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मातृ वन पहल

  • 05 Aug 2025
  • 13 min read

स्रोत: पी. आई. बी.

'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान के तहत बड़े पैमाने पर शहरी वनीकरण पहल, 'मातृ वन', हरियाणा के गुरुग्राम में वन महोत्सव 2025 के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी।

  • परिचय: हरियाणा के गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के किनारे अरावली पहाड़ी क्षेत्र में 750 एकड़ में फैली एक थीम-आधारित शहरी वन परियोजना
  • उद्देश्य: NCR में जैव विविधता संरक्षण, कार्बन पृथक्करण, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शहरी स्थिरता को बढ़ावा देना।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • पारिस्थितिकी एवं सामुदायिक फोकस: आक्रामक प्रजातियों (जैसे, प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा) को हटाकर, देशी वृक्षों का रोपण करके तथा स्थायित्व एवं स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये जन भागीदारी के माध्यम से पुनर्स्थापन।
    • विषयगत उपवन एवं पारिस्थितिकी अवसंरचना: इसमें बोधि वाटिका, बम्बूसेटम आदि के साथ-साथ प्रकृति पथ, साइकिल ट्रैक, योग क्षेत्र, उपचारित जल सिंचाई, जल निकाय और बाढ़ नियंत्रण उपाय शामिल हैं।
  • महत्त्व: अरावली पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में सहायता करता है, शहरी ताप द्वीपों से मुकाबला करता है, वायु प्रदूषण को कम करता है और दिल्ली-NCR के "हृदय और फेफड़े" के रूप में कार्य करता है।

'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान

  • प्रधानमंत्री द्वारा 5 जून, 2024 (विश्व पर्यावरण दिवस) को शुरू किया गया यह अभियान माताओं के नाम पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है, तथा मातृत्व के प्रति सम्मान के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी जोड़ता है।

अरावली ग्रीन वॉल परियोजना

  • इसका उद्देश्य मरुस्थलीकरण से निपटने और पारिस्थितिकी लचीलापन बढ़ाने के लिये ग्रेट ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट (2007) से प्रेरित होकर हरियाणा, राजस्थान, गुजरात तथा दिल्ली में 1,400 किमी लंबी, 5 किमी. चौड़ी हरित पट्टी विकसित करना है।
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