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डेली न्यूज़

  • 27 Nov, 2018
  • 45 min read
अंतर्राष्ट्रीय संबंध

ब्रेक्ज़िट पर यूरोपीय संघ ने लगाई मुहर

चर्चा में क्यों?


25 नवंबर को बेल्जियम के ब्रसेल्स में हुए यूरोपीय संघ के विशेष शिखर सम्मेलन में 27 देशों के नेताओं ने ब्रिटेन के ‘ब्रेक्ज़िट’ प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी। अब अगले वर्ष 29 मार्च को यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर आने की राह के लगभग सभी अवरोध दूर हो गए हैं।

क्या हुआ शिखर सम्मेलन में?

  • ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की अनुपस्थिति में यूरोपीय संघ के 27 नेताओं ने ब्रसेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ के विशेष शिखर सम्मेलन में ब्रेक्ज़िट समझौते पर मुहर लगा दी। यह मंज़ूरी ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच हुए ब्रेक्ज़िट समझौते का सबसे अहम परिणाम है।

ब्रेक्ज़िट क्या है?


आइये, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि जिसकी आज दुनियाभर में चर्चा हो रही है, आखिर वह ब्रेक्ज़िट है क्या? दो शब्दों- Britain+Exit से मिलकर बना है Brexit, जिसका अर्थ है ब्रिटेन का बाहर निकलना। यूरोपीय संघ से बाहर निकलने या न निकलने के मुद्दे पर यूनाइटेड किंगडम में जून 2016 में जनमत संग्रह हुआ था। इसमें बहुत कम मतों के अंतर से लोगों ने यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के पक्ष में निर्णय दिया था। इसके पीछे ब्रिटेन की संप्रभुता, संस्कृति और पहचान बनाए रखने का तर्क दिया गया।

  • आपको बता दें कि ग्रेट ब्रिटेन में तीन देश शामिल हैं- इंग्लैंड, वेल्स तथा स्कॉटलैंड...और जब हम बात यूनाइटेड किंगडम की करते हैं तो उत्तरी आयरलैंड भी इन तीनों के साथ शामिल हो जाता है।

मुद्दा क्या है?


ब्रिटेन में बहुत से लोग मानते हैं कि यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद इसका दखल ब्रिटेन में काफी बढ़ गया है। ब्रेक्ज़िट के समर्थक यह मानते हैं कि यूरोपीय संघ पहले जैसा नहीं रहा और यह ब्रिटेन वासियों के दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है। दरअसल, ब्रेक्ज़िट ने ब्रिटेन में अनिश्चितता का माहौल बना दिया है। यूरोपीय संघ से बाहर आने (ब्रेक्ज़िट) के ब्रिटेन के फैसले से कई बड़े सवाल उठ खड़े हुए हैं। जैसे-

  • ब्रिटेन जब अलग होगा तो क्या उसकी अर्थव्यवस्था कमज़ोर हो जाएगी?
  • यूरोप के देशों से आकर ब्रिटेन में रहने वालों की नागरिकता क्या होगी?
  • उन्हें ब्रिटेन में रहने की अनुमति होगी या नहीं? यूरोप में ब्रिटेन के नागरिकों को रहने की इज़ाज़त होगी या नहीं?
  • क्या दोनों पक्षों के देशों के नागरिकों को बग़ैर वीज़ा के प्रवेश करने की आज़ादी होगी?
  • आपसी व्यापार पहले की तरह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के अंतर्गत होगा या नहीं?

इसके अलावा ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने भी सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। यूरोपीय संघ से अलग होने के पहले अब ब्रिटेन सरकार को इस मसले पर संसद में मतदान कराना होगा। हाई कोर्ट के निर्देशानुसार ब्रिटिश संसद को इस मसले पर मतदान करना होगा कि यूरोपीय संघ से अलग होने की प्रक्रिया आरंभ की जा सकती है या नहीं।

यूरोपीय संघ क्या है?


यूरोपीय संघ की शुरुआत छह सदस्य देशों के साथ 1957 में हुई थी। तब रोम की संधि के तहत ये छह देश आर्थिक भागीदारी करने के लिये इकठ्ठा हुए थे। आज यूरोपीय संघ में यूनाइटेड किंगडम सहित कुल 28 सदस्य देश हैं। यह सदस्य देशों को एकल बाज़ार (Single Market) के रूप में मान्यता देता है। यूरोपीय संघ की 23 आधिकारिक भाषाएँ हैं और इसके कानून यूरोप के सभी देशों पर लागू होते हैं।

EU

यूरोपीय संघ में यूनाइटेड किंगडम

  • यूनाइटेड किंगडम 1973 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय का सदस्य बना था।
  • इसके बावजूद ब्रिटेन ने पाउंड को ही अपनी मुद्रा के रूप में अपनाया, जबकि अधिकांश यूरोपीय संघ के देशों में बतौर मुद्रा (Currency) यूरो का चलन है।
  • शेंगेन सीमा मुक्त क्षेत्र (Schengen Border-free Zone) में भी ब्रिटेन शामिल नहीं हुआ, जो यूरोपीय संघ में पासपोर्ट मुक्त यात्रा की सुविधा देता है।

