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डेली न्यूज़

  • 12 Dec, 2018
  • 32 min read
भारतीय विरासत और संस्कृति

भीतरगाँव का ईंटों से निर्मित मंदिर

संदर्भ


कानपुर (उत्तर प्रदेश) के भीतरगाँव में स्थित मंदिर ईंट से निर्मित सबसे पुराने मंदिरों में से एक है।

  • इसका निर्माण गुप्त साम्राज्य के दौरान 5वीं शताब्दी A.D. में किया गया था।
  • इसे सबसे प्राचीन हिन्दू पवित्र स्थान माना जाता है जिसमें ऊँची छत और शिखर है। इसने उत्तर भारत में मंदिर वास्तुकला की वृहद् नागर शैली का मार्ग प्रशस्त किया।

मंदिर वास्तुकला का संक्षिप्त इतिहास

  • वैदिक काल के दौरान मंदिर वास्तुकला के अस्तित्व का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है।
  • कई पीढ़ियों तक पूजा-पाठ की पद्धतियों के अनुसरण ने मंदिर संरचनाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
  • तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से रॉक-कट वास्तुकला का विकास शुरू हुआ। यद्यपि प्राचीनतम रॉक-कट वस्तुकला का संबंध मौर्य वंश से है लेकिन उत्तर मौर्य काल में निर्मित अजंता की गुफाएँ सबसे पुराने रॉक-कट मंदिरों के उदाहरण हैं।
  • जैसे-जैसे मानव ने प्रगति की और नई तकनीकों को सीखा, रॉक-कट मंदिरों की बजाय पत्थर निर्मित मंदिरों के निर्माण को बढ़ावा दिया, चूँकि पत्थर हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं थे, इसलिये उसने ईंट से मंदिरों के निर्माण का रास्ता प्रशस्त किया।
  • गंगा के मैदानी इलाकों में कई ईंट निर्मित संरचनाएँ अस्तित्व में आईं क्योंकि इस क्षेत्र की मिटटी कछारी (Alluvial) है तथा पत्थरों और चट्टानों की यहाँ कमी है।
  • समय के बढ़ने के साथ-साथ एक तरफ जहाँ चट्टानों और पत्थरों से निर्मित मंदिर सुरक्षित खड़े रहे, वहीँ ईंट निर्मित मंदिर स्वयं को बचाने में असफल रहे। लेकिन भीतरगाँव का ईंट निर्मित मंदिर बदलते समय के साथ भी सुरक्षित खड़ा है, मंदिर की यही विशेषता इसे खास बनाती है।

भीतरगाँव मंदिर की वास्तुकला

Bhitar Gaon Temple

  • मंदिर का प्रवेश द्वारा पहली बार अर्द्ध-वृत्ताकार द्वारों के उपयोग को दर्शाता है।
  • अलेक्जेंडर कनिंघम (भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के प्रथम महानिदेशक, 1871) ने इसे 'हिंदू आर्क' (Hindu Arc) कहा जो कि भारत-विशिष्ट था।
  • मंदिर के आंतरिक भाग (गर्भ गृह) के ऊपर एक लंबी पिरामिडनुमा चोटी (शिखर) है। यह शिखर भारत के नागर मंदिर वास्तुकला की मानक विशेषता बन गया।
  • मंदिर की दीवारें शिव, पार्वती, गणेश, विष्णु आदि देवी- देवताओं की टेराकोटा मूर्तियों से सजाई गई हैं।
  • कनिंघम के अनुसार, मंदिर के पीछे वाराह अवतार की मूर्ति की वज़ह से यह अनुमान लगाया जाता है कि शायद यह एक विष्णु मंदिर था।

नागर, द्रविड़ तथा वेसर मंदिर


अलग-अलग क्षेत्रों के मंदिर, वास्तुकला के मामले में एक-दूसरे से थोड़े भिन्न हैं- जैसे ओडिशा, कश्मीर तथा बंगाल के मंदिरों की अलग-अलग विशिष्टता है लेकिन, आमतौर पर इन्हें मंदिर वास्तुकला की तीन श्रेणियों- नागर (उत्तर), द्रविड़ (दक्षिण) तथा वेसर शैली में वर्गीकृत किया जा सकता है।

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मंदिर वास्तुकला कला के बारे में और अधिक जानकारी के लिये क्लिक करें:मंदिर वास्तुकला

शासन व्यवस्था

इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन ने 'पीसीएस 1 एक्स' लॉन्च किया

चर्चा में क्यों?


