विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मंगल पर पहुँचा इनसाइट
चर्चा में क्यों?
मंगल ग्रह के अध्ययन के लिये भेजा गया नासा का इनसाइट यानी इंटीरियर एक्सप्लोरेशन यूजिंग सिस्मिक इन्वेस्टिगेशंस जियोडेसी एंड हीट ट्रांसपोर्ट (Interior Exploration Using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport- INSIGHT), 26 नवंबर, 2018 को मंगल ग्रह की सतह पर उतरा।
- मंगल ग्रह की सतह पर पहुँचने के लिये इनसाइट ने लगभग सात माह तक अंतरिक्ष में यात्रा की और इस दौरान लगभग 300 मिलियन मील की दूरी तय की।
- पहली बार दो एक्सपेरिमेंटल सैटेलाइट्स ने किसी अंतरिक्षयान का पीछा करते हुए उस पर नजर रखी। ये दोनों सैटेलाइट इनसाइट से छह हज़ार मील पीछे चल रहे थे।
- अमेरिका द्वारा लॉन्च किया गया यह 21वाँ मंगल मिशन है।
- इनसाइट, 2012 में 'क्यूरियोसिटी रोवर' के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान है।
- यह अगले 2 वर्षों तक मंगल ग्रह की सतह का अध्ययन करेगा।
- इनसाइट ने इलीशियम प्लैनिशिया (Elysium Planitia, एक सपाट स्थान जहाँ सीस्मोमीटर लगाना आसान था) पर लैंड किया।
- इस यान को कैलिफोर्निया के वेंडेनबर्ग वायुसेना बेस से एटलस वी रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया था। उल्लेखनीय है कि यह पश्चिमी तट से लॉन्च किया जाने वाला पहला मिशन है। इससे पूर्व अमेरिका के पूर्वी तट पर स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर (फ्लोरिडा) से ही अधिकांश इंटरप्लेनेट्री मिशन लॉन्च किये जाते थे।
- नासा के इस मिशन से वैज्ञानिकों को मंगल, पृथ्वी और चंद्रमा जैसे चट्टानी ग्रहों के निर्माण के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
इनसाइट की विशेषताएँ
- मंगल ग्रह की आतंरिक संरचना का अध्ययन करने के लिये इनसाइट सिस्मोमीटर का प्रयोग करेगा और इसकी आंतरिक स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करेगा।
- इस यान का वज़न 880 पौंड (360 किग्रा.) है।
- इनसाइट में आँकड़ों के संग्रहण के लिये कई प्रकार के संवदेनशील उपकरणों को स्थापित किया गया है।
- इसमें मंगल ग्रह पर भूकंप की जाँच हेतु अति संवेदनशील सिस्मोमीटर (seismometer) लगाया गया है। इस सिस्मोमीटर को फ्राँस के नेशनल स्पेस सेंटर द्वारा तैयार किया गया है।
- सौर ऊर्जा और बैटरी से चलने वाले इस यान को 26 महीने तक काम करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
भारत-विश्व
भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और रूस के बीच रणनीतिक आर्थिक वार्ता (India-Russia Strategic Economic Dialogue) का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु
- भारत और रूस के बीच आयोजित होने वाली यह अपनी तरह की पहली वार्ता है।
- भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता का आयोजन रूस के सेंट पीटर्सबर्ग (St Petersburg) में किया गया।
- इस वार्ता में भारत का प्रतिनिधित्व नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने और रूस का प्रतिनिधित्व वहाँ के आर्थिक विकास मंत्री मैक्सिम ऑरेश्किन (Maxim Oreshkin) ने किया।
- दोनों देशों के बीच आयोजित यह वार्ता 5 प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित थी –
- परिवहन बुनियादी ढाँचा (Transport Infrastructure),
- कृषि एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र (Agriculture and Agro-processing sector),
- छोटे और मध्यम व्यापार के लिये समर्थन (Small & Medium Business upport),
- डिजिटल परिवर्तन और सीमा प्रौद्योगिकी (Digital Transformation & Frontier Technologies)
- औद्योगिक एवं व्यापारिक सहयोग (Industrial & Trade Cooperation)
वार्ता के परिणाम
- भारत और रूस ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) और ब्लॉकचेन प्रणाली (Blockchain System) के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
