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डेली न्यूज़

जैव विविधता और पर्यावरण

गंगा में मूर्तियों का विसर्जन

  • 04 Oct 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (National Mission For Clean Ganga- NMCG) ने दशहरा, दीपावली, छठ सहित सभी त्योहारों के दौरान गंगा या उसकी सहायक नदियों में मूर्तियों के विसर्जन को रोकने के लिये घाटों की घेराबंदी करने और 50,000 रुपए का जुर्माना लगाने हेतु 15 सूत्री निर्देश जारी किये हैं।

प्रमुख बिंदु:

ये निर्देश 11 गंगा बेसिन राज्यों के मुख्य सचिवों को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किये गए हैं जो निम्नलिखित हैं:

  • गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाई जानी चाहिये।
  • अधिकारियों को गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्तियों के विसर्जन तथा पूजा सामग्री के निपटान के खिलाफ मानदंडों को सख्ती से लागू करने एवं पर्यावरणीय तरीके से उपयुक्त वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिये।
  • यदि कोई व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिये 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाना चाहिये ।
  • अस्थायी रूप से सीमित तालाबों का निर्माण करके नगरपालिका क्षेत्र या गंगा और उसकी सहायक नदियों की तट सीमा में निर्दिष्ट मूर्ति विसर्जन स्थलों के लिये पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिये।
  • सभी संबंधित राज्य सरकार, प्राधिकरण, बोर्ड या निगम यह सुनिश्चित करें कि मूर्तियों के निर्माण के लिये सिंथेटिक सामग्री/गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री, प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP), पकी हुई मिट्टी, फाइबर और थर्मोकल का उपयोग न किया गया हो।
  • मूर्तियों की पेंटिंग में ज़हरीले और गैर-बायोडिग्रेडेबल रासायनिक रंगों या सिंथेटिक पेंट का उपयोग सख्ती से वर्जित होना चाहिये।

नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा

(National Mission For Clean Ganga- NMCG):

  • नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी (National Ganga River Basin Authority- NGRBA) का कार्यान्वयन विंग है।
  • यह एक पंजीकृत सोसायटी है, जो मूल रूप से 12 अगस्त, 2011 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा बनाई गई है।
  • लेकिन अब NGRBAऔर NMCG दोनों को जल शक्ति मंत्रालय (Ministry of Jal Shakti) को आवंटित किया गया है।
  • कार्यक्रम के मुख्य स्तंभों में सीवरेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर (Sewerage Treatment Infrastructure), रिवर-फ्रंट डेवलपमेंट (River-Front Development), रिवर-सरफेस क्लीनिंग (River-Surface Cleaning),जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण, जन जागरूकता तथा गंगा ग्राम शामिल हैं।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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