हाल ही में इंडियन पोर्ट्स एसोसिएशन (Indian Ports Association-IPA) द्वारा पोत परिवहन मंत्रालय के मार्गदर्शन में पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम 'PCS 1x' लॉन्च किया गया। इस दौरान यूआरएल www.indianpcs.gov.in को मुंबई से विभिन्न हितधारकों की उपस्थिति में शुरू किया गया।


प्रमुख बिंदु

  • 'PCS 1x' उपयोगकर्त्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस के साथ क्लाउड आधारित एक नई पीढ़ी की तकनीक है। यह प्रणाली एक ही प्लेटफॉर्म पर समुद्री व्यापार से संबंधित 19 मौजूदा हितधारकों के अलावा 8 नए हितधारकों को निर्बाध रूप से एकीकृत करती है।
  • इस प्लेटफॉर्म के द्वारा नोटिफिकेशन इंजन, कार्यप्रवाह, मोबाइल एप्लीकेशन, ट्रैक और ट्रेस, बेहतर यूजर इंटरफेस, बेहतर सुरक्षा सुविधाएँ, बिना आईटी क्षमता वाले लोगों के लिये डैशबोर्ड की पेशकश करके बेहतर समावेशन जैसी मूल्यवर्द्धित सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
  • 'PCS 1x' की एक अनूठी विशेषता यह है कि यह तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर जो कि समुद्री उद्योग को सेवाएँ प्रदान करता है, तक पहुँच प्रदान करता है जिससे यह हितधारकों को सेवाओं के विस्तृत नेटवर्क तक पहुँचने में सक्षम बनाता है।
  • यह प्रणाली सभी हितधारकों हेतु सभी कार्यक्षमताओं को एक स्टॉप इंटरफ़ेस प्रदान करने के लिये एकल साइन ऑन सुविधा प्रदान करने में सक्षम बनाती है। इसकी एक और प्रमुख विशेषता एक विश्व स्तरीय स्टेट ऑफ़ द आर्ट पेमेंट एग्रीगेटर सोल्यूशन (state of the art payment aggregator solution) की व्यवस्था है जो बैंक विशिष्ट भुगतान प्रणाली पर निर्भरता को समाप्त करती है।
  • यह प्रणाली व्यापार को सीमा शुल्कों के साथ बेहतर ढंग से संचारित करने में सक्षम बनाएगी क्योंकि एक एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) आधारित आर्किटेक्चर भी शुरू किया गया है, जिससे वास्तविक समय पर बातचीत की जा सके।
  • यह प्रणाली एक डेटाबेस प्रदान करती है जो सभी प्रकार के लेन-देन के लिये एक डेटा बिंदु के रूप में कार्य करता है। यह पहली बार में ही डेटा को कैप्चर और स्टोर करता है जिससे विभिन्न बिंदुओं पर लेन-देन के लिये डेटा दर्ज करने की आवश्यकता हेतु मानवीय हस्तक्षेप को कम किया जा सके और इस प्रकार प्रक्रिया में त्रुटियों को कम किया जाता है।
  • यह अनुमान लगाया गया है कि यह सुविधा लेन-देन की अवधि में कम-से-कम 1.5 से 2 दिन की कमी करेगी। लेन-देन में लगने वाले समय और लेन-देन की कुल लागत को कम करने में इस एप्लीकेशन का व्यापक प्रभाव होगा।
  • इस प्लेटफ़ॉर्म के द्वारा भारत में समुद्री व्यापार में क्रांतिकारी बदलाव की संभावना है और इसे वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप विकसित किया गया है। इस प्लेटफ़ॉर्म ने भारत की व्यवसाय सुगमता (Ease of Doing Business) की विश्व रैंकिंग और लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (Logistics Performance Index-LPI) रैंकिंग में सुधार करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
  • 'PCS 1x' के उपयोग और लाभों के बारे में हितधारकों को शिक्षित करने के लिये एक प्रमुख प्रशिक्षण और आउटरीच कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह एक ऐसी पहल है जो कागज़ पर निर्भरता को कम करके हरित पहलों का समर्थन भी करती है।
  • इस वेब-आधारित प्लेटफ़ॉर्म को स्वदेशी तौर पर विकसित किया गया है तथा यह देश की 'मेक इन इंडिया' और 'डिजिटल इंडिया' पहल का हिस्सा है। पोत परिवहन मंत्रालय PCS प्लेटफ़ॉर्म के उपयोग को अनिवार्य बनाने के लिये अलग-अलग आदेश जारी कर रहा है।

स्रोत : पीआईबी


भारत-विश्व

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज भारत-जापान साझेदारी

चर्चा में क्यों?