- स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी दोनों देश साथ मिलकर काम करने की संभावनाएँ तलाशेंगे।
- दोनों देशों के बीच पर्यटन, डिजिटल फ्रंट, वित्तीय तकनीक और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।
- भारत और रूस के बीच अगली आर्थिक रणनीतिक वार्ता का आयोजन जुलाई/अगस्त 2019 में भारत में किया जाएगा।
भारत-रूस संबंध (India-Russia Relations)
- भारत तथा रूस के राजनयिक संबंध 70 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं।
- 1950 के दशक से ही USSR (Union of Soviet Socialist Republics) के साथ भारत का मैत्रीपूर्ण संबंध रहा है तथा 1971 के भारत-सोवियत मैत्री संधि द्वारा संबंधों को और अधिक मज़बूत किया गया।
- दोनों देश विशेष संबंधों के साथ तब जुड़े जब अक्तूबर 2000 में भारत-रूस सामरिक साझेदारी की घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए।
- दिसंबर 2010 में सामरिक साझेदारी को विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ा दिया गया।
- सोवियत काल के बाद भारत-रूस संबंधों ने राजनीति, सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी एवं संस्कृति सहित द्विपक्षीय संबंधों के लगभग सभी क्षेत्रों में सहयोग के उन्नत स्तर के साथ गुणात्मक रूप से नया चरित्र हासिल किया है।
(टीम दृष्टि इनपुट)
स्रोत : टाइम्स ऑफ़ इंडिया
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
यूक्रेन में मार्शल लॉ की घोषणा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में यूक्रेन की संसद ने सीमावर्ती क्षेत्रों में 30 दिनों की अवधि के लिये मार्शल लॉ लागू करने हेतु राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको के अनुरोध के पक्ष में मतदान किया।
प्रमुख बिंदु
- यूक्रेन द्वारा मार्शल लॉ की घोषणा किये जाने के तुरंत बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को किसी भी ‘लापरवाह कृत्य’ करने के खिलाफ चेतावनी दी है। रूस द्वारा यूक्रेन के तीन नौसैनिक जहाज़ों को जब्त किये जाने के बाद यूक्रेन द्वारा प्रतिक्रियास्वरूप मार्शल लॉ की घोषणा की गई।
- कुछ दिनों पहले रूसी सेनाओं ने क्रीमिया के तट पर यूक्रेन के तीन जहाज़ों पर गोलाबारी की और तीनों पर कब्ज़ा कर लिया, इस घटना के कारण पूर्व सोवियत पड़ोसियों के बीच अब तक का सबसे बड़ा तनाव पैदा हो गया है।
- यह घटना मॉस्को और यूक्रेन के बीच लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष और देश के पूर्व में रूस द्वारा अलगाववादियों को समर्थन दिये जाने के बाद से समुद्र में पहला बड़ा टकराव था।
- इस घटना ने बड़े पैमाने पर भय का वातावरण उत्पन्न कर दिया है और संयम बरतने के लिये अंतर्राष्ट्रीय आह्वान को प्रेरित किया है। दोनों देशों के मध्य संघर्ष के कारण वर्ष 2014 से अब तक 10,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
- मार्शल लॉ यूक्रेनी अधिकारियों को सैन्य अनुभव रखने वाले नागरिकों को संगठित करने, मीडिया को नियंत्रित करने और प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक रैलियों को प्रतिबंधित करने की शक्ति देता है।
- रूसी अधिकारियों के अनुसार, जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल के साथ हुई एक फोन वार्तालाप में श्री पुतिन ने मार्शल लॉ के लागू होने पर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की।
- रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगाया है कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव से पहले श्री पोरोशेंको के समर्थन को बढ़ाने और पश्चिमी देशों की सरकारों को रूस पर और प्रतिबंध लगाने के लिये राजी करने के उद्देश्य से यूक्रेन द्वारा एक उकसावे के रूप में इस टकराव की योजना बनाई गई थी।
