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डेली न्यूज़

  • 11 Jan, 2019
  • 26 min read
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

2024 तक वायु प्रदूषण को 20% तक कम करने का लक्ष्य

चर्चा में क्यों?


हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक देश के कम-से-कम 102 शहरों में 20-30% वायु प्रदूषण कम करने के लिये एक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme - NCAP) को वायु प्रदूषण के अंतर्गत पर्टिकुलेट मैटर (PM - Particulate Matter) से निपटने के लिये औपचारिक रूप से  शुरू किया गया है।
  • इसमें राज्यों और केंद्र के लिये ऐसी रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें क्षेत्रफल के अनुसार लगभग 102 शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने पर काम किया जाएगा इसमें शामिल लगभग एक तिहाई शहर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से हैं।
  • अधिकारियों के अनुसार, पर्टिकुलेट मैटर (PM) पर अंकुश लगाना एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है। इसके तहत लगभग 300 करोड़ रूपए व्यय होने का अनुमान है, जो राज्य की विकास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण को कम करने के लिये कार्य करेगा।
  • यह एक पँचवर्षीय कार्य योजना है, जो अखिल भारतीय नहीं बल्कि एक शहर-विशिष्ट कार्यक्रम है। पाँच साल बाद इसके तहत हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
  • इससे पहले 102 शहरों को प्रदूषण के हॉटस्पॉट क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था तथा उनसे प्रदूषण निवारण के लिये योजनाएँ एवं सुझाव जैसे कि योजनाओं में मॉनीटरिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाना, प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करना, प्रदूषण-स्रोत के अपरोक्ष अध्ययन का संचालन करना और प्रवर्तन को मज़बूत करना इत्यादि देने को कहा गया था।
  • NCAP ने मुख्यतः यातायात में सुधार के लिये गढ्ढा मुक्त सड़क एवं ईंट भट्ठों पर नियंत्रण के सम्बंध में सख्त ज़ोर दिया है जिससे धूल की समस्या को कम किया जा सके।

वर्तमान परिदृश्य में बात करें तो

  • यह स्पष्ट नहीं है कि PM कटौती को निर्धारित करने के लिये सरकार कितने शहरों में काम कर चुकी है तथा अभी कितना कार्य किया जाना बाकी है।
  • हालाँकि पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने वायु प्रदूषण के सन्दर्भ में, 5 वर्षों में 40%, मैक्सिको ने 25 वर्षों में 73% और सैंटियागो (चिली) ने 22 वर्षों में 61% की गिरावट दर्ज की। 2016 से दिल्ली में वार्षिक PM स्तर में 8% की कमी देखी गई है।
  • पिछले कुछ वर्षों में वायु प्रदूषण के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डेटाबेस टियर-I और टियर-II के तहत भारतीय शहरों को दुनिया के कुछ सबसे अधिक प्रदूषित स्थानों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • 2018 में दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 भारत के थे।
  • एक पत्रिका द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार, भारत को समय से पहले एवं वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में पहले स्थान पर रखा गया है।

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP - National Clean Air Programme)

  • वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये व्यापक और समयबद्ध रूप से बनाया गया एक कार्यक्रम ।
  • कार्यक्षेत्र - प्रासंगिक केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों के बीच प्रदूषण एवं समन्वय के सभी स्रोतों पर ध्यान केन्द्रित करना।
  • उद्देश्य - वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन के लिये कार्य करना।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation - WHO)

  • संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित है।
  • स्थापना - 7 अप्रैल, 1948
  • मुख्यालय - जिनेवा, (स्विट्ज़रलैंड)

स्रोत – द हिंदू


अंतर्राष्ट्रीय संबंध

रायसीना डायलॉग

चर्चा में क्यों?