पहले भी हो चुका है जनमत संग्रह


जून 2016 में ब्रेक्ज़िट पर हुए जनमत संग्रह से पहले भी यूनाइटेड किंगडम में इस मुद्दे पर जनमत संग्रह हो चुका है। 1975 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय (तब यूरोपीय संघ का यही नाम था) के साथ बने रहने के मुद्दे पर देश में विरोधी स्वर उठने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री हैरोल्ड विल्सन ने जनमत संग्रह कराया था। इस जनमत संग्रह में 67 प्रतिशत लोगों ने इसमें बने रहने के पक्ष में राय दी थी।

    • ब्रेक्ज़िट समझौते के अनुसार, अगले साल 29 मार्च को ब्रिटेन औपचारिक रूप से ईयू से अलग हो जाएगा।
    • इसके बाद 21 महीने तक दोनों पक्षों के बीच Transition Period होगा यानी इस अवधि के दौरान ब्रिटेन एकल बाज़ार में बना रहेगा।
    • इस अवधि में ब्रिटेन यूरोपीय साझा बाज़ार और यूरोपीय सीमा शुल्क संघ में ज़ीरो टैरिफ का लाभ ले सकेगा।

    भारत पर क्या असर पड़ेगा?

    • ब्रिटेन भारत को एक बड़े बाज़ार की तरह से देखता है। वर्ष 2000 से अब तक ब्रिटेन की कंपनियों ने भारत में लगभग 16 अरब डॉलर का निवेश किया है, जिसके कारण लाखों लोगों को रोज़गार मिला है।
    • भारत की लगभग 800 कंपनियों ने ब्रिटेन में निवेश किया है, जिनसे बड़ी संख्या में ब्रिटेन में लोगों को रोज़गार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।

    ब्रेक्ज़िट के बाद इन पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इनका बिज़नेस किस प्रकार चलेगा, विशेषकर उन कंपनियों का जो यूरोपीय संघ के देशों के साथ व्यापार कर रही हैं। ब्रेक्ज़िट के बाद यदि यूरो और पाउंड का अवमूल्यन होता है तो भारत के शेयरबाज़ार और मुद्रा बाज़ार पर भी इसका असर पड़ेगा।

    • ब्रिटेन में भारतीय मूल के लगभग 30 लाख लोग रहते हैं, जिनके बारे में चिंतित होना भारत की बड़ी चिंताओं में से एक है।
    • भारत से बड़ी संख्या में लोग हर साल ब्रिटेन जाते हैं, जिनमें पर्यटक, बिज़नेसमैन, प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स तो होते ही हैं, साथ ही वहाँ रहने वाले भारतीयों के रिश्तेदार भी बड़ी संख्या में होते हैं।

    लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है। विशेषज्ञ यह मानते हैं कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद जो अस्थिरता का माहौल बनेगा उसमें भारत जैसे देशों के लिये और अधिक अवसरों की संभावना बन सकती है। ऐसे में एक बड़े बाज़ार के नाते भारत को नज़रअंदाज़ करना ब्रिटेन के लिये आसान नहीं होगा, बल्कि उसके लिये भारत से बेहतर संबंध रखना पहले से अधिक अहम होगा।

    स्रोत: The Hindu, Indian Express


    अंतर्राष्ट्रीय संबंध

    घर : महिलाओं के लिये सबसे असुरक्षित स्थान

    हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime- UNODC) ने एक रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार, महिलाओं के लिये सबसे सुरक्षित माना जाने वाला घर ही उनके लिये सबसे असुरक्षित है।


    क्या कहती है UNODC की रिपोर्ट?

    • वर्ष 2017 में 87,000 महिलाओं की हत्या हुई जिनमें से लगभग 50,000 या 58% महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के सदस्यों द्वारा की गई।
    • उपरोक्त आँकड़े यह दर्शाते हैं कि हर एक घंटे में लगभग 6 महिलाओं की हत्या उनके परिचितों द्वारा ही की गई।
    • इस अध्ययन के अनुसार, पार्टनर या पारिवारिक सदस्यों द्वारा महिलाओं की हत्या की वैश्विक दर प्रति 100,000 महिला आबादी पर 1.3 थी।
    • भौगोलिक वितरण के आधार पर अफ्रीका और अमेरिका ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ पार्टनर या परिवार के सदस्यों द्वारा महिलाओं की हत्या किये जाने का जोखिम सबसे अधिक है।
    • अफ्रीका में प्रति 100,000 महिला आबादी में पीड़ित महिलाओं की दर 3.1 थी, जबकि अमेरिका में यह दर 1.6, ओशिनिया (Oceania) में 1.3 और एशिया में 0.9 थी। यूरोप में यह दर सबसे कम यानी 100,000 महिला आबादी पर 0.7 थी।
    • अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिये बने कानून और कार्यक्रमों के बावजूद, पार्टनर/पारिवारिक सदस्यों से महिलाओं की सुरक्षा के मामलों में कोई वास्तविक प्रगति नहीं हुई है।