- जहाज़ों को ज़ब्त करने के एक दिन बाद रूसी राज्य टेलीविज़न ने रूस की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पकड़े गए नाविकों से प्रश्न किये जाने के कुछ फुटेज प्रसारित किये।
- पकड़े गए नाविकों में से एक को यह कहते सुना गया कि "कर्च जलडमरूमध्य में यूक्रेन के सशस्त्र जहाज़ों की कार्रवाई उकसाने वाली प्रकृति की है।"
- इस बीच रूसी-कब्ज़े वाले क्रीमिया में एक अदालत ने तीन यूक्रेनी नाविकों को दो महीने के लिये हिरासत में रखने का आदेश दिया।
स्रोत : द हिंदू
विविध
डेटा पॉइंट: मतदान प्रतिशत और विभिन्न कारक
संदर्भ
छत्तीसगढ़ के हालिया विधानसभा चुनाव में मतदान के लिये 76 प्रतिशत से ज़्यादा मतदाता पहुँचे। छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है जिसकी साक्षरता तथा मानव विकास सूचकांक (HDI) पूरे देश की तुलना में कम है। हालाँकि छत्तीसगढ़ असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय जैसे कुछ राज्यों में से एक है जहाँ मानव विकास सूचकांक (HDI) कम होने के बावजूद भी मतदान, राष्ट्रीय औसत मतदान से अधिक था।
- आमतौर पर बेहतर मानव विकास सूचकांक वाले भारतीय राज्यों में मतदान प्रतिशत उच्च होता है।
- जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और प्रति व्यक्ति आय को ध्यान में रखते हुए मानव विकास सूचकांक का निर्धारण किया जाता है। विशेष रूप से शिक्षा या साक्षरता राज्यवार मतदान प्रतिशत से काफी हद तक संबंधित होती है।
मतदान प्रतिशत Vs. मानव विकास सूचकांक
- हालिया विधानसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत तथा मानव विकास सूचकांक के मध्य खींचे गए उपर्युक्त ग्राफ से प्राप्त निष्कर्ष-
- अमूमन किसी राज्य का मानव विकास सूचकांक ज़्यादा होने पर मतदान प्रतिशत भी ज़्यादा होता है।
- किंतु छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों का मानव विकास सूचकांक राष्ट्रीय औसत से कम होने के बावजूद इनमें मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी ज़्यादा है।
मतदान प्रतिशत Vs. साक्षरता दर
- हालिया विधानसभा चुनावों के मतदान प्रतिशत तथा साक्षरता दर के मध्य खींचे गए उपर्युक्त ग्राफ से प्राप्त निष्कर्ष-
- अमूमन किसी राज्य की साक्षरता दर बढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत भी बढ़ता है।
- किंतु मेघालय, असम, छतीसगढ़, पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान राज्यों की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से कम होने के बावजूद इनमें मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से भी ज़्यादा है।
निष्कर्ष
डाटा विश्लेषण में प्रदर्शित आँकड़े इस अवधारणा को ख़ारिज कर देते हैं कि मानव विकास सूचकांक तथा साक्षरता दर बढ़ने के साथ किसी राज्य में मतदान प्रतिशत भी बढ़ता है। किसी राज्य में या किसी क्षेत्र विशेष में मतदान प्रतिशत बढ़ने के कई अन्य सामाजिक, राजनीतिक एवं स्थानीय कारक भी होते हैं, मसलन- ध्रुवीकरण, चुनाव प्रक्रिया में जनता की आस्था, राजनीतिक दलों द्वारा अपनाई गई रणनीति आदि।
स्रोत- द हिंदू, ग्लोबल डाटा लैब, त्रिवेणी सेंटर फॉर पॉलिटिकल डाटा
विविध
2008 संकट के बाद वैश्विक वेतन वृद्धि सबसे कम:ILO
संदर्भ
हाल ही में जारी अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2008-17 के दौरान वैश्विक वेतन वृद्धि सबसे कम है, जबकि दक्षिणी एशिया में भारत ने सबसे ज़्यादा वेतन वृद्धि दर्ज की है। ग्लोबल वेज रिपोर्ट 2018-19 नामक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि “महिलाओं और पुरुषों का एकसमान वेतन सुनिश्चित किये जाने पर ज़ोर देने की जरूरत है।”
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद 2017 में वैश्विक वेतन वृद्धि सबसे कम थी।