स्वास्थ्य हमारे मौलिक अधिकारों में से एक है और इसकी अहमियत को समझते हुए जापान द्वारा यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC) के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भारत भी सतत् विकास लक्ष्यों में शामिल स्वास्थ्य संबधी लक्ष्यों को हासिल करने हेतु तत्पर है, लेकिन भारत की अधिकांश आबादी आज भी यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के विषय में अनभिज्ञ है।

यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज

  • यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का आशय है सभी लोगों और समुदायों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना किये बिना स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध करना। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि इन सेवाओं की गुणवत्ता उन लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिये पर्याप्त है।
  • उल्लेखनीय है कि 7 अप्रैल, 2018 को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (UHC)/विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया गया।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष की थीम - ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेजः एवरीवन, एवरीवेयर’ को रखा गया था।

जापान में स्वास्थ्य हेतु पहल

  • भारत ने आयुष्मान भारत के माध्यम से UHC की तरफ अपना पहला कदम उठाया है हालाँकि, जापान ने वर्ष 1961 में ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कवरेज की रूपरेखा बना ली थी और इस लक्ष्य को साधने का प्रयास भी किया गया।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कवरेज का विस्तार करने और पूरे जापान में मेडिकल स्कूल स्थापित करने के लिये एक प्रमुख राजनीतिक निर्णय की आवश्यकता थी।
  • UHC का कार्यान्वयन प्रारंभिक रूप से व्यापक राष्ट्रीय निवेश और स्वास्थ्य, वित्त तथा शिक्षा मंत्रालयों सहित स्थानीय सरकारों द्वारा किये जा रहे व्यापक प्रयासों के माध्यम से ही संभव हो सकता था।
  • जापान में इन प्रयासों के लिये व्यापक निवेश भी किया है जिससे जापान में स्वस्थ लोगों तथा स्वस्थ श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हुई।
  • इसके परिणामस्वरूप इस स्थिति से जापान के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिला है। इसके अलावा, UHC ने आय के पुनर्वितरण के लिये एक तंत्र के रूप में काम करके सामाजिक भागीदारी को सुनिश्चित किया।
  • यही कारण है कि जापान के दूरस्थ स्थानों में भी स्वास्थ्य देखभाल के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
  • महत्त्वपूर्ण बात यह है कि जापान ने UHC की उपलब्धता सुनिश्चित करके अपने नागरिकों के स्वास्थ्य संबंधी मानसिक तनाव को दूर किया जोकि समग्र कल्याण का एक अनिवार्य घटक है।

स्वास्थ्य देखभाल के लिये जापान-भारत साझेदारी

  • हम बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिये व्यापक परियोजनाओं में जापान के साथ साझेदारी कर रहे हैं।
  • जापान ने पहले भारत में पोलियो को खत्म करने के लिये भारत के साथ काम किया है।
  • वर्तमान में जापानी और भारतीय डॉक्टर कोलकाता में जापान द्वारा स्थापित डायरिया अनुसंधान और नियंत्रण केंद्र में एक-दूसरे के विचारों और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
  • तमिलनाडु के 17 शहरों में, शहरी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को आपसी सहयोग से मज़बूत किया जा रहा है।
  • हाल ही में अक्तूबर के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान भारत और जापान द्वारा आयुषमान भारत तथा जापान के एशिया स्वास्थ्य और कल्याण पहल के बीच तालमेल को आगे बढ़ाने के लिये स्वास्थ्य देखभाल पर सहयोग के एक नए ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
  • इन प्रयासों से बेहतर स्वास्थ्य पारिस्थितिक तंत्र और भारत में UHC को बढ़ावा मिलेगा।
  • जापान को भी भारत से सीखने का मौका मिल सकता है, उदाहरण के लिये आयुर्वेद जापान की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक नया आयाम ला सकता है।

स्रोत : द हिंदू


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

नासा का वोएजर-2

चर्चा में क्यों?