    आगे की राह

    • लैंगिक आधार पर होने वाली हत्याओं को रोकने और समाप्त करने के लिये लक्षित आपराधिक न्याय प्रतिक्रियाओं की आवश्यकता है।
    • UNODC द्वारा जारी यह शोध महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिये प्रभावी अपराध निवारण और आपराधिक न्याय प्रतिक्रिया की आवश्यकता को उजागर करता है।
    • पुलिस और न्याय प्रणाली के साथ-साथ स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं के बीच अधिक समन्वय स्थापित करने के साथ ही प्रारंभिक शिक्षा के माध्यम से समाधान प्रक्रिया में पुरुषों को शामिल करने की आवश्यकता है।

    अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस (International Day for the Elimination of Violence Against Woman)

    • 25 नवंबर को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
    • इस दिवस का उद्देश्य पूरी दुनिया में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
    • वर्ष 2018 के लिये इस दिवस की थीम 'ऑरेंज द वर्ल्ड: # हियरमीटू' (‘Orange the World: #HearMeToo’) है।
    • इसमें ऑरेंज अर्थात् नारंगी, एकजुटता के सूत्र में बांधने वाला रंग है और #HearMeToo हैशटैग का चुनाव स्पष्ट रूप से यह संदेश देने के लिये किया गया है कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा अब बंद होनी चाहिये और इसके लिये सबको अपनी भूमिका निभानी चाहिये।

    UNODC के बारे में

    • UNODP संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत एक कार्यालय है जिसकी स्थापना वर्ष 1997 में यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल ड्रग कंट्रोल प्रोग्राम (United Nations International Drug Control Program-UNDCP) और संयुक्त राष्ट्र में अपराध निवारण और आपराधिक न्याय विभाग (Crime Prevention and Criminal Justice Division) के संयोजन द्वारा की गई थी।
    • उस समय इसकी स्थापना दवा नियंत्रण और अपराध निवारण कार्यालय (Office for Drug Control and Crime Prevention) के रूप में की गई थी। वर्ष 2002 में इसका नाम बदलकर संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध कार्यालय (United Nations Office on Drugs and Crime- UNODC) किया गया।
    • इसका मुख्यालय वियना, ऑस्ट्रिया में है।
    • वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट (World Drug Report) इस कार्यालय द्वारा प्रकाशित प्रमुख रिपोर्ट है।

    स्रोत : UNODC वेबसाइट


    विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

    चीन में तैयार किये गए दुनिया के पहले आनुवंशिक रूप से संपादित बच्चे

    चर्चा में क्यों?


    हाल ही में एक चीनी शोधकर्त्ता ने दावा किया कि उसने इस महीने पैदा हुई दुनिया के पहले आनुवंशिक रूप से संपादित बच्चों- जुड़वाँ लड़कियों को बनाने में मदद की। शोधकर्त्ता के अनुसार, उसने जुड़वाँ बच्चों के डीएनए को जीवन के महत्त्वपूर्ण लक्षणों को पुनर्संपादित करने में सक्षम एक शक्तिशाली नए उपकरण के द्वारा परिवर्तित कर दिया।

    प्रमुख बिंदु

    • शोधकर्त्ता हे जियानकुई के अनुसार, उसने प्रजनन उपचार के दौरान सात जोड़ों के लिये भ्रूण में परिवर्तन किया, इस प्रकार गर्भावस्था का एक परिणाम प्राप्त हुआ।
    • शोधकर्त्ता का लक्ष्य आनुवंशिक बीमारी का इलाज या उसे रोकना नहीं है, बल्कि कुछ लोगों को स्वाभाविक रूप से प्राप्त एचआईवी, एड्स वायरस के भविष्य में संभावित संक्रमण का प्रतिरोध करने की क्षमता की विशेषता को अन्य लोगों को प्रदान करने की कोशिश करना है।
    • उसके दावे की कोई स्वतंत्र पुष्टि नहीं की गई है, और न ही इसे किसी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है, जहाँ इसका अन्य विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण किया गया हो।
    • इस तरह का जीन संपादन संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिबंधित है क्योंकि डीएनए परिवर्तन भविष्य की पीढ़ियों तक पहुँच सकते हैं और यह अन्य जीनों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
    • हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों ने जीन संपादन का अपेक्षाकृत आसान तरीका खोजा है, जिसमें शरीर को नियंत्रित करने वाले डीएनए स्ट्रैंड का संपादन एक उपकरण के द्वारा किया जाता है अर्थात् एक आवश्यक जीन की आपूर्ति करके या समस्या पैदा करने वाले जीन को अक्षम करके जीन संपादन किया जाता है।
    • हाल ही में वयस्कों में घातक बीमारियों का इलाज करने की कोशिश की गई है, और परिवर्तन उस व्यक्ति तक ही सीमित हैं। शुक्राणु, अंडे या भ्रूण संपादित करना इससे अलग है – ये परिवर्तन आनुवंशिक हो सकते हैं। अमेरिका में प्रयोगशाला अनुसंधान को छोड़कर और कहीं इसकी अनुमति नहीं है। चीन में मानव क्लोनिंग अवैध है लेकिन विशेष रूप से जीन संपादन नहीं।