- लिंग आधारित वैतनिक अंतर आज के समय में सामाजिक अन्याय की सबसे बड़ी अभिव्यक्ति है।
- प्रति घंटे के हिसाब से भुगतान का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को सबसे कम भुगतान मिलता है।
- गौरतलब है कि यह अध्ययन अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन (ILO) की ओर से 73 देशों में कराया गया था।
- भारत में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में 34.5 प्रतिशत कम वेतन मिलता है। वेतन में यह अंतर लिंग के आधार पर अध्ययन किये गए देशों में सबसे ज़्यादा है।
- 2017 में पूरी दुनिया में (136 देशों में) वेतन की वृद्धि मात्र 1.8 प्रतिशत रही है।
- ग्लोबल वेज रिपोर्ट 2018-19 नामक यह रिपोर्ट 26 नवंबर को जारी की गई थी।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के अधिकांश देशों में महिलाओं तथा पुरुषों के काम के घंटों में बहुत ज़्यादा अंतर है।
- पार्ट-टाइम कार्य पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज़्यादा प्रचलित है।
- वेतन में लैंगिक आधार पर अंतर उन महिलाओं के मामले में भी है, जिन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं और पुरुषों के बीच एकसमान वेतन सुनिश्चित करने की ज़रूरत है।
एशिया
- दक्षिण एशिया में 2008-17 के दौरान भारत ने 3.7 के क्षेत्रीय औसत के मुकाबले 5.5 की दर से वास्तविक वेतन वृद्धि दर्ज की है।
- इस दौरान नेपाल की 4.7, श्रीलंका की 4, बांग्लादेश की 3.4, पाकिस्तान की 1.8 और ईरान की वेतन वृद्धि दर 0.4 रही।
- मेक्सिको के अलावा G-20 की सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने 2008-17 के दौरान महत्त्वपूर्ण सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है।
- रूस ने 2015 में वेतन वृद्धि की दर में थोड़ी कमी दर्ज की लेकिन उसके बाद रूस ने फिर से रफ़्तार पकड़ ली।
- रिपोर्ट ने इस तरफ भी ध्यान आकृष्ट किया है कि ज़्यादातर देशों ने न्यूनतम मज़दूरी को भी मज़बूती देने की कोशिश की है ताकि कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
स्रोत- बिज़नेस स्टैंडर्ड, द हिंदू बिज़नेस लाइन
विविध
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (28 November)
- 27 नवंबर को पूरे देश में मनाया गया भारतीय अंगदान दिवस; 23 अगस्त को मनाया जाता है विश्व अंगदान दिवस
- पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के नज़दीकी माने जाने वाले राजदूत अहमद मोहम्मद को मालदीव ने भारत से वापस बुलाया; 17 दिसंबर को अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आएंगे मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह
- मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद भारत की यात्रा पर
- पाकिस्तान के साथ हुई सिंधु जल संधि के तहत भारत सिंधु नदी के अपने हिस्से के पानी को रोकने के लिये शाहपुर कांडी बांध परियोजना, पंजाब में दूसरा सतलुज-ब्यास संपर्क और जम्मू-कश्मीर में ऊझबी बांध परियोजना पर काम तेज़ करेगा
- पाकिस्तान में भी हुआ करतारपुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास; लाहौर से करीब 120KM दूर नारोवाल में रखी गलियारे की आधारशिला
- यूक्रेन में लागू हुआ मार्शल लॉ; तीन नौसैनिक जहाज़ों को रूस द्वारा जब्त किये जाने के बाद रखा गया था मार्शल लॉ लगाने का प्रस्ताव; मार्शल लॉ से मिलेगा यूक्रेनी अधिकारियों को सैन्य अनुभव रखने वाले नागरिकों को संगठित करने, मीडिया को कंट्रोल करने और प्रभावित एरिया में पब्लिक रैलियों को प्रतिबंधित करने का अधिकार
- सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य है चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग लिमिटेड के प्रमुख जैक मा
- 26 नवंबर, 2018 को मंगल ग्रह की सतह पर उतरा नासा का इनसाइट (Interior Exploration Using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport- INSIGHT) मिशन, क्यूरियोसिटी रोवर के बाद मंगल पर उतरने वाला नासा का पहला अंतरिक्ष यान
