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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 24 Jul, 2021
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 24 जुलाई, 2021

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद

National Security Council

पेगासस विवाद के बीच यह बताया गया कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय’ (NSCS) पर केंद्र सरकार का व्यय वर्ष 2016-17 में 33 करोड़ रुपए से बढ़कर 333 करोड़ रुपए हो गया, जो कि तकरीबन 10 गुना बढ़ोतरी है। 

प्रमुख बिंदु

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद

  • ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ (NSC) एक त्रिस्तरीय संगठन है, जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मुद्दों की देखरेख करता है।
  • ‘राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार’ (NSA) ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ की अध्यक्षता करता है और वे प्रधानमंत्री का प्राथमिक सलाहकार भी होता है। वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं।

गठन:

  • इसका गठन वर्ष 1999 में किया गया था और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श करता है।

त्रिस्तरीय संरचना:

  • NSC में तीन स्तरीय संरचना शामिल है- रणनीतिक नीति समूह (SPG), राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय।
    • कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में SPG अंतर-मंत्रालयी समन्वय और एकीकरण हेतु प्रमुख मंच है।
    • NSAB दीर्घकालिक मुद्दों का विश्लेषण करता है और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर दृष्टिकोण प्रदान करता है।

कार्य:

  • यह भारत के प्रधानमंत्री के कार्यकारी कार्यालय के तहत संचालित होता है, सरकार की कार्यकारी शाखा और खुफिया सेवाओं के बीच संपर्क करता है एवं  खुफिया तथा सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर नेतृत्व को सलाह देता है।

सदस्य:

  • गृह, रक्षा, विदेश और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 जुलाई, 2021

बाल गंगाधर तिलक

23 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में जन्मे बाल गंगाधर तिलक को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रारंभिक नेताओं में से माना जाता है, जिन्हें लोकमान्य की उपाधि से सम्मानित किया गया था, जिसका अर्थ है ‘लोगों द्वारा एक नेता के रूप में स्वीकृत’। वे पेशे से एक वकील थे तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें ‘आधुनिक भारत के निर्माता’ के रूप में संबोधित किया था। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय बाल गंगाधर तिलक ने ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा’ का नारा दिया था। लोकमान्य तिलक पूर्ण स्वतंत्रता या स्वराज्य (स्व-शासन) के सबसे प्रारंभिक एवं सबसे मुखर प्रस्तावकों में से एक थे। लाला लाजपत राय तथा बिपिन चंद्र पाल के साथ ये लाल-बाल-पाल की तिकड़ी (गरम दल/उग्रपंथी दल) का हिस्सा थे। वे वर्ष 1890 में ‘भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस’ में शामिल हुए। इन्होंने स्वदेशी आंदोलन का प्रचार किया तथा लोगों को विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने अप्रैल 1916 में बेलगाम में ‘अखिल भारतीय होम रूल लीग’ की स्थापना की, जिसका कार्यक्षेत्र महाराष्ट्र (बॉम्बे को छोड़कर), मध्य प्रांत, कर्नाटक और बरार तक विस्तृत था। उन्होंने वेदों पर ‘गीता रहस्य’ तथा ‘आर्कटिक होम’ नामक पुस्तकें लिखीं। 

राष्‍ट्रीय प्रसारण दिवस

भारत में प्रत्येक वर्ष 23 जुलाई को राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के रूप में मनाया जाता है, गौरतलब है कि इसी दिन वर्ष 1927 में पहली बार मुंबई स्टेशन से ‘इंडियन ब्राॅडकास्टिंग कंपनी’ के नाम से एक निजी कंपनी ने देश में रेडियो प्रसारण शुरू किया था। एक माध्यम के रूप में प्रसारण (Broadcasting) भारत जैसे बड़े लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी का एक सशक्त उदाहरण है। उल्लेखनीय है कि ज्ञान, सूचना और मनोरंजन के एक प्रभावी तथा विश्वसनीय माध्यम के रूप में रेडियो ने भी भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1930 में रेडियो प्रसारण को अपने अधीन कर लिया और ‘भारतीय राज्य प्रसारण सेवा’ (ISBS) की शुरुआत की। 8 जून, 1936 को ‘भारतीय राज्य प्रसारण सेवा’ को ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में बदल दिया गया तथा वर्ष 1957 में इसका नाम बदलकर ‘आकाशवाणी’ कर दिया गया। भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक प्रसारण एजेंसी ‘प्रसार भारती’ संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित वैधानिक स्वायत्त निकाय है।

चंद्रशेखर आज़ाद

23 जुलाई, 2021 को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक कर्तव्‍यनिष्ठ देशभक्त एवं दृढ़ नेता के रूप में संबोधित किया। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के एक गाँव में हुआ था और उन्हें उच्च शिक्षा के लिये काशी विद्यापीठ बनारस भेजा गया था। भारत के असहयोग आंदोलन के दौरान मात्र 15 वर्ष की आयु में आज़ाद राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा बने थे। असहयोग आंदोलन के निलंबन के बाद वे ‘राम प्रसाद बिस्मिल’ द्वारा गठित ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRA) में शामिल हो गए। वे भगत सिंह के करीबी सहयोगी थे और वर्ष 1928 में ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRA) को ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HSRA) में बदल दिया गया। काकोरी ट्रेन रॉबरी, असेंबली बम घटना तथा लाहौर में सॉन्डर्स की हत्या जैसी घटनाओं में शामिल होकर चंद्रशेखर आज़ाद क्रांतिकारी भारत का चेहरा बन गए। 27 फरवरी, 1931 को मात्र 24 वर्ष की उम्र में तत्कालीन अल्फ्रेड पार्क (अब आज़ाद पार्क) में चारों ओर से घिरने के पश्चात् उन्होंने स्वयं को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। 

‘2008 GO20’ क्षुद्रग्रह

अमेरिकी स्पेस एजेंसी के मुताबिक, जल्द ही एक बड़ा क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुज़रेगा। ‘2008 GO20’ नामित यह ‘नियर-अर्थ एस्टेरॉइड’ लंबाई में लगभग 200 मीटर है, जो कि एक फुटबॉल मैदान से भी बड़ा है। नासा के अनुमानों के अनुसार, यह 8.2 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से पृथ्वी के पास से गुज़रेगा और पृथ्वी से लगभग तीन से चार मिलियन किलोमीटर दूर होगा। ‘2008 GO20’ क्षुद्रग्रह इससे पूर्व 20 जून, 2008 को पृथ्वी के करीब से गुज़रा था और नासा के अनुमान के मुताबिक 25 जुलाई, 2034 को यह क्षुद्रग्रह पुनः पृथ्वी के करीब से गुज़रेगा। नासा के अनुसार, ‘नियर-अर्थ एस्टेरॉइड’ जो कि 0.05 खगोलीय इकाइयों से नीचे या 7.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुज़रते हैं उन्हें संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह कहा जाता है और चूँकि ‘2008 GO20’ क्षुद्रग्रह 0.02 से 0.03 खगोलीय इकाई की दूरी से गुज़रता है, अतः इसे संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह के रूप में श्रेणीबद्ध किया जा सकता है। एक खगोलीय इकाई लगभग 150 मिलियन किलोमीटर या लगभग पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी के समान होती है।


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