नासा का वोएजर-2 (Voyager 2) सौरमंडल के आखिरी छोर तक पहुँचने वाला इतिहास में दूसरा मानव निर्मित उपकरण बन गया है।

  • Voyager 2 को 20 अगस्त, 1977 को लॉन्च किया गया था, जबकि Voyager 1 को 5 सितंबर, 1977 को लॉन्च किया गया था। Voyager 2 NASA का सबसे लंबा चलने वाला  मिशन है।
  • Voyager 1 ने 2012 में ही इस सीमा को पार किया था।
  • लेकिन 41 साल पहले लॉन्च किये गए Voyager 2 में एक क्रियाशील उपकरण लगाया गया है जो अंतरिक्ष में तारों के बीच की दुनिया के बारे में अपनी तरह के पहले प्राकृतिक अवलोकन उपलब्ध कराएगा।
  • नासा के अनुसार, इस समय Voyager 2 पृथ्वी से 18 बिलियन किमी. दूर है।
  • Voyager 1 और Voyager 2 दोनों अभी सौरमंडल के अंदर ही हैं फिलहाल निकट भविष्य में भी ये इससे बाहर नहीं जाएंगे।
  • Voyager 2 एकमात्र अंतरिक्ष यान है जो सभी चार गैस विशाल ग्रहों - बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून की यात्रा कर चुका है।

हेलीओस्फीयर (heliosphere)

  • अंतरिक्ष यान पर लगे विभिन्न उपकरणों से प्राप्त डेटा का आकलन कर मिशन के वैज्ञानिकों ने यह निर्धारित किया कि इस प्रोब ने 5 नवंबर को हेलीओस्फीयर (heliosphere) के आखिरी छोर को पार किया।
  • हैलियोपाउज़ (heliopause) नामक यह सीमा ऐसा स्थान है जहाँ कमज़ोर, गर्म सौर हवा तारों के बीच के ठंडे और घने माध्यम से मिलती है।
  • इस यान द्वारा अपनी यात्रा के नए चरण में प्रवेश करने के बावजूद मिशन के ऑपरेटर Voyager 2 के साथ संवाद कर सकते हैं। लेकिन इस यान से आने वाली सूचना, जो प्रकाश की गति से आगे बढती है, को अंतरिक्ष यान से पृथ्वी तक पहुँचने में लगभग 16.5 घंटे का समय लगता है।
  • हेलीओस्फीयर से Voyager 2 के बाहर निकलने का सबसे मजबूर साक्ष्य प्लाज़्मा साइंस एक्सपर्टमेंट (Plasma Science Experiment- PLS) से प्राप्त हुआ। उल्लेखनीय है कि यह उपकरण पर Voyager 1 पर भी लगाया था लेकिन इस यान द्वारा हेलीओपोज़ की सीमा को पार करने से काफी पहले वर्ष, 1980 में ही इस उपकरण ने काम करना बंद कर दिया था।
  • प्लाज्मा डेटा के अतिरिक्त, Voyager 2 द्वारा हेलीओपॉज़ की सीमा को पार करने के साक्ष्य इस पर लगे अन्य तीन उपकरणों- ब्रह्मांडीय किरण उपप्रणाली (cosmic ray subsystem), कम ऊर्जा वाले कण उपकरण (low energy charged particle instrument) और मैग्नेटोमीटर (magnetometer) से प्राप्त हुए हैं।

महत्त्व और चुनौतियाँ

  • हेलिओस्फीयर बाहरी अंतरिक्ष से बहने वाली स्थिर इंटरसेलर हवाओं के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है, इस संबंध में दोनों Voyagers विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। इनके अवलोकनों का उपयोग नासा के IBEX (NASA’s Interstellar Boundary Explorer-IBEX) से डेटा प्राप्त करने के लिये किया जाएगा, यह सौर मंडल की सीमा की रिमोट सेंसिंग संबंधी एक मिशन है।
  • इस मिशन में सबसे बड़ी चुनौती गर्मी और बिजली के क्रमिक नुकसान से निपटना है। वर्तमान में Voyager 2  का परिचालन केवल 38.5 डिग्री फ़ारेनहाइट (3.6 डिग्री सेल्सियस) के तापमान पर किया जा रहा है और इससे प्रत्येक वर्ष अंतरिक्ष यान के विद्युत उत्पादन में 4 वाट की कमी आती है।