- नेपाली सरकार ने लॉन्च की सोशल सिक्यूरिटी स्कीम फॉर फॉर्मल सेक्टर वर्कर्स
- भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया स्पष्ट, सार्क सम्मेलन में भाग लेने पाकिस्तान नहीं जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी, पाकिस्तान से आंतकी गतिविधियों को रोकने को कहा
- भारत सरकार और ADB के बीच 75 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर; कर्नाटक के चार तटीय शहरों कुंडापुरा, मंगलोर,पुत्तुर एवं उडूपी में कराई जाएगी 24 घंटे जलापूर्ति; मंगलोर में स्वच्छता संबंधी बुनियादी ढाँचागत सुविधाएँ होंगी और बेहतर
- केंद्रीय जहाज़रानी, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी नैरोबी रवाना; सतत् नीली अर्थव्यवस्था सम्मेलन में लेंगे भाग; केन्या कर रहा है सम्मेलन का आयोजन, कनाडा तथा जापान हैं सह-मेज़बान
- ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में पुरुष विश्व कप हॉकी के 14वें संस्करण की शुरुआत, भारत में तीसरी बार हो रहा है इसका आयोजन; Olly कछुआ है प्रतियोगिता का शुभंकर
- लेटेस्ट और ग्रीन तकनीक वाला 100 फीसदी सॉफ्टवेयर आधारित देश के पहले Hyper Converged Infrastructure डाटा सेंटर की उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में शुरुआत
- DRDO के साथ मिलकर IIT कानपुर विकसित करेगा 70 किलोमीटर तक मार करने वाला पहला स्वदेशी रॉकेट; अंतिम चरण में है 122mm Extended Range Rocket को बनाने का काम
- नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NPCC) को केंद्र सरकार ने दिया 'मिनीरत्न:श्रेणी-1’ का दर्जा; जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है NPCC
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्च किया ‘मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति’; स्वदेशी रक्षा उद्योग में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) संस्कृति को बढ़ावा देना है इसका उद्देश्य
- केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने नई दिल्ली में किया राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के 14वें स्थापना दिवस का उद्घाटन; ‘आपदाओं के लिये पूर्व चेतावनी’ है इस वर्ष के स्थापना दिवस की थीम
- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने जारी किया लॉजिक्स इंडिया 2019 का लोगो; लॉजिक्स इंडिया (Logix India) उन वस्तुओं का दक्ष (efficient) एवं किफायती प्रवाह सुनिश्चित करने में होगा मददगार जिन पर अन्य वाणिज्यिक क्षेत्र करते है निर्भर
- ओडिशा की पूर्व IAS अपराजिता सारंगी भाजपा में हुई शामिल; मनरेगा को लागू करने में निभाई थी अहम् भूमिका
- विजय देव ने संभाला दिल्ली के मुख्य सचिव का पदभार, इससे पूर्व वे दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पद पर थे आसीन
- SpongeBob SquarePants के क्रिएटर stephen hillenburg का निधन, amyotrophic lateral sclerosis (ALS) अथवा Motor neurone disease से थे पीड़ित
- हिंदी फिल्मों के मशहूर गायक मुहम्मद अजीज का निधन, 64 साल के अजीज का पूरा नाम था सैयद मुहम्मद अजीज-उन-नबी
प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 28 नवंबर, 2018
NPCC को मिनीरत्न का दर्जा
राष्ट्रीय परियोजना निर्माण निगम लिमिटेड (National Projects Construction Corporation Limited- NPCC) को भारत सरकार द्वारा "मिनीरत्न:श्रेणी-1" (Miniratna : Category –I) का सम्मानित दर्जा दिया गया है।
- NPCC को मिनीरत्न का दर्जा हासिल होने से निदेशक मंडल की शक्तियों में वृद्धि होगी जिसके परिणामस्वरूप कंपनी तेज़ी से निर्णय ले सकेगी।
मिनीरत्न कंपनी
