ध्यान दें:



प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 17 Jun, 2023
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

वैभव योजना

भारत सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित और चिकित्सा (STEMM) तथा भारतीय शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों में भारतीय डायस्पोरा के बीच सहयोग की सुविधा हेतु वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (VAIBHAV/वैभव) नामक एक नया फैलोशिप कार्यक्रम शुरू किया है।  

  • वैभव शिखर सम्मेलन भी भारतीय STEMM प्रवासियों को भारतीय संस्थानों के साथ जोड़ने के लिये समर्पित एक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था

वैभव फेलोशिप योजना:  

  • परिचय:  
    • वैभव फैलोशिप का उद्देश्य विदेशी संस्थानों से भारत में संकाय /शोधकर्त्ताओं की गतिशीलता के माध्यम से भारतीय संस्थानों एवं विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के बीच शैक्षणिक तथा अनुसंधान सहयोग की सुविधा प्रदान करके भारत के उच्च शिक्षा एवं वैज्ञानिक संस्थानों के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है। 
    • यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। 
  • वैभव फैलोशिप कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ: 
    • नॉलेज वर्टिकल्स: कार्यक्रम 18 पहचाने गए नॉलेज वर्टिकल्स पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनमें क्वांटम टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, औषध क्षेत्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि, ऊर्जा, कंप्यूटर और विज्ञान शामिल हैं। 
    • पात्रता: फैलोशिप भारतीय मूल के उत्कृष्ट वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों (प्रवासी  भारतीय (NRI)/भारतीय मूल के अनिवासी भारतीय (PIO)/भारत के प्रवासी नागरिक (OCI) के लिये खुली है जो सक्रिय रूप से अपने संबंधित देशों में अनुसंधान गतिविधियों में संलग्न हैं।
    • सहयोग अवधि: चयनित अध्येताओं को भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI), विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक वित्तपोषित वैज्ञानिक संस्थानों के साथ मिलकर शोधकार्य करने का अवसर मिलेगा। 
      • वे अपनी पसंद के भारतीय संस्थान में प्रतिवर्ष दो महीने,अधिकतम तीन वर्ष तक निवास कर सकते हैं।
    • फैलोशिप के लिये अनुदान: यह यात्रा, आवास और आकस्मिकता, अंतर्राष्ट्रीय एवं घरेलू यात्रा व्यय, आवास तथा आकस्मिकताओं के साथ फैलोशिप शोध के लिये अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करेगा

प्रवासी भारतीयों को शामिल करने वाली अन्य सरकारी पहलें:  

  • भारत के विकास में प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को चिह्नित करने हेतु प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) मनाया जाता है।
  • नो इंडिया प्रोग्राम (KIP) प्रवासी समुदाय से जुड़ाव हेतु विदेश मंत्रालय (MEA) की एक प्रमुख पहल है जो भारतीय मूल के युवाओं (18-30 वर्ष) को उनकी भारतीयता और समकालीन भारत से परिचित कराता है।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की वज्र (विजिटिंग एडवांस्ड जॉइंट रिसर्च) फैकल्टी स्कीम NRI और विदेशी वैज्ञानिक समुदायों को भारत में अनुसंधान एवं विकास में भाग लेने तथा योगदान करने में सक्षम बनाती है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. 'अमेरिका और यूरोपीय देशों की राजनीति तथा अर्थव्यवस्था में भारतीय प्रवासियों को एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी है'। उदाहरण सहित टिप्पणी कीजिये। (2020) 

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

भारत द्वारा अमेरिका के MQ-9B सशस्त्र ड्रोन के अधिग्रहण को मंज़ूरी

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त राज्य अमेरिका से 31 MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की खरीद के लिये स्वीकृति प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा के दौरान 3 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के इस सौदे की घोषणा होने की उम्मीद है।

  • इन उन्नत ड्रोनों के अधिग्रहण का उद्देश्य भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना और अपने सशस्त्र बलों को मज़बूत करना है। 

 MQ-9B सशस्त्र ड्रोन: 

  • परिचय: 
    • MQ-9B ड्रोन MQ-9 "रीपर" का एक वेरिएंट है जिसका उपयोग काबुल में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मारने वाली हेलफायर मिसाइल के संशोधित संस्करण को लॉन्च करने के लिये किया गया था।
    • MQ-9B के दो वेरिएंट स्काई-गार्जियन और इसका सिबलिंग सी-गार्जियन हैं। भारतीय नौसेना वर्ष 2020 से MQ-9B सी-गार्जियन का संचालन कर रही है।
    • यह ड्रोन 40,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर कार्य कर सकता है जिससे उच्च ऊँचाई वाले हिमालयी सीमा क्षेत्रों में भारतीय सेना को व्यापक निगरानी क्षमता मिलती है। 
    • इस प्रीडेटर की 40 घंटे की अधिकतम उड़ान क्षमता भी है जो इसे लंबे समय तक निगरानी के लिये उपयोगी बनाता है।
    • MQ-9B ड्रोन स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग, डिटेक्ट एंड एवॉइड सिस्टम, एंटी-स्पूफिंग जीपीएस तथा एन्क्रिप्टेड संचार लिंक जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस है। 

