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भारतीय अर्थव्यवस्था

बजट 2022-23 के प्रमुख बिंदु: निवेश का वित्तपोषण

  • 02 Feb 2022
  • 7 min read

प्रिलिम्स के लिये:

बजट 2022-23 के प्रमुख बिंदु , ग्रीन बॉण्ड, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी)।

मेन्स के लिये:

बजट 2022-23, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) और इससे संबंधित मुद्दे, सार्वजनिक वित्त का मुद्दा।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वित्त मंत्री ने केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया।

  • 'निवेश का वित्तपोषण' बजट में रेखांकित की गई चार प्राथमिकताओं में से एक है।

निवेश के वित्तपोषण से संबंधित बजट क्या है?

  • सार्वजनिक पूंजी निवेश (Public Capital Investment):
    • पूंजीगत व्यय के लिये परिव्यय में 35.4% की वृद्धि की गई है। चालू वर्ष की तुलना में इसे वर्ष 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ कर दिया गया है। जो वर्ष 2022-23 में परिव्यय जीडीपी का 2.9% होगा।
    • सरकार का ‘प्रभावी पूंजीगत व्‍यय’ वर्ष 2022-23 में अनुमानत: 10.68 लाख करोड़ रुपए होने की उम्मीद है, जो कि जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिश‍त होगा।
      • पूंजीगत व्यय वह वित्त है जो सरकार द्वारा मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च किया जाता है। इसमें सरकार द्वारा भूमि और निवेश जैसी अचल संपत्तियों के अधिग्रहण पर होने वाला खर्च भी शामिल है जो भविष्य में लाभ या लाभांश देता है।
  • ग्रीन बॉण्ड: वर्ष 2022-23 में सरकार द्वारा ली जाने वाली समग्र बाज़ार उधारियों के सिलसिले में हरित अवसंरचना के लिये संसाधन जुटाने हेतु सॉवरेन ग्रीन बॉण्ड जारी किये जाएंगे।
  • GIFT-IFSC:
    • गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को घरेलू नियमों से मुक्त वित्तीय प्रबंधन, फिनटेक, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में पाठ्यक्रम (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण- IFSCA को छोड़कर) पेश करने की अनुमति होगी।
    • अंतर्राष्ट्रीय न्यायशास्त्र के तहत विवादों के समय पर निपटारे हेतु गिफ्ट सिटी में एक अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
    • गिफ्ट सिटी में देश में टिकाऊ और जलवायु वित्त के लिये वैश्विक पूंजी की सेवाओं की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • आधारभूत संरचना की स्थिति: सघन चार्जिंग अवसंरचना और ग्रिड-स्केल बैटरी सिस्टम सहित डेटा केंद्रों एवं ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को बुनियादी ढाँचे की सामंजस्यपूर्ण सूची में शामिल किया जाएगा।
  • उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी निवेश: सरकार उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिये एक विशेष पैनल बनाएगी।
    • उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी ने पिछले वर्ष सबसे बड़े स्टार्टअप एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र में से एक को सुविधाजनक बनाने हेतु 5.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है।
  • उदीयमान क्षेत्रों के लिये मिश्रित वित्त: महत्त्वपूर्ण उदीयमान क्षेत्रों जैसे- क्लाइमेट एक्शन, डीप-टेक, डिजिटल इकॉनमी, फार्मा और एग्री-टेक को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार मिश्रित वित्त हेतु विषयगत फंड को बढ़ावा देगी, जिसमें सरकारी हिस्सेदारी 20% तक सीमित होगी तथा फंड निजी फंड प्रबंधकों द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
  • डिजिटल रुपया: सरकार वर्ष 2022-23 से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये जाने वाले ब्लॉकचेन जैसी अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए डिजिटल रुपया पेश करेगी।
  • राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु पूंजी निवेश योजना:
    • सरकार ने ‘राज्‍यों को वित्‍तीय सहायता प्रदान करने के लिये पूंजी निवेश योजना’ के परिव्‍यय को 10,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर चालू वर्ष के संशोधित अनुमान में इसे 15,000 करोड़ रुपए कर दिया है। 
    • इसके अलावा वर्ष 2022-23 के लिये अर्थव्‍यवस्‍था में सभी निवेशों को प्रेरित करने के उद्देश्‍य से राज्‍यों की मदद के लिये 1 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
      • ये 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण राज्यों को दी जाने वाली सामान्य उधारी से अधिक हैं।
      • इस आवंटन का उपयोग पीएम गतिशक्ति से संबंधित और राज्यों के अन्य उत्पादक पूंजी निवेश के लिये किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित घटक भी शामिल होंगे:
    • वर्ष 2022-23 में 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार, राज्यों को जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) के 4% के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी, जिसमें से 0.5% बिजली क्षेत्र के सुधारों से जुड़ा होगा।

स्रोत: पी.आई.बी.

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