हाल ही में ‘रायसीना डायलॉग’ के चौथे संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में किया गया। गौरतलब है कि ‘रायसीना डायलॉग 2019’ विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation -ORF) के तत्त्वावधान में आयोजित किया गया था जिसमें दुनिया के तमाम देशों से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रमुख बिंदु

  • नार्वे की प्रधानमंत्री एर्ना सोल्बर्ग के उद्घाटन भाषण से इस सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
  • रायसीना डायलॉग के 2019 संस्करण की थीम है ‘ए वर्ल्ड रिऑर्डर: न्यू जियोमेट्री, फ्लुइड पार्टनरशिप एंड अनसर्टेन आउटकम्स’।

RAISINA

  • इस सम्मेलन में अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के मुद्दे से लेकर हिंद-प्रशांत महासागर में बदलते माहौल और यूरोपीय संघ में चल रही उथल-पुथल तक हर मुद्दे पर चर्चा हुई।
  • इस दो दिवसीय सम्मेलन में सोशल मीडिया की भूमिका और पर्यावरण व विकास के बीच सामंजस्य बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। साथ ही सम्मेलन में आतंकवाद के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

उद्देश्य

  • रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष विश्व के साथ एशिया के बेहतर समन्वय हेतु संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है।
  • रायसीना वार्ता एक बहुपक्षीय सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • व्यापक अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत मामलों पर चर्चा करने के लिये नीतिगत, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज के वैश्विक नेताओं को प्रति वर्ष रायसीना डायलॉग में आमंत्रित किया जाता है।

रायसीना डायलॉग से भारत को लाभ

  • भारत के पुराने सहयोगियों, जैसे-अमेरिका और रूस को छोड़कर यूरोपीय संघ व दक्षिण अमेरिकी देशों ने जिस तरह से रायसीना डायलॉग में भाग लिया वह इस बात का संकेत है कि भारत ने न सिर्फ कूटनीतिक पहुँच बढ़ाई है बल्कि कई देशों की नज़र में भारत आगे आकर वैश्विक भूमिका निभाने में सक्षम है।
  • रायसीना डायलॉग सरकार को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विभिन्न सवालों और मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने हेतु एक मंच प्रदान करता है।

इसका नाम रायसीना डायलॉग क्यों है?

  • भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसी के नाम पर इसे रायसीना डायलॉग के रूप में जाना जाता है।
    रायसीना डायलॉग क्या है?
  • यह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ओआरएफ (Observer Research Foundation -ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
  • यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है जिसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्त्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है जो कि एक मंच पर अपने विचार साझा करते हैं।
  • इसके अंतर्गत न केवल विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया गया है, बल्कि उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारियों, नीति-निर्माताओं, व्यापार और उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों तथा मीडिया एवं अकादमिक सदस्यों को भी शामिल किया जाता है।
  • ORF (Observer Research Foundation) नई दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है। यह भारतीय महासागरीय क्षेत्र में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर आधारित सम्मेलन है।

स्रोत- ORF की वेबसाइट


भारतीय अर्थव्यवस्था

सिक्किम शुरू करेगा यूनिवर्सल बेसिक इनकम

चर्चा में क्यों?


हाल ही में सिक्किम सरकार ने यूनिवर्सल बेसिक इनकम (Universal Basic Income-UBI) को कार्यान्वित करने का प्रस्ताव रखा है। यदि सिक्किम सरकार ऐसा करने में सफल हो जाती है तो सिक्किम यूनिवर्सल बेसिक इनकम लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।

क्या है UBI?

  • UBI एक न्यूनतम आधारभूत आय की गारंटी है, जो प्रत्येक नागरिक को बिना किसी न्यूनतम अर्हता के आजीविका के लिये हर माह सरकार द्वारा दी जाएगी।
  • यह बिना किसी शर्त के सभी को प्राप्त होने वाला अधिकार है तथा इसके लिये व्यक्ति को केवल भारत का नागरिक होना ज़रूरी होगा।
  • यह व्यक्ति को किसी अन्य स्रोत से हो रही आय के अलावा प्राप्त होगी।

पृष्ठभूमि

  • भारत में यह अवधारणा चर्चा में इसलिये रही क्योंकि वर्ष 2016-17 के भारत के आर्थिक सर्वेक्षण में UBI को एक अध्याय के रूप में शमिल कर इसके विविध पक्षों पर चर्चा की गई है।

और कहाँ लागू है UBI?