    एचआईवी से सुरक्षा हेतु प्रयोग

    • इस चीनी वैज्ञानिक ने कहा कि उसने एचआईवी के लिये भ्रूण के जीन संपादन का प्रयास चुना क्योंकि एचआईवी संक्रमण चीन में एक बड़ी समस्या है। उसने CCR5 नामक एक जीन को अक्षम करने का प्रयास किया जो एड्स वायरस एचआईवी को एक कोशिका में प्रवेश करने की अनुमति देने के लिये प्रोटीन द्वार बनाता है।
    • शोधकर्त्ता ने बताया कि यह जीन संपादन आईवीएफ या प्रयोगशाला में निषेचन के दौरान हुआ था। सबसे पहले, शुक्राणु को वीर्य से अलग करने के लिये "धोया गया" था, ताकि तरल पदार्थ में एचआईवी छिप न सके।
    • एक भ्रूण बनाने के लिये एक शुक्राणु को एक ही अंडे में रखा गया था। फिर जीन संपादन उपकरण का इस्तेमाल किया गया था। जब भ्रूण 3 से 5 दिन पुराने हो गए, तो कुछ कोशिकाओं को हटा दिया गया और संपादन के लिये चेक किया गया।
    • शोध में शामिल पुरुष एड्स से ग्रसित थे जबकि महिलाएँ सुरक्षित थीं। इन जोड़ों के पास यह विकल्प था कि गर्भावस्था के प्रयासों के लिये संपादित या अनियमित भ्रूण का उपयोग करना है या नहीं। उसने कहा कि जुडवाँ गर्भावस्था प्राप्त करने से पहले छह प्रयासों में ग्यारह भ्रूणों का इस्तेमाल किया गया था।
    • इस परीक्षण से पता चलता है कि जुडवाँ बच्चों में से एक में इच्छित जीन की दोनों प्रतियाँ बदल गई थीं और दूसरे में सिर्फ एक प्रति में ही बदलाव आया था, अन्य जीनों को नुकसान पहुँचाने का कोई सबूत नहीं था।
    • कई वैज्ञानिकों ने परीक्षण के बाद चीनी वैज्ञानिक द्वारा उपलब्ध कराई गई उन सामग्रियों की समीक्षा की और कहा कि अब तक किये गए परीक्षण निष्कर्ष निकालने के लिये अपर्याप्त हैं।

    क्रिस्पर Cas9 तकनीक

    • क्रिस्पर-कैस 9 (CRISPR-Cas9) एक ऐसी तकनीक है जो वैज्ञानिकों को अनिवार्य रूप से डीएनए काटने और जोड़ने की अनुमति देती है, जिससे रोग के लिये आनुवंशिक सुधार की उम्मीद बढ़ जाती है।
    • क्रिस्पर (Clustered Regualarly Interspaced Short Palindromic Repeats) डीएनए के हिस्से हैं, जबकि कैस-9 (CRISPR-ASSOCIATED PROTEIN9-Cas9) एक एंजाइम है। हालाँकि, इसके साथ सुरक्षा और नैतिकता से संबंधित चिंताएँ जुड़ी हुई हैं।

    स्रोत : द इंडियन एक्सप्रेस


    भारत-विश्व

    भारत और चीन के बीच DTAA में संशोधन के लिये समझौता

    चर्चा में क्यों?


    भारत और चीन ने दोहरे कराधान से बचने और आयकर के संदर्भ में वित्तीय अनियमितता की रोकथाम के लिये दोहरे करवंचना समझौते (Double Taxation Avoidance Agreement- DTAA) में संशोधन के लिये एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।

    • इस सहमति-पत्र में नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों में सूचना के आदान-प्रदान के लिये मौजूदा प्रावधानों को अपडेट किया गया है।
    • इसमें आधार क्षरण एवं लाभ हस्तांतरण (Base Erosion and Profit Shifting- BEPS) प्रोजेक्ट की कार्यशील रिपोर्ट के तहत संधि से संबंधित न्यूनतम मानदंडों को लागू करने के लिये आवश्यक बदलावों को शामिल किया गया है, जिसमें भारत ने समान रूप से भागीदारी की थी।
    • इस संधि में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर BEPS एक्शन रिपोर्ट के अनुसार कई बदलाव किये गए हैं।

    दोहरा कराधान क्या है?

