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शासन व्यवस्था

संकल्प से सिद्धि: मिशन वन धन

  • 15 Jul 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

ट्राईफेड

मेन्स के लिये:

आदिवासियों के सशक्तीकरण के लिये भारत सरकार की पहलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जनजातीय मामलों के मंत्री ने भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ- ट्राइफेड (TRIFED) द्वारा जारी 'संकल्प से सिद्धि-मिशन वन धन' (Sankalp Se Siddhi-Mission Van Dhan) के तहत विभिन्न पहलों की समीक्षा की।

ट्राइफेड (TRIFED):

  • TRIFED का गठन वर्ष 1987 में जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में किया गया।
  • इसका उद्देश्य जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास, आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देना, ज्ञान, उपकरण और सूचना के साथ जनजातीय लोगों का सशक्तीकरण एवं क्षमता निर्माण करना है। यह मुख्य रूप से दो कार्य करता है पहला- लघु वन उपज ( Minor Forest Produce (MFP) विकास, दूसरा- खुदरा विपणन एवं विकास (Retail Marketing and Development)।

प्रमुख बिंदु:

'संकल्प से सिद्धि' के संदर्भ में:

  • 'संकल्प से सिद्धि' पहल, जिसे 'मिशन वन धन' के रूप में भी जाना जाता है, को केंद्र सरकार द्वारा भारत की आदिवासी आबादी के लिये एक स्थायी आजीविका सुनिश्चित  करने के प्रधानमंत्री के उद्देश्य के अनुरूप वर्ष 2021 में प्रस्तुत किया गया था।
  • इस मिशन के माध्यम से TRIFED का उद्देश्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से अपने संचालन का विस्तार करना तथा विभिन्न आदिवासी विकास कार्यक्रमों को मिशन मोड में लॉन्च करना है।
  • इस मिशन के माध्यम से कई वन धन विकास केंद्रों (VDVKs), हाट, बाज़ारों, मिनी TRIFOOD इकाइयों, सामान्य सुविधा केंद्रों, TRIFOOD पार्कों, पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिये फंड की योजना (Scheme of Fund for Regeneration of Traditional Industries- SFURTI), समूहों, ट्राइब्स इंडिया रिटेल स्टोर, ई-कॉमर्स की स्थापना, ट्राइफूड एवं जनजातियों के लिये मंच और भारतीय ब्रांडों को लक्षित किया जा रहा है।
  • TRIFED आदिवासियों के सशक्तीकरण के लिये कई उल्लेखनीय कार्यक्रमों को लागू कर रहा है।
    • विगत दो वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के माध्यम से लघु वनोपज (MFP) के विपणन के लिये तंत्र और MFP हेतु मूल्य शृंखला के विकास ने जनजातीय पारिस्थितिकी तंत्र को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है।
    • ऐसे कठिन परिस्थिति के दौरान ट्राइफेड (TRIFED) ने भी आदिवासी अर्थव्यवस्था में सीधे तौर पर 3000 करोड़ रुपए की सरकारी राहत राशि के रूप में सहायता प्रदान की। 
    • वन धन आदिवासी स्टार्टअप्स भी इसी योजना का एक घटक है, जो आदिवासी संग्रहकर्त्ताओं तथा  वनवासियों एवं घर में रहने वाले आदिवासी कारीगरों के लिये रोज़गार सृजन का एक स्रोत बनकर उभरा है।

ट्राइफेड निम्नलिखित पहलों से जुड़ा है:

  • वन धन विकास योजना:
    • वन धन योजना को 'लघु वनोपज (MFP) हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के एक घटक रूप में वर्ष 2018 में शुरू किया गया था।
    • यह जनजातीय संग्रहकर्त्ताओं हेतु आजीविका सृजन को लक्षित करने वाली तथा उन्हें उद्यमियों में स्थानांतरित करने के लिये एक पहल है।
    • इसके तहत मुख्य रूप से वनाच्छादित जनजातीय ज़िलों में वन धन विकास केंद्रों (VDVK) के स्वामित्व वाले जनजातीय समुदाय को स्थापित करना है।
    • वन धन विकास केंद्रों का लक्ष्‍य आदिवासियों के  कौशल उन्‍नयन और उन्हें क्षमता निर्माण प्रशिक्षण प्रदान करना तथा प्राथमिक प्रसंस्करण एवं मूल्‍य संवर्द्धन सुविधा स्‍थापित करना है।
  • लघु वनोत्पाद हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य:
    • ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से लघु वनोत्पाद के विपणन हेतु तंत्र एवं लघु वनोत्पाद के लिये मूल्य शृंखला विकास’ योजना, वन उपज संग्रहकर्त्ताओं हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था करती है। 
    • यह योजना लघु वनोत्पाद संग्रहकर्त्ताओं, जो कि मुख्य तौर पर अनुसूचित जनजाति के सदस्य हैं, के लिये  सामाजिक सुरक्षा के उपाय हेतु कार्य करती है।
    • इस योजना के तहत संग्रहण, प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण, पैकेजिंग, परिवहन आदि जैसे संग्रहकर्त्ताओं के प्रयासों हेतु उचित मौद्रिक रिटर्न सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक प्रणाली का भी गठन किया गया है।
    • लघु वनोत्पाद में पौधीय मूल के सभी गैर-काष्ठ उत्पाद जैसे- बाँस, बेंत, चारा, पत्तियाँ, गम, वेक्स, डाई, रेज़िन और कई प्रकार के खाद्य जैसे- मेवे, जंगली फल, शहद, लाख, रेशम आदि शामिल हैं।
  • टेक फॉर ट्राइबल्स:
    • टेक फॉर ट्राइबल्स अर्थात् आदिवासियों हेतु तकनीकी कार्यक्रम का उद्देश्य प्रधानमंत्री वन धन योजना (Pradhan Mantri Van Dhan Yojana- PMVDY) के तहत नामांकित वनोपज संग्रहकर्त्ताओं के क्षमता निर्माण एवं उद्यमिता कौशल संवर्द्धन द्वारा 5 करोड़ जनजातीय उद्यमियों को लाभ पहुँचाना है।
    • यह कार्यक्रम गुणवत्ता प्रमाणपत्रों और विपणन योग्य उत्पादों के साथ व्यवसाय संचालन को सक्षम बनाकर जनजातीय उद्यमियों की उच्च सफलता दर सुनिश्चित करेगा।
  • ट्राइफूड योजना (TRIFOOD Scheme):
    • इस योजना को अगस्त 2020 में लॉन्च किया गया था और यह लघु वनोत्पाद के मूल्यवर्द्धन को बढ़ावा देती है।
    • ट्राइफूड पार्क, लघु वनोपज के साथ-साथ उस क्षेत्र के जनजातीय लोगों द्वारा एकत्र किये गए खाद्यान्न से भी प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ का उत्पादन करेंगे।
  • गाँव एवं डिजिटल कनेक्ट पहल:  
    • इस पहल की शुरुआत यह सुनिश्चित करने के लिये की गई थी कि मौजूदा योजनाएँ और पहल आदिवासियों तक पहुँचती हैं अथवा नहीं। इसके तहत ट्राइफेड के क्षेत्रीय अधिकारियों ने देश भर में उल्लेखनीय जनजातीय आबादी वाले चिह्नित गाँवों का दौरा किया तथा विभिन्न कार्यक्रमों एवं पहलों के कार्यान्वयन का पर्यवेक्षण किया।

स्रोत: पी.आई.बी.

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