  • हाल ही में UBI की अवधारणा को लागू करने के संदर्भ में स्विट्जरलैंड पहला ऐसा देश है, जिसने पिछले साल इस पर जनमत संग्रह किया। परन्तु UBI के वित्तीय प्रभाव और इसकी वज़ह से लोगों में काम करने की प्रेरणा के खत्म होने की आशंका से स्विट्जरलैंड की जनता ने इसे खारिज कर दिया।
  • वर्तमान में फिनलैंड ने UBI को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है, जिसके तहत बहुत थोड़े से लोगों को हर महीने 595 डॉलर के बराबर की राशि दी जाएगी।

यूबीआई के पक्ष में तर्क

  • प्रत्येक व्यक्ति को एक न्यूनतम आय की गांरटी प्रदान करने का यह विचार, निश्चित तौर पर संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए गए गरिमामय जीवन जीने के अधिकार को वास्तविकता प्रदान करेगा।
  • सरकार द्वारा नियत राशि दिये जाने से गरीबी और गरीबी के कगार पर खडे़ लोग उपभोग के एक निश्चित स्तर को प्राप्त कर सकेंगे और इस तरह वे अपनी आर्थिक दशा सुधारने में सक्षम हो सकेंगे।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में जहाँ असंगठित क्षेत्र में 90% कामगार हों, बहुत से लोग निःशक्त व भिक्षावृत्ति से जुडे़ हों, देश के कई भागों में लोग हर वर्ष प्राकृतिक आपदा से त्रस्त हों एवं विभिन्न प्रकार की अनियोजित विकासात्मक गतिविधि के कारण पलायन को मजबूर हों, उन्हें इस अवधारणा के क्रियान्वयन से आर्थिक असुरक्षा के भय से मुक्ति मिलेगी।
  • कल्याणकारी व्यय के उपयोग की ज़िम्मेदारी अब नागरिकों पर भी होगी एवं लेटलतीफी, अफसरशाही, लाभों के मनमाने वितरण आदि की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।

यूबीआई के संभावित लाभ

  • यूबीआई का सबसे बड़ा लाभ है इसका यूनिवर्सल या सर्वजनीन होना, अर्थात् किसी वर्ग विशेष को या किसी जरूरतमंद वर्ग समूह को अलग से चिह्नित या लक्षित न करके सभी को एक न्यूनतम धनराशि उपलब्ध कराना।
  • साथ ही मौसमी व प्रच्छन्न बेरोज़गारी, आपदा, रोगावस्था, निःशक्तता एवं नियोक्ता द्वारा शोषण की अवस्था में व्यक्ति रोज़गार के अभाव में भी अपना जीवनयापन कर सकेगा।
  • प्रणाली क्षरण (system leakage) की समस्या कम होगी एवं जैम प्रणाली (जनधन, आधार, मोबाइल) के उपयोग से लाभार्थी तक सीधे पहुँचा जा सकेगा।
  • धन के आवंटन, निगरानी व भ्रष्टाचार पर अंकुश के अनावश्यक दायित्व से नौकरशाही मुक्त होगी, जिससे विकास के अन्य कार्यों को गति मिलेगी।

यूबीआई के विपक्ष में तर्क

  • एक सतत् सर्वजनीन बुनियादी आय लोगों में कार्य करने के प्रोत्साहन को कम कर सकती है।
  • हमारे पितृसत्तात्मक समाज में सरकार द्वारा महिलाओं को जो बुनियादी आय प्रदान की जाएगी, उस पर संभव है कि पुरूषों का नियंत्रण हो जाए।
  • यूबीआई से मजदूरी की दर बढ़ने से, वस्तुओं व सेवाओं की मूल्य वृद्धि से महँगाई का ऊर्ध्वाधर चक्र शुरू हो जाएगा।
  • बेसिक आय के स्तर को उच्च बनाए रखने में भारत का राजकोषीय संतुलन प्रभावित होगा।