    • दोहरे कराधान (Double Taxation) का तात्पर्य ऐसी स्थिति से है जिसमें एक ही कंपनी या व्यक्ति (करदाता) की एकल आय एक से अधिक देशों में कर योग्‍य हो जाती है। ऐसी स्थिति विभिन्‍न देशों में आय पर कराधान के भिन्‍न नियमों के कारण उत्‍पन्‍न होती है।

    DTAA

    • दोहरे कराधान से मुक्ति के लिये दो देशों की सरकारें 'दोहरा कराधान अपवंचन समझौता' (Double Taxation Avoidance Agreement- DTAA) निष्‍पादित करती हैं जिसका उपयोग परस्पर दोहरे कराधान की समस्‍या से राहत प्रदान करने के उद्देश्‍य से किया जाता है।
    • भारत में आयकर अधिनियम की धारा 90 द्विपक्षीय राहत से संबंधित है। इसके अंतर्गत भारत की केंद्रीय सरकार ने दूसरे देशों की सरकारों के साथ दोहरे कराधान की समस्या से निपटने के लिये समझौते किये हैं इन समझौतों को ‘दोहरा कराधान अपवंचन समझौता (DTAA)’ कहा जाता है।

    BEPS

    • BEPS का तात्पर्य टैक्स प्लानिंग रणनीतियों से है जिसके तहत टैक्स नियमों में अंतर और विसंगतियों का लाभ उठाया जाता है तथा मुनाफे को कृत्रिम तरीके से कम कर अथवा बिना कर वाले क्षेत्राधिकारों को स्थानांतरित कर दिया जाता है। इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ या तो नहीं होती हैं या मामूली आर्थिक गतिविधियाँ होती हैं। ऐसे में संबंधित कंपनी द्वारा या तो कोई भी कॉरपोरेट टैक्‍स  अदा नहीं किये जाते हैं अथवा मामूली कॉरपोरेट टैक्‍स का ही भुगतान किया जाता है।
    • जून 2017 में भारत ने पेरिस स्थित OECD के मुख्‍यालय में आयोजित एक समारोह में आधार क्षरण एवं लाभ स्‍थानांतरण (BEPS) की रोकथाम हेतु कर संधि से संबंधित उपायों को लागू करने के लिये बहुपक्षीय समझौते पर हस्‍ताक्षर किये थे।
    • इस समझौते का उद्देश्‍य कृत्रिम ढंग से कर अदायगी से बचने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना, संधि के दुरुपयोग की रोकथाम सुनिश्चित करना और विवाद निपटान की व्‍यवस्‍था को बेहतर करना है।

    OECD

    • आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development -OECD) की स्थापना 1961 में हुई थी।
    • वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 35 है।
    • इसका मुख्यालय पेरिस (फ़्राँस) में है। दुनिया भर में लोगों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण में सुधार लाने वाली नीतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना OECD का प्रमुख उद्देश्य है।
    • इसके सदस्य देश इस प्रकार हैं- ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, कनाडा, चिली, चेक गणतंत्र, डेनमार्क, एस्तोनिया, फिनलैंड, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैंड, इज़रायल, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, लक्जमबर्ग, लातविया, मेक्सिको, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाक गणराज्य, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्ज़रलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका।


    स्रोत : पी.आई.बी.


    विविध

    स्कूल बैग और होमवर्क को लेकर सरकार ने जारी की गाइडलाइंस

    चर्चा में क्यों?


    केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पहली और दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को होमवर्क न देने के नए निर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा दसवीं क्लास तक विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न भी तय कर दिया गया है।

    क्या निर्देश दिये हैं केंद्र सरकार ने?

    school-bags

    • विभिन्न विषयों को पढ़ाने और स्कूल बैग के वज़न को कंट्रोल करने के लिये सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश तैयार करने होंगे।
    • पहली और दूसरी क्लास के विद्यार्थियों को होमवर्क नहीं दिया जाएगा। भाषा (Language) और गणित को छोड़कर कोई अन्य विषय निर्धारित नहीं किया जाएगा।
    • तीसरी से पाँचवीं क्लास तक के विद्यार्थियों के लिये NCERT द्वारा निर्धारित भाषा (Language), EVS और गणित के अलावा कोई अन्य विषय निर्धारित नहीं किया जाएगा।
    • विद्यार्थियों को अतिरिक्त किताबें, अतिरिक्त सामग्री लाने के लिये नहीं कहा जाएगा और स्कूल बैग का वज़न निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होना चाहिये।

    स्कूल बैग के वज़न को लेकर जारी निर्देश

    • पहली और दूसरी क्लास के बच्चों के स्कूल बैग का वज़न 1.5 किग्रा. से अधिक नहीं होना चाहिये।
    • तीसरी से लेकर पाँचवीं क्लास तक के बच्चों के स्कूल बैग का वज़न 2 से 3 किग्रा. होना चाहिये।
    • छठी और सातवीं क्लास के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न 4 किग्रा. से अधिक नहीं होना चाहिये।
    • आठवीं और नवीं क्लास के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न 4.5 किग्रा. से अधिक नहीं होना चाहिये।
    • दसवीं क्लास के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न 5 किग्रा. से कम होना चाहिये।

