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डेली न्यूज़

  • 15 Dec, 2018
  • 27 min read
जैव विविधता और पर्यावरण

इको निवास संहिता 2018

संदर्भ


हाल ही में विद्युत मंत्रालय ने इको निवास संहिता, 2018 (रिहायशी इमारतों हेतु ऊर्जा संरक्षण इमारत संहिता ECBC-R) की शुरुआत की है। इस संहिता के कार्यान्वयन से 2030 तक सालाना 125 अरब यूनिट बिजली की बचत होने की संभावना है जिससे लगभग 100 मिलियन टन कॉर्बन डाइआक्सा‍इड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस संहिता को लागू करने से रिहायशी क्षेत्रों में ऊर्जा की बचत होने की उम्‍मीद है। इसका उद्देश्‍य ऐसे अपार्टमेंट और नगरों का डिज़ाइन तैयार करना तथा उनके निर्माण को बढ़ावा देना है जिनमें रहने वालों को ऊर्जा की बचत का लाभ मिल सके।
  • इस संहिता को बिल्डिंग मैटीरियल आपूर्तिकर्त्ताओं, डेवलपर, वास्‍तुकारों और विशेषज्ञों सहित सभी साझेदारों के साथ विस्‍तृत विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है।
  • संहिता में सूचीबद्ध मानदंडों को जलवायु और ऊर्जा संबंधी आँकड़ों का इस्‍तेमाल करते हुए अनेक मानदंडों के आधार पर विकसित किया गया है।
  • आरंभ में संहिता के पहले भाग की शुरुआत ऊर्जा बचत वाली रिहायशी इमारतों के डिज़ाइन तैयार करने हेतु की गई है जिसमें इमारत के अंदर के हिस्‍से को शुष्‍क, गर्म और ठंडा रखने हेतु इमारत के बाहरी हिस्‍से की नींव के लिये न्‍यूनतम मानक निर्धारित किये गए हैं।
  • उम्‍मीद है कि इस संहिता से बड़ी संख्‍या में वास्‍तु-शिल्पियों और बिल्‍डरों को सहायता मिलेगी जो देश के विभिन्‍न भागों में नए रिहायशी परिसरों के डिज़ाइन तैयार करने तथा उनके निर्माण कार्य में शामिल हैं।
  • ऊर्जा संरक्षण इमारत संहिता (ECBC-R) की सहायता से आने वाले 10-15 वर्षों में इमारत निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा की मांग में आने वाली वृद्धि से निपटा जा सकेगा।
  • सरकार नए रिहायशी घरों का निर्माण करते समय वास्‍तुकारों, बिल्‍डरों सहित इमारत से जुड़े कार्यों में लगे सभी पेशेवरों को ऊर्जा संरक्षण की दिशा में जागरूकता पैदा करने के लिये प्रोत्‍साहित कर रही है।
  • विद्युत मंत्रालय ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो (BEE) के सहयोग से हर वर्ष 14 दिसंबर को राष्‍ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाता है।
  • ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में उद्योग और अन्‍य प्रतिष्‍ठानों के प्रयासों को मान्‍यता देने के लिये विद्युत मंत्रालय हर वर्ष राष्‍ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर राष्‍ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्‍कार कार्यक्रम आयोजित करता है।
  • इस अवसर पर विभिन्‍न क्षेत्रों की 26 औद्योगिक इकाइयों को ऊर्जा दक्षता में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के लिये पुरस्‍कार दिये जाते हैं।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE)

  • भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के उपबंधों के अंतर्गत 1 मार्च, 2002 को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) की स्थापना की।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का उद्देश्य ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढाँचे के अंदर स्व-विनियमन और बाज़ार सिद्धांतों पर महत्त्व देते हुए ऐसी नीतियों और रणनीतियों के विकास में सहायता प्रदान करना है जिनका प्रमुख लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था में ऊर्जा की गहनता को कम करना है।

स्रोत- पीआई बी


विविध

डेटा पॉइंट: न्याय में देरी का गणित

संदर्भ


वर्तमान में भारत की निचली अदालतों में लगभग तीन करोड़ (2,91,63,220) मामले लंबित हैं। न्यायाधीशों की उच्च रिक्तियों तथा आबादी की तुलना में न्यायाधीशों की कम संख्या वाले राज्यों जैसे- उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में लंबित मामलों की संख्या सबसे अधिक है।

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  • लंबित मामलों का ब्योरा (14 दिसंबर, 2018 का आँकड़ा) इस प्रकार है-

