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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

रक्षा शक्ति

  • 08 Jan 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

रक्षा शक्ति, वियना कन्वेंशन

मेन्स के लिये:

अमेरिका-ईरान संबंधों में रक्षा शक्ति की अवधारणा

चर्चा में क्यों?

ईरानी कुद्स फोर्स के प्रमुख और ईरानी सेना के शीर्ष अधिकारी मेजर जनरल कासिम सोलेमानी की हत्या के बाद जबावी कार्यवाही में ईरान सरकार द्वारा तेहरान में स्थित स्विट्ज़रलैंड दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • ईरान में अमेरिका का अपना अलग से कोई दूतावास नहीं है, अतः ऐसी स्थिति में स्विटज़रलैंड ईरान में अमेरिका के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी ओर, संयुक्त राज्य अमेरिका में ईरान के हितों का संचालन वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास द्वारा किया जाता है। इस तरह की व्यवस्था में स्विट्ज़रलैंड ईरान में अमेरिका के हितों के संरक्षण के लिये एक रक्षा शक्ति है।

रक्षा शक्ति:

रक्षा शक्ति, यानी ऐसा देश है जो एक अन्य देश में अन्य संप्रभु राज्य का प्रतिनिधित्व करता है, जहाँ उसके (अन्य संप्रभु राज्य) स्वयं के राजनयिक प्रतिनिधित्व का अभाव होता है।

अन्य तथ्य:

  • कूटनीतिक संबंधों पर रक्षा शक्ति की अवधारणा को वर्ष 1961 और वर्ष 1963 में आयोजित वियना कन्वेंशन (अभिसमय) में प्रस्तुत किया गया था।
  • वियना कन्वेंशन के प्रावधानों के अनुसार, यदि दो राज्यों के बीच राजनयिक संबंध टूट जाते हैं, या कोई मिशन स्थायी रूप से या अस्थायी रूप से वापस बुला लिया जाता है तो उसे भेजने वाला राज्य (यहाँ हम अमेरिका के संदर्भ में बात कर रहे है) अपने हितों और अपने नागरिकों के संरक्षण को एक तीसरे राज्य (स्विट्ज़रलैंड के संदर्भ में) को सौंप सकता है, जो दोनों राज्य को स्वीकार्य होगा।
  • वर्ष 1961 और 1963 के वियना कन्वेंशन के अनुसार, स्विस विदेश मंत्रालय अपनी वेबसाइट के माध्यम से यह भूमिका निभाता है। ईरान के इस्लामिक गणराज्य के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनयिक और कांसुलर संबंधों की अनुपस्थिति में, स्विस सरकार तेहरान में अपने दूतावास के माध्यम से अमेरिका दूतावास से संबंधित रक्षा कार्य एवं अन्य कार्यों को करती है।
  • स्विस सरकार 21 मई, 1980 से तेहरान में अपने दूतावास के माध्यम से ईरान में संयुक्त राज्य अमेरिका की रक्षा शक्ति के रूप में कार्य कर रही है।
  • स्विस दूतावास का विदेशी निवेश अनुभाग अमेरिकी नागरिकों को ईरान में रहने या यात्रा करने के लिये कांसुलर सेवाएँ प्रदान करता है।

स्विट्ज़रलैंड ही क्यों?

  • स्विट्ज़रलैंड द्वारा कई क्षेत्रों में ऐतिहासिक रूप से विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व किया गया है, विशेष तौर से उन क्षेत्रों में जहाँ किसी देश का कोई राजनयिक मिशन नहीं है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान स्विट्ज़रलैंड ने 35 देशों का प्रतिनिधित्व किया था।
  • अत: ईरान में भी अमेरिका के सामरिक हितों को स्विट्ज़रलैंड दूतावास के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, इसलिये ईरान सरकार द्वारा तेहरान में स्थित स्विट्ज़रलैंड दूतावास के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन किया गया।

वियना कन्वेंशन

वियना कन्वेंशन को 14 अप्रैल 1961 में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा कूटनीतिक और प्रतिरक्षा पर आयोजित किया गया था, जिसका आयोजन 2 मार्च से 14 अप्रैल, 1961 तक ऑस्ट्रिया के वियना में न्यू हॉफबर्ग में किया गया।

  • वैश्विक स्तर पर यह राजनयिक संबंधों के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है।
  • यह स्वतंत्र देशों के बीच राजनयिक संबंधों के लिये एक रूपरेखा को परिभाषित करती है।
  • यह संधि राजनयिक मिशन के विशेषाधिकारों को निर्दिष्ट करती है जो राजनयिकों को मेजबान देश में बिना किसी ज़बरदस्ती या उत्पीड़न अथवा डर के कार्य को करने में सक्षम बनाती है। अत: यह संधि राजनयिक प्रतिरक्षा के लिये कानूनी आधार प्रदान करती है।
  • वर्तमान में इस संधि में 192 देश शामिल हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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