    केंद्रीय विद्यालय में पहले से तय हैं नियम

    केंद्रीय विद्यालय संगठन के 2009 में बने दिशा-निर्देशों के अनुसार, पहली और दूसरी क्लास के बच्चों के स्कूल बैग दो किग्रा. से ज्यादा भारी नहीं होने चाहिये, जिसमें बैग का वज़न भी शामिल है। इसके बाद तीसरी-चौथी के लिये तीन किग्रा., पाँचवीं से सातवीं तक के लिये चार किग्रा. तथा आठवीं से 12वीं तक के लिये छह किग्रा. वज़न रखा गया है।

    अंतर्राष्ट्रीय नियम के अनुसार बच्चों के कंधे पर उनके कुल वज़न का 10 फ़ीसदी से ज़्यादा वज़न नहीं होना चाहिये। देश के चिल्‍ड्रन्‍स स्‍कूल बैग एक्‍ट, 2006 के तहत भी बच्‍चों के स्‍कूल बैग का वज़न उनके शरीर के कुल वज़न का 10 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिये। 

    बहुत पुराना है यह मुद्दा

    बस्ते के बोझ को लेकर कई दशकों से चिंता जाहिर की जाती रही है। भारी स्कूल बैग की समस्या केवल प्राथमिक क्लासओं तक ही सीमित नहीं, बल्कि माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के स्कूल बैग का वज़न भी काफी अधिक होता है। यह मुद्दा काफी लंबे समय से चर्चा में रहा है और समय-समय पर इसके लिये आंदोलन और विरोध प्रदर्शन भी होते रहते हैं। संसद में भी इस मुद्दे को लेकर कई बार चर्चा होती रही है।
    कई समितियाँ दे चुकी हैं सिफारिशें

    • 1977 में ईश्वरभाई पटेल समिति ने पहली बार बस्ते का बोझ कम करने के लिये रिपोर्ट दी थी।
    • 1990 में शिक्षा नीति की समीक्षा करने वाली समिति ने स्कूल बैग का भार कम करने की बात कही।

    यशपाल समिति

    National Advisory

    1992 में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एक राष्‍ट्रीय सलाहकार समिति बनाई। इस समिति में देश भर के आठ शिक्षाविदों को शामिल किया गया। इस समिति का अध्‍यक्ष प्रोफेसर यशपाल को बनाया गया। समिति को इस बात पर विचार करना था कि ‘शिक्षा के सभी स्‍तरों पर विद्यार्थियों, विशेषकर छोटी क्लास के विद्यार्थियों पर पढ़ाई के दौरान पड़ने वाले बोझ को कैसे कम किया जाए।‘ 1993 में यशपाल समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जिसमें भी स्कूल बैग का बोझ कम करने के उपाय बताए गए थे। स्‍कूलों के उस समय के माहौल और मुश्किलों का बड़े पैमाने पर विश्‍लेषण करते हुए समिति ने महत्त्वपूर्ण सिफारिशें दी थीं। समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि पाठ्यपुस्तकों को स्कूल की संपत्ति समझा जाए और बच्चों को स्कूल में ही किताब रखने के लिए लॉकर्स अलॉट किए जाएँ। रिपोर्ट में छात्रों के होमवर्क और क्लास वर्क के लिए भी अलग टाइम-टेबल बनाने के लिये कहा गया था ताकि बच्चों को रोज़ाना किताबें घर न ले जानी पड़ें। 

    • 2005 में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम परिचर्या में स्कूल बैग का बोझ घटाने पर ज़ोर दिया गया।
    • 2008 में CBSE ने भी गाइडलाइंस जारी की।
    • शिक्षा का अधिकार कानून 2009 भी बच्चों पर बोझ कम करने की बात कहता है।
    • 2012 में दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष पेश एक रिपोर्ट में माना गया कि भारी स्कूल बैग के कारण छोटे बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। उस समय भी कुछ गाइडलाइंस जारी की गई थीं, लेकिन उन पर अमल नहीं हो पाया। 
      कुछ समय पहले मद्रास हाई कोर्ट ने पहली तथा दूसरी क्लास के बच्‍चों को होमवर्क नहीं देने के निर्देश दिये थे।

    स्रोत: द हिंदू तथा अन्य


    प्रारंभिक परीक्षा

    प्रीलिम्स फैक्ट्स : 27 नवंबर, 2018

    आदि महोत्‍सव (Aadi Mahotsav)


    जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘आदि महोत्‍सव’ दिल्‍ली हाट, नई दिल्‍ली में पूरे उल्‍लास से मनाया जा रहा है।

