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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 05 Aug, 2025
  • 8 min read
रैपिड फायर

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)

स्रोत: TH

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021–22 से 2025–26) के दौरान प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) के लिये कुल ₹6,520 करोड़ के व्यय को मंजूरी प्रदान की है, जिसमे ₹1,920 करोड़ की अतिरिक्त राशि खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना और सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने हेतु शामिल है।

मुख्य स्वीकृतियाँ:

  • एकीकृत शीत शृंखला और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना (ICCVAI) के तहत 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इर्रेडिएशन यूनिट।
  • फूड सेफ्टी और क्वालिटी एश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर (FSQAI) के तहत 100 NABL-स्वीकृत फूड टेस्टिंग लैब्स।

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना:
यह एक समग्र (कॉम्पोजिट) योजना है, जिसका उद्देश्य खेत से बाज़ार तक की आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को दक्षता से संचालित करने हेतु आधुनिक बुनियादी ढाँचा तैयार करना है

मुख्य घटक:

  • मेगा फूड पार्क्स
  • एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्द्धन अवसंरचना (ICCVAI)

  • कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर्स हेतु अवसंरचना

  • बैकवर्ड एवं फॉरवर्ड लिंकजेस का निर्माण

  • खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमता का विस्तार

  • खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना (FSQAI)

  • मानव संसाधन विकास एवं संस्थान

  • इस योजना का उद्देश्य आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना का निर्माण करना, आपूर्ति शृंखला को सशक्त बनाना, कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन करना, किसानों को बेहतर लाभ दिलाना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार उत्पन्न करना है।

रैपिड फायर

मातृ वन पहल

स्रोत: पी. आई. बी.

'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत बड़े पैमाने पर शहरी वनीकरण पहल, 'मातृ वन', हरियाणा के गुरुग्राम में वन महोत्सव 2025 के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी।

  • परिचय: हरियाणा के गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के किनारे अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 750 एकड़ में फैली एक थीम-आधारित शहरी वन परियोजना
  • उद्देश्य: NCR में जैव विविधता संरक्षण, कार्बन पृथक्करण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शहरी स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • पारिस्थितिकी एवं सामुदायिक फोकस: आक्रामक प्रजातियों (जैसे, प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा) को हटाकर, देशी वृक्षों का रोपण करके तथा स्थायित्व एवं स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये जन भागीदारी के माध्यम से पुनर्स्थापन।
    • विषयगत उपवन एवं पारिस्थितिकी अवसंरचना: इसमें बोधि वाटिका, बम्बूसेटम आदि के साथ-साथ प्रकृति पथ, साइकिल ट्रैक, योग क्षेत्र, उपचारित जल सिंचाई, जल निकाय और बाढ़ नियंत्रण उपाय शामिल हैं।
  • महत्त्व: अरावली पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में सहायता करता है, शहरी ताप द्वीपों से मुकाबला करता है, वायु प्रदूषण को कम करता है और दिल्ली-NCR के "हृदय और फेफड़े" के रूप में कार्य करता है।

'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान

  • प्रधानमंत्री द्वारा 5 जून, 2024 (विश्व पर्यावरण दिवस) को शुरू किया गया यह अभियान माताओं के नाम पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है, तथा मातृत्व के प्रति सम्मान के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी जोड़ता है।

अरावली ग्रीन वॉल परियोजना

  • इसका उद्देश्य मरुस्थलीकरण से निपटने और पारिस्थितिकी लचीलापन बढ़ाने के लिये ग्रेट ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट (2007) से प्रेरित होकर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात तथा दिल्ली में 1,400 किमी लंबी, 5 किमी. चौड़ी हरित पट्टी विकसित करना है।

रैपिड फायर

प्रतिरक्षा कोशिकाओं को उत्पन्न करने हेतु AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन

स्रोत: TH

हार्वर्ड के वैज्ञानिकों द्वारा AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन का उपयोग करते हुए बड़ी संख्या में प्रतिरक्षा कोशिकाएँ (इम्यून सेल्स) विकसित की गई हैं, जिससे कैंसर और वायरल संक्रमण जैसे रोगों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत किया गया है।

  • उन्होंने नौच सिग्नलिंग पाथवे (Notch Signalling Pathway)  के लिये एक कृत्रिम सक्रियकर्त्ता विकसित किया है, जो प्रतिरक्षा पूर्वज कोशिकाओं को टी-सेल्स में बदलने के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • नौच सिग्नलिंग शरीर में ऊतकों के संतुलन और स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
  • प्रोजेनिटर सेल्स स्टेम कोशिकाओं और परिपक्व कोशिकाओं के बीच मध्यवर्ती कोशिकाएँ होती हैं, जो विभाजित होकर विशिष्ट कोशिका प्रकारों में बदलती हैं तथा ऊतक विकास एवं पुनर्जनन के लिये आवश्यक होती हैं।

AI-डिज़ाइन किये गए प्रोटीन

  • प्रणाली: AI-आधारित प्रोटीन डिज़ाइन तकनीकों का उपयोग करते हुए, शोधकर्त्ताओं ने ऐसे कृत्रिम प्रोटीन सक्रियकर्त्ता विकसित किये जो मानव शरीर के अंदर उपयोग हेतु सुरक्षित और प्रभावी हैं।
  • डेविड बेकर को उनके कंप्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन के क्षेत्र में प्रमुख कार्य के लिये वर्ष 2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसमें AI तकनीकों का इस्तेमाल किया गया।
  • प्रभाव और अनुप्रयोग:
  • प्रयोगशाला बायोरिएक्टरों में बड़ी मात्रा में टी-सेल्स (T cells) के उत्पादन को संभव बनाया, जिससे CAR-T उपचार में मदद मिली।
  • पशु परीक्षणों में, इन प्रोटीनों ने टी सेल प्रतिक्रिया को बेहतर किया और दीर्घकालिक मेमोरी टी-सेल्स को बढ़ावा दिया, जिससे टीकों की प्रभावशीलता में वृद्धि हुई।
  • भविष्य की उपचार विधियों में इन लक्षित प्रोटीन डिज़ाइनों की मदद से टी कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं से जोड़ा जा सकेगा, एंटी-ट्यूमर प्रतिरक्षा को बढ़ाया जा सकेगा साथ ही ट्यूमर-जनित प्रतिरक्षा दमन का मुकाबला किया जा सकेगा।

टी-सेल्स:

  • टी-सेल्स श्वेत रक्त कोशिकाओं (WBC) का एक प्रकार हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं तथा रोगजनकों की पहचान करने तथा उन पर प्रतिक्रिया देने की ज़िम्मेदारी निभाते हैं।

और पढ़ें: CAR-T सेल थेरेपी


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