♦ कुल सिविल मामले= 84,57,325
♦ कुल क्रिमिनल मामले= 2,07,05,895
♦ 1 वर्ष से अधिक पुराने कुल मामले= 2,12,26,105

  • नीचे दिया गया ग्राफ ‘प्रति न्यायाधीश लंबित मामलों की संख्या’ तथा ‘प्रति लाख न्यायाधीशों की संख्या’ के बीच आरेखित है।

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  • कम न्यायाधीश, ज़्यादा लंबित मामले

♦ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, राजस्थान और केरल ऐसे राज्य हैं जहाँ न्यायाधीशों की संख्या तथा लंबित मामले सीधे जुड़े हुए हैं। अर्थात् ऐसे राज्यों में लंबित मामलों की संख्या अधिक होने का मुख्य कारण न्यायाधीशों की संख्या कम होना है। उत्तर प्रदेश में प्रति न्यायाधीश लगभग 3,500 मामले लंबित हैं।

  • ज़्यादा न्यायाधीश, कम लंबित मामले

♦ पंजाब, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम और मिज़ोरम ऐसे राज्य हैं जहाँ न्यायाधीशों की संख्या तथा लंबित मामले सीधे जुड़े हुए हैं। अर्थात् ऐसे राज्यों में लंबित मामलों की संख्या कम होने का मुख्य कारण न्यायाधीशों की संख्या अधिक होना है।

  • दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक ऐसे राज्य हैं जहाँ न्यायाधीशों की संख्या अधिक होने के बावजूद लंबित मामलों की संख्या ज़्यादा है।

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  • जबकि मेघालय, छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं जहाँ न्यायाधीशों की संख्या कम होने के बावजूद लंबित मामलों की संख्या कम है।

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स्रोत- द हिंदू


भारतीय अर्थव्यवस्था

राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद

चर्चा में क्यों?


चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (Department of Industrial Policy and Promotion -DIPP) के तहत राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (National Medical Devices Promotion Council-NMDPC) का गठन करने की घोषणा की गई है।

चिकित्सा उपकरण उद्योग का महत्त्व

  • चिकित्सा उपकरण उद्योग (Medical Devices Industry- MDI) स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है और देश के सभी नागरिकों के लिये स्वास्थ्य लक्ष्य प्राप्त करने में अहम है। भारत में इस क्षेत्र में विभिन्न उत्पादों का निर्माण तेज़ी से किया जा रहा है।

संरचना

  • राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद का नेतृत्व औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के सचिव करेंगे।
  • आंध्र प्रदेश का मेडटेक ज़ोन (MedTech Zone) परिषद को तकनीकी समर्थन प्रदान करेगा।

राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद के कार्यों में शामिल होगा-

  • भारत के चिकित्सा उपकरण उद्योग को प्रोत्साहन और विकास की सुविधा देना।
  • समय-समय पर गोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन करना।
  • एजेंसियों और संबंधित विभागों को तकनीकी सहायता प्रदान करना।
  • चिकित्सा उपकरणों के लिये अंतर्राष्ट्रीय नियम और मानकों के प्रति उद्योग को जागरूक बनाना।
  • राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन से संबंधित नीतियों और प्रक्रियाओं के बारे में सरकार को सुझाव देना।


औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग

  • औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग की स्थापना 1995 में हुई थी तथा औद्योगिक विकास विभाग के विलय के साथ वर्ष 2000 में इसका पुनर्गठन किया गया था।
  • इससे पहले अक्तूबर 1999 में लघु उद्योग तथा कृषि एवं ग्रामीण उद्योग (Small Scale Industries & Agro and Rural Industries -SSI&A&RI) और भारी उद्योग तथा सार्वजनिक उद्यम (Heavy Industries and Public Enterprises- HI&PE) के लिये अलग-अलग मंत्रालयों की स्थापना की गई थी।

कार्य एवं भूमिका

  • विकास की आवश्यकता और राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप औद्योगिक विकास के लिये औद्योगिक नीति और रणनीतियों का निर्माण एवं कार्यान्वयन।
  • सामान्य रूप से औद्योगिक विकास की निगरानी करना और विशेष रूप से सभी औद्योगिक एवं तकनीकी मामलों पर सलाह सहित निर्दिष्ट उद्योगों के प्रदर्शन की निगरानी।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment -FDI) नीति का निर्माण करना और FDI को स्वीकृति देना, प्रोत्साहन देना और FDI को सहज बनाना।
  • उद्योग स्तर पर विदेशी प्रौद्योगिकी सहयोग को प्रोत्साहन देना और इसके लिये नीतिगत मानक तैयार करना।
  • पेटेंट, ट्रेडमार्क, भौगोलिक संकेतक आदि के लिये हेतु बौद्धिक संपदा अधिकारों के तहत नीतियों का निर्माण।
  • विकास और विनियमन अधिनियम, 1951 के तहत उद्योगों का प्रशासन।
  • औद्योगिक साझेदारी के लिये अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सहित औद्योगिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना।

