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रिज़र्व बैंक के खिलाफ़ क्रिप्टो विनिमय केंद्र एक साथ

  • 12 May 2018
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?
बिटकॉइन से संबंधित किसी भी लेन-देन का समर्थन करने से बैंकों को रोकने से संबंधित हाल के नियमों से परेशान होकर भारतीय क्रिप्टोकरेंसी विनिमय केंद्रों (Crypto exchanges) ने कानूनी विकल्पों का अनुसरण करने का फैसला किया है। अप्रैल में जारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के आदेश को चुनौती देने के लिये छह विनिमय केंद्रों ने कानून का सहारा लिया है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, चार विनिमय केंद्रों- कॉइनडेल्टा (Coindelta), कोइनेक्स (Koinex), थ्रूबिट (Throughbit) तथा कॉइनDCX (Coin DCX) ने रिज़र्व बैंक के खिलाफ़ संयुक्त रिट याचिका दायर की है। 
  • दो अन्य विनिमय केंद्रों कॉइनरिकॉइल (CoinRecoil) तथा मनीट्रेड (Money Trade) कॉइन ने भी रिज़र्व बैंक तथा केंद्र के खिलाफ़ दिल्ली उच्च न्यायालय में अलग-अलग मुक़दमा दायर किया है।
  • सुप्रीम कोर्ट में यह संयुक्त याचिका भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई है।
  • यह याचिका रिज़र्व बैंक द्वारा दिये गए आदेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती है।
  • दिल्ली उच्च न्यायालय में कॉइनरिकॉइल की याचिका अनुच्छेद 14 तथा अनुच्छेद 19(1)(g) के तहत दायर की गई है, जो क्रमशः समान सुरक्षा तथा व्यापार की स्वतंत्रता का वर्णन करते हैं।  
  • अहमदाबाद स्थित इस विनिमय केंद्र ने नियामक के खिलाफ कोई वैध कारण या तर्क संगतता दिये बिना निर्देश पारित करने का मामला दर्ज किया। 
  • इसके अलावा यह याचिका क्रिप्टोकरेंसी पर रिज़र्व बैंक के दिशा-निर्देशों को भी अनावश्यक मानती है।
  • हालाँकि रिज़र्व बैंक के अनुसार यह नीति आधारित निर्णय है।

क्रिप्टोकरेंसी

  • क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टोग्राफी प्रोग्राम पर आधारित एक वर्चुअल करेंसी या ऑनलाइन मुद्रा है। 
  • यह पीयर-टू-पीयर (P2P) कैश सिस्टम है। 
  • क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल वालेट में ही रखा जा सकता है। 
  • वास्तव में क्रिप्टो-करेंसी के इस्तेमाल के लिये बैंक या किसी अन्य वित्तीय संस्थान की आवश्यकता नहीं होती।
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