चुनौतीपूर्ण है।
    • मानव संपर्क का नुकसान: ई-गवर्नेंस के परिणामस्वरूप मानव-से-मानव के बीच संपर्क में कमी आती है। जैसे-जैसे प्रणाली अधिक यंत्रीकृत होती जाती है, लोगों के बीच अंतःक्रिया कम हो जाती है।
    • डेटा चोरी का जोखिम: यह व्यक्तिगत डेटा की चोरी और रिसाव के जोखिम को जन्म देता है।
    • लचर प्रशासन: ई-गवर्नेंस एक ढीले और लचर प्रशासन को बढ़ावा देता है। सेवा प्रदाता आसानी से ‘सर्वर डाउन’ या ‘इंटरनेट काम नहीं कर रहा है’ आदि जैसे तकनीकी आधार पर सेवा प्रदान नहीं करने का बहाना बन सकते हैं।
  • भारतीय संदर्भ में ई-गवर्नेंस:
    • भारत में केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर बड़ी संख्या में ई-गवर्नेंस पहलें शुरू की गई हैं।
    • वर्ष 2006 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) तैयार की गई थी, जिसका उद्देश्य सभी सरकारी सेवाओं को आम आदमी के लिये सुलभ बनाना, दक्षता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है। आम आदमी की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सस्ती कीमत पर ऐसी सेवाएँ प्रदान करना।
    • NeGP ने कई ई-गवर्नेंस पहलों को सक्षम किया है::
      • डिजिटल इंडिया, आधार, myGov.in, (नए जमाने के शासन के लिये एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन) ऐप, डिजिटल लॉकर, PayGov, भूमि अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण।
        • myGov.in एक राष्ट्रीय नागरिक जुड़ाव मंच है, जहाँ लोग विचारों को साझा कर सकते हैं और नीति और शासन के मामलों में शामिल हो सकते हैं।
        • PayGov सभी सार्वजनिक और निजी बैंकों को ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करता है।

आगे की राह

  • ग्रामीण क्षेत्रों में ई-शासन की पहल ज़मीनी हकीकत की पहचान और विश्लेषण करके की जानी चाहिये।
  • सरकार को विभिन्न हितधारकों अर्थात नौकरशाहों, ग्रामीण जनता, शहरी जनता, निर्वाचित प्रतिनिधियों, आदि के लिये उचित, व्यवहार्य, विशिष्ट और प्रभावी क्षमता निर्माण तंत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
  • ई-गवर्नेंस से संबंधित सेवाओं के वितरण को बढ़ाने में क्लाउड कंप्यूटिंग की एक बड़ी भूमिका है। क्लाउड कंप्यूटिंग न केवल लागत में कमी लाने का एक उपकरण है, बल्कि नई सेवाओं को प्रदान करने में सक्षम होने के साथ ही शिक्षा प्रणाली में सुधार और नई नौकरियों / अवसरों के सृजन में भी मदद करता है।
  • मेघराज- जीआई क्लाउड सही दिशा में एक कदम है। इस पहल का उद्देश्य सरकार के आईसीटी खर्च को कम करते हुए देश में ई-सेवाओं के वितरण में तेज़ी लाना है।
  • क्षेत्रीय भाषाओं के माध्यम से ई-गवर्नेंस भारत जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र के लिये अत्यंत प्रासंगिक है।
  • ई-गवर्नेंस सेवाएँ भारत में गति पकड़ रही हैं, लेकिन सार्वजनिक जागरूकता बढाने और डिजिटल डिवाइड को कम करने की आवश्यकता है।
  • ई-गवर्नेंस उपायों की सफलता काफी हद तक हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता पर निर्भर करती है, और निकट भविष्य में 5-जी तकनीक का देशव्यापी प्रसार हमारे संकल्प को मज़बूत करेगा।

स्रोत-पी.आई.बी

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