स्रोत : पी.आई.बी एवं DIPP वेबसाइट


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

ऑक्सीटॉसिन उत्पादन पर केंद्र का प्रतिबंध रद्द

चर्चा में क्यों?


दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ऑक्सीटॉसिन (Oxytocin) के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले केंद्र के फैसले को रद्द कर दिया।

दिल्ली उच्च न्यायालय का फैसला

  • ऑक्सीटॉसिन के उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला मनमाना और अनुचित है।
  • दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये डेयरी क्षेत्र में इस दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिये निजी कंपनियों को इस दवा को बनाने या आपूर्ति करने से रोकने वाले केंद्र सरकार के फैसले के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

क्या है ऑक्सीटॉसिन?

  • ऑक्सीटॉसिन एक हार्मोन है जो मस्तिष्क में अवस्थित पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होता है।
  • मनुष्य के व्यवहार पर पड़ने वाले प्रभाव के कारण ऑक्सीटॉसिन को लव हार्मोन (Love Harmone) के नाम से भी जाना जाता है।

उपयोग

  • ऑक्सीटॉसिन के इंजेक्शन का उपयोग आमतौर पर दूध देने वाले पशुओं से अतिरिक्त दूध प्राप्त करने के लिये किया जाता है। इसका इंजेक्शन लगा देने से पशु किसी भी समय दूध दे सकता है।
  • ऑक्सीटॉसिन का इस्तेमाल प्रसव पीड़ा शुरू करने और रक्तस्राव नियंत्रित करने के लिये किया जाता है।
  • वर्तमान समय में इसका उपयोग खेती में भी किया जा रहा है। सामान्यतः इसका इस्तेमाल कद्दू, तरबूज, बैंगन, खीरा आदि सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिये भी किया जाता है।

प्रभाव

  • इसके उपयोग से पशुओं में प्राकृतिक क्षमता कम होती है तथा दूध की गुणवत्ता में भी कमी आती है।
  • इससे सब्जियों का आकार रातों-रात बढ़ाया जाता है जो कि मानव स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक है।
  • ऑक्सीटोसिन दवा का गुप्त रूप से बड़े पैमाने पर उत्पादन और बिक्री की जा रही है जिससे इसका व्यापक दुरुपयोग हो रहा है जो मनुष्यों एवं पशुओं के लिये हानिकारक है।
  • ऑक्सीटॉसिन के दुरुपयोग के कारण दुधारू पशुओं में बाँझपन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।

DTAB ने भी की प्रतिबंध को हटाने की सिफारिश

  • दवा तकनीकी सलाहकार बोर्ड (Drug Technical Advisory Board- DTAB) ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से यह सिफारिश की थी कि ऑक्सीटॉसिन की खुदरा बिक्री पर लगे प्रतिबंध को हटाया जा सकता है।
  • DTAB की सिफारिश के अनुसार, ऑक्सीटॉसिन की खुदरा बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अधिसूचना को संशोधित किया जा सकता है तथा प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के तहत मानव उपयोग के लिये इसकी बिक्री और वितरण को जारी रखा जा सकता है।

पृष्ठभूमि

  • डेयरी सेक्टर में ऑक्सीटॉसिन के गंभीर दुरुपयोग का हवाला देते हुए केंद्र सरकार ने इसके उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • फिलहाल केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार, केवल एक ही सार्वजनिक इकाई कर्नाटक एंटीबायोटिक और फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (Karnataka Antibiotic and Pharmaceuticals Limited) को इस दवा का निर्माण और देश भर में इसकी आपूर्ति करने का अधिकार प्राप्त था। उल्लेखनीय है कि इस कंपनी ने पहले कभी ऑक्सीटॉसिन का निर्माण नहीं किया था।

स्रोत : द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 15 दिसंबर, 2018

महिला किसान अवार्ड कार्यक्रम (Mahila Kisan Awards Programme)


‘महिला किसान अवार्ड’
कार्यक्रम एक रियलिटी शो है जिसकी शुरुआत डीडी किसान चैनल ने की है।

  • यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।
  • इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, गोवा, बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों सहित देशभर की महिला किसान भाग लेंगी।
  • इस कार्यक्रम के प्रतियोगियों का चयन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) ने किया है। कार्यक्रम की प्रत्येक कड़ी में दो महिला किसानों को शामिल किया जाएगा और उनकी उपलब्धियों के बारे मेंचर्चा की जाएगी।

ज्ञानपीठ पुरस्कार 2018 (Jnanpith Award 2018)


प्रसिद्ध उपन्यासकार अमिताव घोष को वर्ष 2018 के ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिये चुना गया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिया जाने वाला यह 54वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार है। उल्लेखनीय है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब अंग्रेजी भाषा के किसी लेखक को यह पुरस्कार दिया गया है  

  • 2017 में यह पुरस्कार प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार ‘कृष्णा सोबती’ को दिया गया था।
  • यह पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लेखक को दिया जाता है।
  • पहली बार ज्ञानपीठ पुरस्कार वर्ष 1965 में मलयालम साहित्यकार जी. शंकर कुरुप को दिया गया था।
  • भारतीय ज्ञानपीठ (Bhartiiya Jnanpith) द्वारा संविधान की 8वीं अनुसूची में वर्णित 22 भारतीय भाषाओं में लेखन करने वाले साहित्यकार को साहित्य के क्षेत्र में आजीवन योगदान हेतु यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • इस पुरस्कार के तहत 11 लाख रुपए की धनराशि, प्रशस्ति-पत्र तथा वाग्देवी की काँसे की प्रतिमा प्रदान की जाती है।

अमिताव घोष

  • सबसे प्रमुख समकालीन भारतीय लेखकों में से एक घोष को The Shadow Lines, The Glass Palace, The Hungry Tide, the Ibis Trilogy: Sea of Poppies, River of Smoke, The Calcutta Chromosome तथा Flood of Fire जैसे उपन्यासों की श्रृंखला के लिये जाना जाता है।
  • घोष को उनके उपन्यास द शैडो लाइंस (Shadow Lines) के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
  • वर्ष 2007 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • उनकी सबसे नवीनतम किताब, द ग्रेट डिरेंजमेंट; क्लाइमेट चेंज एंड द अनथिंकेबल (The Great Derangement; Climate Change and the Unthinkable) है जो कि वर्ष 2016 में प्रकाशित हुई थी।

इंडिया पोस्ट का ई-कॉमर्स पोर्टल


हाल ही में संचार मंत्रालय ने डाक विभाग (DoP) का ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च किया है।

DoP

  • भारत में ई-कॉमर्स वेबसाइटों की बढ़ती लोकप्रियता के मद्देनज़र इंडिया पोस्ट ने भी अपना ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च कर दिया है।
  • यह पोर्टल ग्रामीण कारीगरों/स्वयं सहायता समूहों/महिला उद्यमियों/राज्य और केंद्रीय पीएसयू/स्वायत्त निकायों आदि को पूरे भारत में अपना उत्पाद बेचने हेतु ई-मार्केट स्थान प्रदान करेगा।
  • छोटे और स्थानीय विक्रेताओं, जो ई-कॉमर्स के क्षेत्र में पीछे छूट गए हैं, अब डाक विभाग के विशाल नेटवर्क का लाभ उठाकर अपनी पहुँच और खुदरा बिक्री को अधिकतम करने में सक्षम होंगे।
  • खरीदार उक्त पोर्टल पर विक्रेताओं द्वारा प्रदर्शित उत्पादों तक पहुँच सकते हैं और डिजिटल भुगतान करके ऑनलाइन ऑर्डर दे सकते हैं। खरीदे गए उत्पादों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेज दिया जाएगा।
  • लॉन्च किये गए इस पोर्टल में लोग बेहद सस्ते दामों पर कई सारे उत्पाद खरीद सकेंगे। इंडिया पोस्ट के इस ई-कॉमर्स पोर्टल से अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को कड़ी टक्कर मिलने की संभावना है।
  • इंडिया पोस्ट द्वारा लॉन्च किये गए इस पोर्टल की खासियत यह है कि यहाँ से खरीदे गए उत्पादों को देश के हर कोने में डिलीवर किया जाएगा। खरीदे गए उत्पादों की डिलीवरी डाकिये द्वारा की जाएगी।
  • ध्यातव्य है कि देश के हर छोटे गाँव-देहात में डाकघर हैं, इन्हीं डाकघरों के ज़रिये उत्पादों की डिलीवरी संभव हो पाएगी।