महत्त्वपूर्ण शब्दावलियाँ

टर्मिनेशन शॉक (Termination Shock):

  • सूर्य से बाहर की ओर अरबों किलोमीटर की दूरी पर बहने वाली सौर हवा।
  • यह विद्युत आवेशित गैसों की एक धारा है।
  • जब तक कि यह टर्मिनेशन शॉक तक न पहुँच जाए, तब तक यह औसतन 300 से 700 किमी. प्रति सेकेंड (700,000-1,500,000 मील प्रति घंटा) की गति से बहती है। इस बिंदु पर सौर हवा की गति तेज़ी से कम हो जाती है क्योंकि यह इंटरसेलर हवाओं (interstellar wind) के संपर्क में आ जाती है।

हेलिओस्फीयर (Heliosphere):

  • सूर्य से निकलने वाली सौर हवा, एक ऐसे बुलबुले का निर्माण करती है जो ग्रहों की कक्षाओं से बहुत दूर तक फैली हुई हो। यह बुलबुला (bubble) ही हेलिओस्फीयर है जो एक लंबे वात शंकु (windsock) के आकार का होता है तथा तारों के बीच अंतरिक्ष में सूर्य के साथ-साथ गति करता है।

हेलिओशीएथ (Heliosheath):

  • हेलीओशिएथ, हेलीओस्फीयर का बाहरी क्षेत्र है, जो टर्मिनेशन शॉक (वह बिंदु जहाँ सौर हवा की गति अचानक कम हो जाती है तथा वह पहले की तुलना में अधिक सघन और गर्म हो जाती है ) से परे होता है।

हेलियोपॉज़ (Heliopause):

  • सौर हवा और इंटरसेलर हवा के बीच की सीमा, जहाँ दोनों हवाओं का दबाव संतुलन में होता है, को हेलियोपॉज़ कहते है।

बो शॉक (Bow shock)

  • जब हेलीओस्फीयर इंटरस्टेलर स्पेस के माध्यम से बहता है, तो बो शॉक का निर्माण होता है ठीक वैसे ही जैसे समुद्र में जहाज़ के चलने के दौरान होता है।

ऊर्ट क्लाउड (Oort Cloud)

  • यह उन छोटे पिंडो का संग्रह है जो अभी भी सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में हैं। सौर मंडल की सीमा को ऊर्ट क्लाउड के अंतिम किनारे से बाहर माना जाता है।
  • हालाँकि, अभी तक ऊर्ट क्लाउड की चौड़ाई ठीक से ज्ञात नहीं है, लेकिन यह अनुमान है कि यह सूर्य से लगभग 1000 खगोलीय इकाइयों (astronomical units- AU) से शुरू होता है और लगभग 100,000 AU तक इसका विस्तार होता है (1 AU सूर्य से पृथ्वी के बीच दूरी है)।

द गोल्डन रिकॉर्ड (The Golden Record)

  • गोल्डन रिकॉर्ड 12 इंच की तांबे की डिस्क है जिस पर सोने की परत चढ़ाई गई है, Voyager 1 और 2 दोनों पर पर ध्वनि संकेतों रिकॉर्ड को लगाया गया है। इसमें धरती पर जीवन और संस्कृति की विविधता को चित्रित करने के लियेए चुने गए ध्वनियों और छवियों वाले डेटा होते हैं।

डीप स्पेस नेटवर्क (Deep Space Network- DSN)

  • डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) हमारे सौर मंडल के सबसे दूरदराज के बिंदुओं का पता लगाने वाले नासा और गैर-नासा मिशन का समर्थन करता है।
  • DSN में तीन ग्राउंड स्टेशन हैं जो पृथ्वी पर एक-दूसरे से लगभग 120 डिग्री की दूरी ((120 + 120 + 120 = 360) पर स्थित हैं। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि गहरे अंतरिक्ष में कोई भी उपग्रह हर समय कम-से-कम एक स्टेशन के साथ संवाद करने में सक्षम हो।

