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डेली न्यूज़

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

पाकिस्तान: FATF की ग्रे लिस्ट में बरकरार

  • 22 Oct 2021
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स, एशिया पैसिफिक ग्रुप

मेन्स के लिये 

पाकिस्तान के लिये FATF की ग्रे लिस्ट में बरकरार रहने के निहितार्थ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' या ‘इन्क्रीज्ड मॉनिटरिंग लिस्ट’ में बनाए रखा है।

  • FATF ने जॉर्डन, माली और तुर्की को भी 'ग्रे लिस्ट’ में शामिल करने की घोषणा की है।
  • बोत्सवाना और मॉरीशस को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया था।

Marcus-Player

प्रमुख बिंदु

  • वैश्विक FATF मानकों को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल रहने और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की जाँच एवं अभियोजन पर प्रगति की कमी के कारण पाकिस्तान को इस लिस्ट में बरकरार रखा गया है।
  • पाकिस्तान तब तक ग्रे लिस्ट में रहेगा जब तक कि वह जून 2018 में सहमत मूल कार्य योजना में शामिल सभी मदों के साथ-साथ FATF के क्षेत्रीय साझेदार- ‘एशिया पैसिफिक ग्रुप’ (APG) द्वारा वर्ष 2019 में सौंपे गए समानांतर कार्य योजना में शामिल सभी मदों को सही ढंग से संबोधित नहीं करता है। .
    • पाकिस्तान सरकार की दो समवर्ती कार्य योजनाएँ हैं, जिसमें कुल 34 मद शामिल हैं। 
    • पाकिस्तान ने इस दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और उसने जून 2018 में सहमत मूल कार्य योजना के 27 में से 26 मदों को संबोधित किया है। वित्तीय आतंकवाद से संबंधित मद को अभी भी संबोधित किया जाना शेष है।
    • वर्ष 2019 की कार्य योजना मुख्य रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की कमियों पर केंद्रित थी।
  • FATF ने सलाह दी थी कि पाकिस्तान को अपनी छह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कमियों को दूर करने के लिये काम करना जारी रखना चाहिये, जिसमें मनी-लॉन्ड्रिंग कानून में संशोधन करके अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना और यह प्रदर्शित करना शामिल है कि ‘UNSCR 1373’ संकल्प को सही ढंग से लागू किया जा रहा है।
    • UNSC संकल्प 1373 को 28 सितंबर 2001 को अपनाया गया था। यह अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिये खतरे के रूप में घोषित करता है और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों पर बाध्यकारी दायित्व लागू करता है।
  • पृष्ठभूमि:
    • FATF ने जून 2018 में पाकिस्तान को ’ग्रे सूची’ में रखने के बाद 27 सूत्रीय कार्रवाई योजना जारी की थी। यह कार्रवाई योजना धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने से संबंधित है।
    • पाकिस्तान को पहली बार वर्ष 2008 में सूची में रखा गया था, वर्ष 2009 में इसे सूची से हटा दिया गया था और फिर वर्ष 2012 से 2015 तक बढ़ी हुई निगरानी में रहा।
    • पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में शामिल होने से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे वैश्विक निकायों से उसे वित्तीय सहायता प्राप्त करने की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force-FATF)

  • संदर्भ:
    • FATF, वर्ष 1989 में पेरिस में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है।
    • यह किसी देश के धन-शोधन-विरोधी और आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण ढाँचे की ताकत का आकलन करता है, हालाँकि यह व्यक्तिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिये मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिये मानक निर्धारित करना तथा कानूनी, नियामक एवं परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
  • मुख्यालय:
  • सदस्य देश:
  • FATF की सूचियाँ:
    • ग्रे लिस्ट: 
      • जिन देशों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिये सुरक्षित स्थल माना जाता है, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है।
      • इस सूची में शामिल किया जाना संबंधित देश के लिये एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है कि उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया सकता है।
    • ब्लैक लिस्ट: 
      • असहयोगी देशों या क्षेत्रों (Non-Cooperative Countries or Territories- NCCTs) के रूप में जाने जाने वाले देशों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है। ये देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
      • इस सूची में देशों को शामिल करने अथवा हटाने के लिये FATF इसे नियमित रूप से संशोधित करता है।
      • वर्तमान में, ईरान और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (DPRK) को उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकार या ब्लैक लिस्ट में हैं।
  • सत्र:
    • FATF प्लेनरी, FATF का निर्णय लेने वाला निकाय है। इसके सत्रों का आयोजन प्रति वर्ष तीन बार होता है।

स्रोत: द हिंदू

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