विविध

Rapid Fire 15 December

  • 15 दिसंबर: अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस; चाय बागानों से लेकर चाय की कंपनियों तक में काम करने वाले श्रमिकों की स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करना है अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का मुख्य उद्देश्य; भारत में इसकी शुरुआत 2005 में हुई; एक साल बाद यह श्रीलंका में मनाया गया और वहाँ से विश्वभर में इसका प्रसार हुआ
  • 14 दिसंबर को मनाया गया राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस; ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिये मनाया जाता है यह दिवस; भारत सरकार द्वारा ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च, 2002 को  स्थापित किया गया था ऊर्जा दक्षता ब्यूरो; यह ऊर्जा का उपयोग कम करने के लिये नीतियों और रणनीतियों के विकास में करता है मदद
  • राजस्थान में कांग्रेस के अशोक गहलोत बने नए मुख्यमंत्री, सचिन पायलट को मिला उप-मुख्यमंत्री का पदभार; मध्य प्रदेश में कांग्रेस के कमलनाथ बने नए मुख्यमंत्री; तेलंगाना राष्ट्र समिति के चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना में एक बार फिर संभाली मुख्यमंत्री की गद्दी; मिज़ोरम में मिज़ो नेशनल फ्रंट के जोरामथांगा ने संभाली राज्य की कमान; छत्तीसगढ़ में अभी नहीं हो पाया मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला
  • नए गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में 14 दिसंबर को हुई RBI के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक; बोर्ड ने कही RBI के गवर्नेंस फ्रेमवर्क की समीक्षा करने की बात; अर्थव्यवस्था की स्थिति, कर्ज़ देने की रफ्तार और करेंसी प्रबंधन जैसे मुद्दों पर भी हुई चर्चा
  • पंजाब विधानसभा ने पास किया संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव; अब इस विधेयक को मंज़ूरी के लिये केंद्र सरकार को भेजा जाएगा; लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने वाला विधेयक राज्यसभा ने 9 मार्च, 2010 को कर दिया था पारित; लोकसभा में इस विधेयक पर नहीं हो पाया मतदान; 2014 में 15वीं लोकसभा भंग होने के साथ ही यह विधेयक भी समाप्त हो गया था
  • Intelligence Bureau (IB) के निदेशक राजीव जैन और Research & Analysis Wing (RAW) के प्रमुख अनिल धस्माना को सरकार ने दिया 6 माह का सेवा विस्तार; नीति आयोग में बतौर सलाहकार काम कर रहे अनिल श्रीवास्तव मुख्य सलाहकार के पद पर पदोन्नत; IPS अधिकारी और नेटग्रिड के संयुक्त सचिव रामफल पंवार को National Crime Records Bureau (NCRB) का निदेशक नियुक्त किया गया
  • प्रतिष्ठित साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार अंग्रेज़ी लेखक अमिताव घोष को देने का निर्णय; पुरस्कार स्वरूप 11 लाख रुपए, वाग्देवी की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जता है; अंग्रेज़ी को तीन साल पहले ज्ञानपीठ पुरस्कार की भाषा सूची में शामिल किया गया था; ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले देश के पहले अंग्रेज़ी लेखक हैं अमिताव घोष; 1965 में पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम लेखक जी. शंकर कुरुप को प्रदान किया गया था
  • डीडी किसान ने लॉन्च किया ‘महिला किसान अवार्ड’ नामक अपनी तरह का पहला रियलिटी शो; जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों सहित देशभर की महिला किसान भाग लेंगी इस शो में; भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने किया है इस कार्यक्रम के प्रतियोगियों का चयन; कार्यक्रम की प्रत्येक कड़ी में दो महिला किसानों को किया जाएगा शामिल; कार्यक्रम के दौरान सर्वाधिक अंक पाने वाले 5 प्रतियोगियों को मिलेगा फाइनल तक पहुँचने का अवसर; उनमें से एक को घोषित किया जाएगा विजेता
  • RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन सहित देश के 13 अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार रिपोर्ट में दी गई कर्ज़ माफी से बचने की सलाह; इससे देश में निवेश के लिये आवश्यक संसाधनों की हो जाती है कमी; An Economic Strategy for India नामक रिपोर्ट में कृषि ऋण माफी को चुनावी वादों का हिस्सा नहीं बनाने की दी गई सलाह; निर्वाचन आयोग से इस पर प्रतिबंध लगाने को कहा

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