यूबीआई से जुडे़ अनुत्तरित प्रश्न

  • क्या यूबीआई जनकल्याण की अन्य दूसरी योजनाओं को प्रतिस्थापित कर देगी? यदि हाँ तो सरकारी सहायता के अभाव और मांग में वृद्धि से उत्पन्न महँगाई को बेसिक आय कैसे संतुलित कर पाएगी?
  • सबसे जटिल प्रश्न यह है कि बेसिक आय का ‘मान’ क्या होगा? यदि गरीबी रेखा हो तो ग्रामीण क्षेत्र में ₹32 एवं शहरी क्षेत्र में औसतन ₹40 के अनुसार लगभग ₹1200 प्रतिमाह व वर्ष के ₹19,400 होंगे। क्या इससे व्यक्ति अपनी अवश्यकताओं को पूरा कर पाएगा?
  • फिर इस योजना के लिये सरकार पर जो बोझ होगा, वह भारतीय GDP का 9 से 10 फीसदी तक होगा। वह कहाँ से आएगा?

निष्कर्ष


यूबीआई निश्चित तौर पर सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के संबंध में एक आकर्षक विचार है। किंतु इसका खाका व्यावहारिक आधारों पर होना चाहिये, ताकि वित्तीय बोझ व राजकोषीय असंतुलन का खतरा न रहे। इस योजना से धनी व उच्च मध्यमवर्गीय लाभार्थियों को बाहर किया जाना चाहिये। निर्धन ब्लॉक एवं ज़िलों में ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के तौर पर लागू कर इसका बारीकी से मूल्यांकन करना चाहिए। इसके बाद ही चरणबद्ध तरीके से इस योजना को पूरे भारत में लागू करना चाहिए।


स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (11 जनवरी)

