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राष्ट्रीय महत्व के स्मारक

  • 01 Jan 2019
  • 3 min read

संदर्भ


हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) ने राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की घोषणा की है।

घोषित स्मारक

  • राजस्थान के अलवर ज़िले में प्राचीन नीमराना की बावड़ी।
  • ओडिशा के बोलनगीर ज़िले के रानीपुर झारियाल में मंदिरों का समूह।
  • उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में विष्णु मंदिर।
  • नागपुर, महाराष्ट्र में उच्च न्यायालय भवन।
  • आगरा में दो मुगलकालीन स्मारक - आगा खान और हाथी खान की हवेली।

उच्च न्यायालय भवन

  • नागपुर उच्च न्यायालय भवन को इसकी सुंदर संरचना के कारण पत्थर में कविता (Poem in Stone) कहा जाता है।
  • हाईकोर्ट के बाहरी भाग की सबसे विशिष्ट विशेषता गुंबद, भव्य प्रवेश द्वार, दोनों टावर और राजसी सीढ़ी है।

aga kha

  • इसे वास्तुकार एच.ए.एन. मेड (H.A.N. Medd) द्वारा डिज़ाइन किया गया था। इसके स्तंभों में यूनानी प्रभाव की प्रमुखता को देखा जा सकता है।

नीमराना की बावड़ी

  • नीमराना स्टेपवेल का निर्माण 18वीं शताब्दी में ठाकुर जनक सिंह द्वारा किया गया था।
  • इसे स्थानीय भाषा में रानी की बावली के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस स्टेपवेल के निर्माण का प्राथमिक कारण उस दौरान क्षेत्र में आये अकाल के दौरान रोजगार का सृजन करना था।
  • यह राजस्थान के अलवर ज़िले में स्थित है।

रानीपुर-झारियाल- ओडिशा में मंदिरों का समूह

  • ओडिशा के बोलनगीर ज़िले में रानीपुर झारियाल के पास मंदिरों के एक समूह को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक के रूप में घोषित किया गया है।

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  • रानीपुर झारियाल को शास्त्रों में "सोम तीर्थ" के रूप में जाना जाता है।
  • यह शैव धर्म, बौद्ध धर्म, वैष्णववाद और तंत्रवाद के धार्मिक विश्वासों का एक संयोजन है।
  • यह स्थल चौसठ (64) योगिनी मंदिरों या बिना छतों वाले मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है- जिन्हें हाईपेथ्रल मंदिरों के रूप में जाना जाता है।

स्रोत- द हिंदू

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