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डेली न्यूज़

सामाजिक न्याय

भारत में असामयिक मृत्यु

  • 13 Nov 2019
  • 3 min read

प्रीलिम्स के लिये-

DALY, YLL

मेन्स के लिये-

भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र का विश्लेषण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ जर्नल (The Lancet Global health journal) द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में असामयिक मृत्यु के संबंध में एक रिपोर्ट जारी की गई।

प्रमुख बिंदु:

  • रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में हुई कुल 9.7 मिलियन लोग असामयिक मौत के शिकार हुए।
  • देश के विभिन्न क्षेत्रों में असामयिक मृत्यु के कारण अलग -अलग थे।
    • कैंसर के कारण इयर्स ऑफ़ लॉस्ट के 44% मामले उत्तरपूर्वी राज्य, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, गुजरात, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश से थे।
    • लिवर और शराब संबंधी बीमारियों के कारण कुल राष्ट्रीय YLLs (Years of Life Lost) में से 18% मामले पूर्वोत्तर राज्यों, बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र में पाए गए।
    • असामयिक मृत्यु के विभिन्न कारणों में से एक आत्महत्या के मामले सबसे अधिक (कुल मामलों का लगभग 15% YLLs) दक्षिणी राज्यों में दर्ज किये गए हैं।
    • सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली मौतें उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक (लगभग 33% YLLs) पाई गयी है ।
  • रिपोर्ट में वर्ष 2017 में भारत में विकलांगता-समायोजित जीवन वर्षों (Disability-Adjusted Life Years-DALYs) का विश्लेषण किया गया।
    • भारत में कुल 486 मिलियन DALYs के मामले पाए गए।
    • सभी आयु वर्ग में DALYs की संख्या प्रति 100000 जनसंख्या पर 36,300 पाई गई,लेकिन यह दर ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा दुगुनी है।

Premature deaths

नोट- ये मानचित्र जम्मू कश्मीर की पूर्व स्थिति के आधार पर है।

असामयिक मृत्यु- एक निश्चित जनसंख्या में औसत आयु से पहले होने वाली मृत्यु असामयिक मृत्यु कहलाती है।

विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष

(Disability Adjusted Life Year -DALY)-

WHO के अनुसार एक DALY को "स्वस्थ" जीवन का एक खोया वर्ष (Lost Year) माना जाता है। इन DALYs के योग को वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति और एक आदर्श स्वास्थ्य स्थिति के बीच अंतर के रूप में माना जाता है।जहां पूरी आबादी बीमारी और विकलांगता से मुक्त एक मानक आयु तक जीवित रहती है।

इयर्स ऑफ़ लाइफ लॉस्ट (Years of life lost-YLL)-

इसकी गणना मृत्यु के समय की आयु को अधिकतम संभावित आयु में से घटाकर की जाती है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस

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