मिनीरत्न की अवधारणा वर्ष 2002 में शुरू हुई थी। मिनीरत्न कंपनियों को संयुक्त उद्यमों में प्रवेश करने की अनुमति होती है और वे विदेशों में भी कार्यालय भी खोल सकती हैं लेकिन उनके लिये कुछ सीमाएँ निर्धारित की गई हैं। मिनीरत्न कंपनियों को दो श्रेणियों में बाँटा गया है- श्रेणी-1 और श्रेणी-2
मिनीरत्न श्रेणी- 1
मिनीरत्न कंपनी वर्ग 1 का दर्जा प्राप्त करने के लिये आवश्यक है कि कंपनी ने पिछले तीन वर्षों से लगातार लाभ प्राप्त किया हो तथा तीन साल में एक बार कम से कम 30 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया हो।
मिनीरत्न श्रेणी’- 2
कंपनी द्वारा ने पिछले तीन साल से लगातार लाभ अर्जित किया हो और उसकी नेट वर्थ सकारात्मक हो।
NPCC
- यह जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय (Ministry of Water Resources RD & GR) के प्रशासनिक नियंत्रण में अनुसूची 'बी' का एक केंद्रीय लोक-उद्यम है जिसे हाल ही में ISO 9001:2015 प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ है।
- वर्ष 1957 में स्थापित इस निगम को एक प्रमुख निर्माण कंपनी के तौर पर देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिये बुनियादी ढाँचे के निर्माण का गौरव हासिल है।
- निगम, 2009-10 के बाद से लगातार लाभ अर्जित कर रहा है और पिछले छह वर्षो से इसकी सकल आय ( net worth) सकारात्मक है और इसकी महत्त्वाकांक्षी व्यापार-योजना के तहत इसे प्राप्त कार्य-आदेशों की स्थिति बढ़कर 11833 करोड़ रुपए हो गई है।
भारतीय अंगदान दिवस ( Indian Organ Donation Day)
- 27 नवंबर को देश में भारतीय अंगदान दिवस मनाया जाता है।
- इस बार 9वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (National Organ and Tissue Transplant Organization- NOTTO) ने किया।
- उल्लेखनीय है कि विश्व अंगदान दिवस प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को मनाया जाता है।
- इस कार्यक्रम के दौरान अंगदान पर जागरूकता बढ़ाने के लिये महाराष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ राज्य घोषित करते हुए पुरस्कार प्रदान किया गया।
NOTTO
राष्ट्रीय अंग व ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO), स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्थापित एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है। NOTTO के निम्मलिखित दो प्रभाग है-
- राष्ट्रीय मानव अंग और ऊतक निष्कासन एवं भंडारण नेटवर्क : मानव अंग प्रत्यारोपण (संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुसार इसे अनिवार्य किया गया है। NOTTO का राष्ट्रीय प्रभाग देश में अंगों और ऊतकों की खरीद के नेटवर्क अथवा वितरण के साथ-साथ अंगों और ऊतक दान एवं प्रत्यारोपण के पंजीकरण में सहयोग जैसी अखिल भारतीय गतिविधियों के लिये सर्वोच्च केंद्र के तौर पर कार्य करता है।
- राष्ट्रीय बॉयोमैटीरियल केंद्र (राष्ट्रीय ऊतक बैंक) : इस केंद्र को स्थापित करने का मुख्य आधार और उद्देश्य विभिन्न प्रकार के ऊतकों की उपलब्धता व इनकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को भरना है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) का 14वाँ स्थापना दिवस
27 नवंबर, 2018 को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) का 14वाँ स्थापना दिवस मनाया गया।
- इस वर्ष के लिये स्थापना दिवस की थीम ’आपदाओं के लिये पूर्व चेतावनी’ (Early Warning for Disasters) थी।
NDMA की पृष्ठभूमि
- भारत के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) आपदाओं के प्रबंधन हेतु एक शीर्ष निकाय है।
- भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन के महत्त्व को राष्ट्रीय प्राथमिकता का मानते हुए, अगस्त, 1999 में एक उच्चाधिकार समिति का गठन करने एवं गुजरात भूकंप के बाद आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी के बारे में सिफारिशें करने तथा कारगर प्रशमन तंत्रों का सुझाव देने के लिये आपदा प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय समिति का भी गठन किया था।