    • आदि महोत्‍सव के चौथे संस्‍करण का आयोजन संस्‍कृति मंत्रालय और ट्राइफेड के सहयोग से जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
    • यह एक राष्‍ट्रीय जनजातीय उत्‍सव है। इसे जनजातीय संस्‍कृति, शिल्‍प, व्‍यंजन और वाणिज्‍य की भावना के साथ जश्‍न के रूप में आयोजित किया जाता है।
    • यह उत्‍सव 30 नवंबर, 2018 तक दिल्‍ली हाट, आईएनए (INA) में मनाया जाएगा।
    • इस महोत्‍सव में 23 राज्‍यों के 600 जनजातीय कारीगर, 20 राज्‍यों के 80 आदिवासी शेफ (chef) और 200 से अधिक कलाकारों के 14 सांस्‍कृतिक समूह (Cultural group) भाग ले रहे हैं।
    • इस जनजातीय महोत्‍सव में मुख्‍य आकर्षण के केंद्र महुए से बना पेय (Drink), इमली की कैंडी और चटनी तथा लाख के कंगन हैं।
    • इसके अलावा, इस महोत्‍सव में वारली, पिथौरा, गोंड और सोरा नामक चार विभिन्‍न शैलियों की पेंटिंग, जनजातीय वस्त्रों और सामानों का प्रदर्शन किया जाएगा।
    • इस उत्‍सव में जनजातीय कलाकार, दस्‍तकार और कारीगर अपने उत्‍पादों को बेचकर अधिकतम लाभ अर्जित कर सकेंगे।

    ट्राइफेड (TRIFED)

      • बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 1984 के तहत राष्ट्रीय स्तर के शीर्षस्थ निकाय के रूप में वर्ष 1987 में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास ‘ट्राइफेड’ (Tribal Co-Operative Marketing Development Federation of India Ltd. - TRIFED) की स्थापना की गई।
      • बहुराज्यीय सहकारी समिति अधिनियम, 2007 के अधिनियमित होने के बाद ट्राइफेड को इस अधिनियम में पंजीकृत कर इसे राष्ट्रीय सहकारी समिति के रूप में अधिनियम की दूसरी अनुसूची में अधिसूचित किया गया।
      • यह संगठन विपणन विकास और कौशल तथा उत्पादों के निरंतर उन्नयन के माध्यम से देश के जनजातीय समुदायों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

    पैसा-पोर्टल (Paisa – Portal)


    हाल ही में दीनदयाल अंत्‍योदय योजना-राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Day-NULM) के तहत सस्‍ते क्रेडिट और ब्‍याज अनुदान तक पहुँच बनाने के लिये एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म, ‘पैसा पोर्टल’ (“Paisa – Portal for Affordable Credit & Interest Subvention Access”) की शुरुआत की गई है।

      • वर्ष के अंत तक सभी 35 राज्‍यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, आरआरबी/सहकारी बैंकों को ‘पैसा’ पोर्टल से जोड़ने की संभावना है।
      • इलाहाबाद बैंक ने इस वेब प्‍लेटफॉर्म को डिज़ाइन कर विकसित किया है, जो इसका नोडल बैंक है।
      • इस पोर्टल पर सेवाएँ प्रदान करने में अधिक पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित की गई है। ‘Day-NULM’ के तहत अनुदान का मासिक आधार पर प्रत्‍यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) किये जाने से छोटे उद्यमियों को समय-समय पर आवश्‍यक वित्तीय सहायता उपलब्‍ध होगी।
      • पूरे देश से राज्‍यों, शहरी-स्‍थानीय निकाय, शहर योजना कार्यालयों और बैंकों के 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।

    संविधान दिवस (Constitution day)


    26 नवंबर, 2018 को राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने संविधान को अपनाने की वर्षगाँठ के अवसर पर सर्वोच्‍च न्‍यायालय, नई दिल्‍ली द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का उद्घाटन किया।

      • संविधान दिवस के अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि संविधान, स्‍वतंत्र भारत का आधुनिक ग्रंथ है। इसका स्‍थान सर्वोच्‍च है और यह धाराओं तथा नियमों/उपनियमों का संग्रह मात्र नहीं है।
      • राष्‍ट्रपति ने कहा, “भारत के नागरिक ही संविधान के संरक्षक हैं। देश के नागरिकों में ही संप्रभुता समाहित है और नागरिकों के नाम पर ही संविधान को अंगीकृत किया गया है। संविधान भारत के नागरिकों को सशक्‍त बनाता है।”
      • राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के अनुसार, न्‍याय को समाज के विकास, बदलती मान्‍यताएँ, जीवनशैली और प्रौद्योगिकी के व्‍यापक संदर्भ में देखा जाना चाहिये।
      • राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारत में सामाजिक न्‍याय के विचार को विस्‍तार देते हुए इसमें स्‍वच्‍छ हवा, कम प्रदूषित शहर व नदियाँ, स्‍वच्‍छता तथा हरित व पर्यावरण अनुकूल विकास जैसे आधुनिक समाज के मानदंडों को शामिल किया गया है।

    हौसला-2018 (HAUSLA-2018)


    हाल ही में बाल देखभाल संस्थानों (CCIs) के बच्चों हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय बाल समारोह- हौसला-2018 का नई दिल्‍ली में उद्घाटन किया गया।