DSN की स्थिति

  • कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया
  • मैड्रिड, स्पेन
  • गोल्डस्टोन, कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका

इंटरस्टेलर मैपिंग एंड एक्शलरेशन प्रोब (Interstellar Mapping and Acceleration Probe)

  • यह नासा का एक और मिशन है, जिसे Voyager के अवलोकनों का अनुसरण करने के लिये 2024 में लॉन्च किया जाना है।

इंटरस्टेलर बाउंड्री एक्सप्लोरर (Interstellar Boundary Explorer -IBEX)

  • नासा के इस मिशन का उद्देश्य सौर हवा और इंटरस्टेलर माध्यम के बीच हमारे सौर मंडल के किनारे पर होने वाली पारस्परिक क्रिया की प्रकृति के बारे में खोज करना है।
  • इसे 19 अक्तूबर, 2008 को लॉन्च किया गया था।

स्रोत : द हिंदू (बिज़नेस लाइन)


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 12 दिसंबर, 2018

ENSURE पोर्टल


प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer- DBT) के लाभार्थियों को DBT से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ने के लिये ENSURE पोर्टल लॉन्च किया गया है।

  • ENSURE पोर्टल को राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission- NLM) के घटक उद्यमिता विकास और रोज़गार सृजन (Entrepreneurship Development & Employment Generation- EDEG) के अंतर्गत लॉन्च किया गया है।
  • इस पोर्टल को नाबार्ड (NABARD) द्वारा विकसित किया गया है तथा इसका संचालन पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग (Department of Animal Husbandry, Dairying & Fisheries) द्वारा किया जाएगा।
  • NLM के घटक उद्यमिता विकास और रोज़गार सृजन (EDEG) के अंतर्गत पोल्ट्री, जुगाली करने वाले छोटे जानवरों (Ruminants), सूअरों आदि से संबंधित गतिविधियों के लिये दी जाने वाली सब्सिडी का भुगतान DBT के ज़रिये सीधे लाभार्थी के खाते में किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया को और अधिक बेहतर, सरल एवं पारदर्शी बनाने के लिये नाबार्ड ने ऑनलाइन पोर्टल ENSURE का विकास किया है ताकि लाभार्थियों और आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन

  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक पहल है।
  • 2014-15 में प्रारंभ हुए इस मिशन को पशुधन क्षेत्र के सतत विकास के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया था।
  • राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास और रोज़गार सृजन घटक के अंतर्गत नाबार्ड सब्सिडी चैनलाइज़िंग एजेंसी है।

संरक्षित क्षेत्र के आसपास इको-सेंसिटिव ज़ोन (Eco-Sensitive Zone around Protected Regions)

  • सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को देश भर के लगभग 21 राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों के आस-पास के 10 किमी. के क्षेत्र को 'पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्रों' (Eco-Sensitive Zone- ESZ) के रूप में घोषित करने का निर्देश दिया है।

इको-सेंसिटिव ज़ोन : भूमि संसाधनों पर लोगों के स्वामित्व के अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है लेकिन यह भूमि उपयोग में होने वाले परिवर्तन को प्रतिबंधित करता है।


