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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

5G प्रौद्योगिकी

  • 19 Jan 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunication) ने दूरसंचार कंपनियों और अन्य उद्योग जगत के विशेषज्ञों से अगले 10 वर्षों में 5जी (Fifth Generation) बैंड सहित रेडियो फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम (Radio Frequency Spectrum) की बिक्री और उपयोग पर जानकारी मांगी है।

प्रमुख बिंदु:

5G प्रौद्योगिकी की विशेषताएँ:

  • मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम: 5G नेटवर्क मिलीमीटर वेव स्पेक्ट्रम (30-300 गीगाहर्ट्ज़) में काम करेगा। इस नेटवर्क के माध्यम से तीव्र गति से अधिक मात्रा में डेटा भेजा जा सकता है क्योंकि आवृत्ति अधिक होने के कारण यह आसपास के संकेतों से बहुत कम प्रभावित होगा।
  • उन्नत LTE: 5G, मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क में नवीनतम दीर्घकालिक अपग्रेड (Long-Term Evolution) है।
  • इंटरनेट स्पीड: 5G के हाई-बैंड स्पेक्ट्रम में इंटरनेट की स्पीड को 20 Gbps (प्रति सेकंड गीगाबिट्स) दर्ज किया गया है, जबकि 4G में इंटरनेट की स्पीड 1 Gbps होती है।
    • 5G नेटवर्क में डाउनलिंक (Downlink) की स्पीड 20 Gb/s और अपलिंक (Uplink) की स्पीड 10 Gb/s होगी।
  • 5G में बैंड: 5G मुख्य रूप से 3 बैंड (निम्न, मध्यम और उच्च आवृत्ति स्पेक्ट्रम) में काम करता है, जिसमें सभी के अपने उपयोग के साथ-साथ सीमाएँ भी हैं।
    • कम बैंड का स्पेक्ट्रम: इसमें इंटरनेट की गति और डेटा के आदान-प्रदान की अधिकतम गति 100 Mbps तक होती है।
    • मध्यम बैंड का स्पेक्ट्रम: इसमें कम बैंड के स्पेक्ट्रम की तुलना में इंटरनेट की गति अधिक होती है, फिर भी इसके कवरेज क्षेत्र और सिग्नलों की कुछ सीमाएँ हैं।
    • उच्च बैंड का स्पेक्ट्रम: इसमें अन्य दो बैंडों की तुलना में उच्च गति होती है, लेकिन कवरेज और सिग्नल भेदन की क्षमता बेहद सीमित होती है।

5G प्रौद्योगिकी में बाधाएँ:

  • आधारभूत संरचनाएँ: 5G संचार प्रणाली के लिये मौजूदा संरचनाओं में मूलभूत परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी। 5G प्रोद्योगिकी से डेटा का ट्रांसफर अधिक दूरी तक नहीं हो सकता है। इसलिये 5G तकनीक हेतु बुनियादी ढाँचे को सक्षम करने की ज़रूरत है।
  • उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ: 5G प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिये नया फोन खरीदना पड़ेगा, जिससे उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
  • पूंजी अपर्याप्तता: दूरसंचार कंपनियों (जैसे भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया) के पास उच्च मूल्य वाले 5G स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिये पर्याप्त पूंजी की कमी है।
  • 5G अनुप्रयोगों की उपयोगिता: 5G प्रोद्योगिकी क्लाउड, बिग डेटा, एज कंप्यूटिंग आदि के माध्यम से चौथी औद्योगिक क्रांति का एक महत्त्वपूर्ण प्रवर्तक हो सकता है।
    • भारत के लिये: 5G नेटवर्क मोबाइल बैंकिंग और हेल्थ केयर जैसी सेवाओं की पहुँच में सुधार कर सकता है और रोज़गार के नए अवसर सृजित कर सकता है।

5G को सक्षम करने हेतु नीति:

  • राष्ट्रीय संचार नीति-2018: इस नीति का उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था और समाज में बदलना है। यह कार्य सर्वव्यापी, लचीला और किफायती डिजिटल संचार अवसंरचना तथा सेवाओं की स्थापना कर नागरिकों एवं उद्यमों की सूचना और संचार आवश्यकताओं को पूरा कर किया जाएगा।
  • उपभोक्ता केंद्रित और एप्लीकेशन प्रेरित राष्ट्रीय संचार नीति- 2018 हमें 5G, IOT, M2M जैसी अग्रणी टेक्नोलॉजी लॉन्च होने के बाद नए विचारों तथा नवाचार की ओर ले जाएगी।

5G पर वैश्विक प्रगति:

  • वैश्विक दूरसंचार कंपनियों द्वारा पहले ही 5G नेटवर्क का निर्माण शुरू किया जा चुका है और अब इसे कई देशों में ग्राहकों के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है:
    • संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपने 50 शहरों में 5G की शुरुआत की गई है।
    • दक्षिण कोरिया द्वारा इसे 85 शहरों में शुरू किया गया है।
    • जापान और चीन ने भी 5G मोबाइल सेवा का परीक्षण शुरू कर दिया है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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