  • भारत की आवश्यकता: 
    • भारत को विशेष रूप से लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के संदर्भ में अपनी भूमि तथा समुद्री सीमाओं पर निगरानी एवं स्ट्राइक क्षमताओं को बढ़ाने के लिये MQ-9B, सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
    • हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों और युद्धपोतों की बढ़ती उपस्थिति का मुकाबला करने लिये संचार और व्यापार के अपने महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों की रक्षा के लिये भारत को MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
    • भारत को कश्मीर और अन्य आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
  • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत को लाभ: 
    • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत को अपने विरोधियों पर एक रणनीतिक बढ़त मिलेगी क्योंकि यह अपने मानवयुक्त विमानों या पायलटों को जोखिम में डाले बिना लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमले करने में सक्षम होगा। 
    • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से अमेरिका के साथ भारत के रक्षा सहयोग को भी बढ़त मिलेगी, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिये एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभरा है।
      • यह सौदा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड समूह में भारत की भूमिका को भी मज़बूत करेगा।
    • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत के रक्षा उद्योग के लिये भी अवसर बढ़ेंगे, क्योंकि इसमें मेक इन इंडिया पहल के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन शामिल होगा।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जून, 2023

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी 

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency- IEA) भारत को शामिल करने हेतु अपनी पूर्ण सदस्यता शर्तों की समीक्षा करेगी। IEA का सदस्य बनने हेतु उम्मीदवार देश को OECD का सदस्य देश होना चाहिये एवं कई आवश्यकताओं को प्रदर्शित करना चाहिये। इनमें पिछले वर्ष के शुद्ध आयात के 90 दिनों के बराबर कच्चे तेल और/या उत्पाद भंडार शामिल हैं, जिन तक सरकार की तत्काल पहुँच है तथा इसका उपयोग वैश्विक तेल आपूर्ति में व्यवधानों को दूर करने हेतु किया जा सकता है। राष्ट्रीय तेल खपत को 10% तक कम करने हेतु मांग संयम कार्यक्रम; राष्ट्रीय आधार पर समन्वित आपातकालीन प्रतिक्रिया उपाय (Coordinated Emergency Response Measures- CERM) को संचालित करने के लिये कानून एवं संगठन का निर्माण करना तथा ऐसे कानून व उपाय करना कि इसके अधिकार क्षेत्र के तहत सभी तेल कंपनियाँ अनुरोध पर जानकारी की रिपोर्ट करें, साथ ही IEA के तहत सामूहिक कार्रवाई हेतु विविध प्रावधान करना। भारत IEA का सदस्य नहीं है। IEA पेरिस, फ्राँस में वर्ष 1974 में स्थापित एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है। यह आर्थिक विकास, ऊर्जा सुरक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण सहित ऊर्जा नीतियों पर केंद्रित है। IEA 31 सदस्य देशों से बना है।

और पढ़ें…IEA ने भारत को पूर्णकालिक सदस्य बनने हेतु आमंत्रित किया

मेयॉन ज्वालामुखी 

11 जून, 2023 को मेयॉन ज्वालामुखी से लावा निकलने के कारण लगभग 18,000 लोगों को आपातकालीन आश्रयों में भागने के लिये मजबूर होना पड़ा। लेगास्पि शहर सक्रिय मेयॉन ज्वालामुखी से घिरा हुआ है, जो लूज़ोन के फिलीपीन द्वीप के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह अपने शंक्वाकार (Conical) आकार के लिये जाना जाता है और फिलीपींस के 24 ज्ञात ज्वालामुखियों में सबसे अधिक सक्रिय है। वर्ष 1616 के बाद से मेयॉन में 30 से अधिक बार विस्फोट हो चुका है, इसमें सबसे विनाशकारी विस्फोट वर्ष 1814 में हुआ था जिसमें एक पूरा गाँव दब गया थे और 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे। यह ज्वालामुखी पर्वतारोहियों तथा शिविरार्थियों (Campers) के बीच काफी लोकप्रिय है और यह मेयॉन ज्वालामुखी राष्ट्रीय उद्यान का केंद्र है।

और पढ़ें…इंडोनेशिया का सेमेरु ज्वालामुखी

सरकार ने रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क घटाया 

भारत सरकार ने परिष्कृत सोयाबीन तथा सूरजमुखी के तेलों पर आयात शुल्क कम करके खाद्य तेलों की उपलब्धता और मूल्य निर्धारण संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिये एक महत्तवपूर्ण कदम उठाया है। आयात शुल्क को तत्काल प्रभाव से 17.5% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है। जबकि भारत सामान्य रूप से कच्चे सोयाबीन तथा सूरजमुखी के तेल का आयात करता है, साथ ही उनके परिष्कृत समकक्षों पर शुल्क कम करने के निर्णय के उद्देश्य से घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देता है जिसका मूल उद्देश्य कीमतों को स्थिर करना है। इस शुल्क कमी के बावजूद समाज कल्याण उपकर सहित रिफाइंड खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 13.7% बना हुआ है, जबकि प्रमुख कच्चे खाद्य तेलों पर प्रभावी शुल्क 5.5% है। भारत वर्तमान में घरेलू बाज़ार में स्थिरता बनाए रखकर आपूर्ति-मांग के अंतर को दूर करने हेतु अपनी खाद्य तेल की मांग का लगभग 60% पूरा करने के लिये आयात पर निर्भर है।

और पढ़ें… भारत में खाद्य तेल क्षेत्र

करी ईशाद आम को GI टैग मिला 

उत्तर कन्नड़ के अंकोला तालुक के करी ईशाद आम को केंद्र सरकार के तहत भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री से भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है। माथा टोटागर्स फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को GI सर्टिफिकेट जारी किया गया। विशिष्ट सुगंध, रमणीय स्वाद, मुलायम लुगदी गूदा और आकर्षक आकार सहित अपनी असाधारण विशेषताओं के लिये पहचाने जाने वाला करी ईशाद आम को बेहतरीन आम किस्मों में से एक के रूप में माना जाता है।

और पढ़ें…  भौगोलिक संकेतक टैग


close
Share Page
images-2
images-2
PrevNext
July 2025
SuMoTuWeThFrSa
  12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031