विविध

Rapid Fire 12 December

  • रिज़र्व बैंक के गवर्नर पद से उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद 11 दिसंबर को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आर्थिक मामलों के विभाग के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास को गवर्नर पद पर तीन साल के लिये नियुक्त किया; शक्तिकांत दास केंद्र सरकार में विभिन्न महत्त्वपूर्ण पदों पर काम करने के अलावा वित्त आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं
  • प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया; इस परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय हैं; यह परिषद प्रधानमंत्री को आर्थिक मामलों से जुड़े मसलों पर सलाह-मशविरा देती है; इसमें एक अध्यक्ष और चार सदस्य होते हैं
  • सर्वोच्च न्यायालय ने असम के राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी NRC ड्राफ्ट में नाम शामिल करने के लिये दावा करने और आपत्तियों के लिये समय-सीमा 15 दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर की; फाइनल NRC ड्राफ्ट में असम के करीब 40 लाख लोगों के नाम नहीं हुए थे शामिल; असम सरकार ने न्यायालय से की थी समय-सीमा बढ़ाने की अपील
  • पाँच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव; मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा को किया सत्ता से बेदखल; तेलंगाना में एक बार फिर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRC) ने मारी बाज़ी; मिज़ोरम में मिज़ो नेशनल फ्रंट को मिली सत्ता; पूर्वोत्तर में अब किसी भी राज्य में नहीं है कांग्रेस की सरकार
  • भारत का थिंक टैंक माना जाने वाला नीति आयोग लोगों के लिये अमेज़न वर्चुअल असिस्टेंट डिवाइस ‘एलेक्सा’ जैसी एक डिवाइस विकसित करने पर कर रहा है काम; भविष्य में Natural Language Processing (NLP) द्वारा संचालित बातचीत करने वाले बॉट्स (Conversational Bots) को अलग-अलग भाषाओं में देश के सभी कोनों तक पहुँचाना है इसका उद्देश्य
  • भारत और चीन के बीच सैन्य अभ्यास हैंड-इन-हैंड 2018 की शुरुआत; चीन के चेंगडू में 10 से 23 दिसंबर तक चलेगा इसका सातवाँ संस्करण; दोनों देशों की सेनाओं के बीच मजबूत संबंध बनाना और उन्हें बढ़ावा देना है इस अभ्यास का उद्देश्य; 2017 में दोनों देशों के बीच सिक्किम के डोकलाम में गतिरोध के कारण नहीं हुआ था यह अभ्यास
  • म्यांमार ने भारतीय पर्यटकों को आगमन पर वीजा देने का फैसला किया है; राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हालिया म्यांमार दौरे में दोनों देशों ने लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने का लिया फैसला; म्यांमार में शांति स्थापित करने के प्रयासों में मदद करेगा भारत; भारत और म्यांमार के बीच आवाजाही के लिये रिख्वादर-जोखावथर (Rihkhawdar-Zokhawthar) सीमा चौकी और तामू-मोरेह सीमा चौकी को आवागमन के लिये खोला जा चुका है
  • ‘खेलो इंडिया युवा खेल’ का आयोजन अगले साल 9 से 20 जनवरी तक पुणे में होगा; इस बार कॉलेजों के छात्र भी होंगे शामिल; पहले ‘खेलो इंडिया स्कूल खेल’ था इसका नाम; पिछले साल की तरह अंडर-17 वर्ग के अलावा इस बार अंडर-21 वर्ग के मुकाबले भी होंगे
  • भारतीय रेल के उपक्रम IRCTC दिल्ली से शुरू की बुद्ध सर्किट ट्रेन; भगवान बुद्ध से जुड़े लगभग सभी अहम स्थलों पर पर्यटकों को लेकर जाएगी यह ट्रेन; इनमें बोध गया, नालंदा, वाराणसी, लुंबिनी, कुशीनगर और श्रावस्ती शामिल; श्रीलंका, जापान, थाईलैंड और चीन से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये तैयार की गई है यह ट्रेन; कुछ समय पहले ‘रामायण सर्किट एक्सप्रेस’ की भी हुई थी शुरुआत
  • अमेरिका की ‘टाइम’ मैगजीन ने 2018 के पर्सन ऑफ द ईयर के लिये चार पत्रकारों और एक मैगज़ीन को चुना; हाल ही में तुर्की स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में मार दिये गए ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के जमाल खशोगी का भी नाम; युद्ध क्षेत्र में काम करने के लिये फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा और म्यांमार की जेलों में बंद ‘रायटर’ के दो युवा पत्रकार वा लोन और क्याव सोइ उ भी शामिल; मैरीलैंड के अनापोलिस में ‘कैपिटल गज़ट’ पत्रिका को भी मिलेगा सम्मान
  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व प्रमुख अरुंधती भट्टाचार्य को बैंकों के बीच दूरसंचार प्रणाली आधारित वित्तीय संदेश आदान-प्रदान व्यवस्था की निगरानी करने वाली समिति SWIFT India के निदेशक मंडल का नया चेयरपर्सन नियुक्त किया गया, देश के शीर्ष सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों तथा SWIFT (Society for Worldwide Inter-bank Financial Telecommunication) का संयुक्त उद्यम है SWIFT India

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