    • इस समारोह में 18 राज्‍यों के बाल देखभाल संस्थानों के 600 से अधिक बच्चे विभिन्‍न कार्यक्रमों जैसे- पेंटिंग प्रतियोगिता, खेलकूद, फुटबॉल, शतरंज प्रतियोगिता और भाषण लेखन आदि में भाग लेंगे।
    • इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य देश भर के बाल देखभाल संस्थानों के बच्‍चों को राष्‍ट्रीय मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें।
    • इस तरह के कार्यक्रमों से बच्‍चों की देखरेख करने वाले संस्‍थानों के बच्‍चों को प्रेरणा मिल सकती है और वे अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिये राष्‍ट्रीय मंच तक पहुँच सकते है।
    • इस कार्यक्रम का विषय ‘बच्‍चों की सुरक्षा’ (Child Safety) है।
    • बच्‍चे विभिन्‍न कार्यक्रमों जैसे- वाद-विवाद, पेंटिंग, खेलकूद, फुटबॉल, शतरंज प्रतियोगिता और सुरक्षित पड़ोसी दिवस आदि विभिन्‍न कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेंगे।

    विविध

    Rapid Fire करेंट अफेयर्स (27 November)

    • 25 नवंबर को मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस; Orange the World: #HearMeToo है इस वर्ष की थीम; वर्ष 2000 में पहली बार मनाया गया था यह दिवस
    • पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने और पर्यावरण संरक्षण के लिये आवश्यक कदम उठाने के लिये 26 नवंबर को मनाया गया विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस
    • 26 नवंबर को मनाया गया राष्ट्रीय दुग्ध दिवस; 2014 में पहली बार मनाया गया था राष्ट्रीय दुग्ध दिवस; भारत में श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज़ कुरियन का जन्मदिन है 26 नवंबर; 1 जून को मनाया जाता है संयुक्त राष्ट्र का विश्व दुग्ध दिवस 
    • हाल ही में जारी हुई इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2019; रोज़गार देने के मामले में आंध्र प्रदेश टॉप पर; हरियाणा और राजस्थान को मिला दूसरा और तीसरा स्थान
    • बच्चों की देखरेख करने वाली संस्थाओं के राष्ट्रीय बाल समारोह 'हौसला-2018’ की नई दिल्ली में शुरुआत;  बच्चों की देखरेख करने वाली संस्थाओं के देशभर के बच्चों को राष्ट्रीय मंच प्रदान करना है उद्देश्य; Child Safety है इसकी थीम
    • दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत लाभार्थियों को बैंक ऋणों पर ब्याज अनुदान की प्रोसेसिंग के लिये ‘पैसा’ पोर्टल की शुरुआत; पारदर्शिता और दक्ष सेवाएँ प्रदान करना है उद्देश्य
    • मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देशभर के स्कूलों को पहली और दूसरी कक्षा के विद्यार्थियों को होमवर्क न देने के निर्देश दिये; पहली से दसवीं क्लास तक के बच्चों के बस्तों का वज़न भी तय किया गया 
    • IIT खड़कपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर आधारित एक टूल बनाया; यह टूल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी फेक न्यूज़ पर रोक लगाने में सक्षम है
    • उत्तराखंड सरकार ने एक प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए देहरादून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे का नाम दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मंज़ूरी दी
    • वरिष्ठ IAS अधिकारी सुनील अरोड़ा देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे; 1 दिसंबर को ओ.पी. रावत के रिटायर होने के बाद संभालेंगे पदभार; 31 अगस्त, 2017 को सुनील अरोड़ा बने थे चुनाव आयुक्त
    • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुखिया जान-बूझकर क़र्ज़ न चुकाने वालों और देश छोड़कर भाग जाने वाले क़र्ज़दारों के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी करने का आग्रह कर सकेंगे; राजीव कुमार समिति की सिफारिशों के बाद लिया गया फैसला
    • आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा करके नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिये सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन को 2017 में गठित हुए कार्यबल का संयोजक बनाया; 28 फरवरी तक बढ़ा कार्यबल का कार्यकाल
    • महामना मदन मोहन मालवीय के पौत्र इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस गिरिधर मालवीय बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चुने गए; डॉ. कर्ण सिंह का स्थान लेंगे जस्टिस गिरिधर मालवीय
    • नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों में सूचना के आदान-प्रदान के लिये मौजूदा प्रावधानों को अप-टू-डेट करने हेतु भारत-चीन ने दोहरे कराधान से बचने के लिये DTAA में संशोधन पर सहमति जताई  
    • ब्राज़ील सरकार द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, अमेज़न के वर्षा वनों में पिछले एक दशक में सर्वाधिक वन कटान हुआ; अगस्त 2017 से जुलाई 2018 के दौरान लगभग 7900 वर्ग किमी. वर्षा वन नष्ट हुए
    • चीन में दुनिया के पहले जेनेटिकली मॉडिफाइड शिशु का जन्म; मानव भ्रूण में जीन को एडिट करने के लिये इस्तेमाल की गई नई तकनीक
    • पी.वी. नरसिंह राव सरकार में 1991 से 1995 तक रेल मंत्री रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.के. जाफर शरीफ का निधन

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