- दसवीं पंचवर्षीय योजना के दस्तावेज में भी पहली बार आपदा प्रबंधन पर एक विस्तृत अध्याय दिया गया।
- बारहवें वित आयोग में भी आपदा प्रबंधन के लिये वितीय व्यवस्थाओं की समीक्षा करने का अधिदेश दिया।
- 23 दिसंबर, 2005 को भारत सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम को अधिनियमित किया जिसमें प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) तथा संबंधित मुख्यमंत्रियों की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA के सृजन की परिकल्पना की गई ताकि भारत में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक नेतृत्व स्थापित किया जाए एवं इसके लिये एक समग्र तथा एकीकृत दृष्टिकोण को लागू किया जा सके।
मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति
भारतीय रक्षा मंत्री ने 27 नवंबर, 2018 को दिल्ली में औपचारिक रूप से ‘मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति’ की शुरूआत की।
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने की मौजूदा पहलों के अंग के रूप में रक्षा उत्पादन विभाग ने ‘मिशन रक्षा ज्ञान शक्ति’ नामक एक नई रूपरेखा शुरू की है।
- इसका उद्देश्य स्वदेशी रक्षा उद्योग में भौतिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Right- IPR) संस्कृति को बढ़ावा देना है।
- इस कार्यक्रम के समन्वय और कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी गुणता आश्वासन महानिदेशालय (Directorate General of Quality Assurance- DGQA) को दी गई है।
बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR)
- बौद्धिक संपदा अधिकार, निजी अधिकार हैं जो किसी देश की सीमा के भीतर मान्य होते हैं तथा औद्योगिक, वैज्ञानिक, साहित्य और कला के क्षेत्र में व्यक्ति (व्यक्तियों) अथवा कानूनी कंपनियों की रचनात्मकता अथवा नवप्रयोग के संरक्षण के लिये उन्हें दिये जाते हैं।
मेकेदातु बहुद्देश्यीय परियोजना को स्वीकृति
केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने कर्नाटक सरकार की पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट (feasibility report) को स्वीकृति देते हुए कावेरी नदी पर बनने वाले मेकेदातु (Mekedatu) बहुद्देश्यीय परियोजना को प्रशासनिक मंज़ूरी दे दी है।
- इस बहुद्देश्यीय परियोजना से बिजली उत्पादन के अलावा बंगलुरू और रामानगरम ज़िलों में पीने के पानी की आपूर्ति भी किये जाने की योजना है।
- केंद्रीय जल आयोग ने कर्नाटक राज्य को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने को कहा है।
- फरवरी 2017 में राज्य मंत्रिमंडल ने इस परियोजना को लागू करने का फैसला किया था जिसमें रामानगरम ज़िले के कनकपुरा के पास कावेरी में संतुलित बांध का निर्माण करना शामिल है।
- उल्लेखनीय है कि मेकेदातु परियोजना को लेकर कर्नाटक एवं तमिलनाडु राज्यों के बीच विवाद है।
केंद्रीय जल आयोग के बारे में
- जल संसाधन के क्षेत्र में यह देश का एक प्रमुख तकनीकी संगठन है।
- इस आयोग को बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, नौवहन, पेयजल आपूर्ति और जल विद्युत विकास के प्रयोजन हेतु समूचे देश के जल संसाधनों के नियंत्रण, संरक्षण और उपभोग संबंधी योजनाओं के लिये राज्य सरकारों के परामर्श से शुरू करने, समन्वित करने तथा आगे बढ़ाने का सामान्य उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
- इस आयोग का प्रमुख एक अध्यक्ष होता है जिसका पद भारत सरकार के पदेन सचिव के स्तर का होता है।
- आयोग के तीन तकनीकी विंग हैं, जिसमें अभिकल्प एवं अनुसंधान, जल आयोजना एवं परियोजना तथा नदी प्रबंध विंग शामिल हैं।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।