  • तीन तलाक को लेकर सरकार फिर से जारी कर रही है अध्यादेश; संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक पारित नहीं होने के कारण 20 सितंबर को जारी हुआ अध्यादेश समाप्त हो गया था; अध्यादेश लाने के बाद इसे आने वाले संसदीय सत्र में ही पेश करना होता है, वरना छह माह बाद यह अपने आप हो जाता है समाप्त; लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में लंबित है तीन तलाक विधेयक
  • सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के दो दिन बाद ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने CBI निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाया; अग्निशमन विभाग के महानिदेशक बनाए गए; 77 दिन बाद दोबारा संभाला था पदभार; 31 जनवरी को होने वाले हैं रिटायर; प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि जस्टिस सीकरी ने दिया हटाने के पक्ष में फैसला; सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने किया विरोध; CBI प्रमुख का चयन करने वाली तीन सदस्यीय समिति से एक सप्ताह में आलोक वर्मा के पद पर बने रहने के बारे में फैसला करने के लिये कहा था सुप्रीम कोर्ट ने
  • GST काउंसिल की 32वीं बैठक में लिये गए कई अहम फैसले; 40 लाख तक टर्नओवर वाले कारोबारी नहीं होंगे GST में शामिल; पूर्वोत्तर तथा अन्य छोटे राज्यों के लिये यह सीमा 20 लाख रुपए; कंपोज़ीशन योजना का लाभ उठाने के लिये सालाना कारोबार सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए हुई; 1 अप्रैल से लागू होंगे ये फैसले; GST परिषद में रियल एस्टेट तथा लॉटरी पर GST को लेकर मतभेद सामने आने के बाद इसके लिये बनाया गया मंत्रियों का समूह
  • के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई वाली 9 सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में की देशभर में कक्षा 8 तक के लिये हिंदी विषय को अनिवार्य बनाने की सिफारिश; मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने किया खंडन; त्रि-भाषायी फॉर्मूला, पूरे देश में विज्ञान और गणित का एक जैसा सिलेबस, जनजातीय समूहों के लिये अलग देवनागरी उपभाषा और कौशल आधारित शिक्षा जैसी सिफारिशें भी शामिल
  • ‘यूथ फॉर इक्वेलिटी’ ने सामान्य वर्ग के गरीबों को नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने से जुड़े विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती; विधेयक को निरस्त करने की अपील; इंदिरा साहनी केस का दिया हवाला...सिर्फ आर्थिक आधार पर नहीं दिया जा सकता आरक्षण; सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में दिये फैसले का उल्लंघन करता है यह विधेयक
  • केंद्र सरकार ने गुजरात और जम्मू-कश्मीर में तीन नए AIIMS बनाने को दी मंज़ूरी; जम्मू के सांबा (विजय नगर), कश्मीर के पुलवामा (अवंतीपुर) और गुजरात के राजकोट में बनेंगे ये AIIMS; नए AIIMS में हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कोर्स, रेजीडेंशियल कॉम्पलेक्स बनाए जाएंगे; स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करना, मेडिकल शिक्षा और रिसर्च को बढ़ावा देना है AIIMS बनाने का उद्देश्य
  • केंद्र सरकार देगी असम के 6 समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा; नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को लेकर असम में हो रहे व्यापक विरोध के मद्देनज़र कोच राजभोगशी, ताइ- आहोम, चोटिया, मटक, मोरान एवं चाय बागान से जुड़े समुदायों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में किया जाएगा शामिल; गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति की सिफारिश पर लिया गया है यह फैसला
  • विश्व आर्थिक मंच की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक भारत होगा विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार; Future of Consumption in Fast-growth Consumer Market-India रिपोर्ट के अनुसार भारत में उपभोक्ता खर्च का स्तर वर्तमान 1.5 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 2030 तक छह लाख करोड़ डॉलर होने का अनुमान; अमेरिका और चीन होंगे पहले और दूसरे स्थान पर
  • लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने, क्षेत्र में शांति स्थापित करने तथा आपसी विश्वास बहाल करने हेतु ईरान ने खाड़ी क्षेत्र के लिये रखा नए फोरम का प्रस्ताव; नई दिल्ली में आयोजित चौथे रायसीना डायलॉग में ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़रीफ ने रखा यह प्रस्ताव; इस फोरम में वास्तविक मुद्दों को हल करने के लिये सामान्य सिद्धांतों के आधार पर देशों को सदस्यता देने की बात कही गई, जो क्षेत्र और दुनिया के लोगों को प्रभावित करते हैं
  • केंद्र सरकार ने भारत में ईरान के बैंक को खोलने की दी मंज़ूरी; अगले तीन महीने में काम करना शुरू कर देगा ईरान का बैंक पसरगाद; भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में खुलने वाला यह पहला ईरानी बैंक होगा; इरान पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों का असर कम करने के लिये भारतीय रिज़र्व बैंक ने ईरान के किसी एक बैंक को भारत में शाखा स्थापित करने की दी है इजाज़त
  • करेंसी स्वैप यानी करेंसी अदला-बदली डील के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक ने सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका को 400 मिलियन डॉलर देने पर जताई सहमति; श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार को मिलेगी मज़बूती; रिज़र्व बैंक की त्वरित और सही समय पर दी गई सहायता से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा; अपना विदेशी मुद्रा कोष उपयुक्त स्तर पर बनाए रखने में श्रीलंका को मदद मिलेगी; आयात, ऋण किस्तों का भुगतान और मुद्रा की विनिमय दर में अस्थिरता से बचने में भी मिलेगी मदद
  • चीन ने बनाया अत्याधुनिक तकनीक से लैस नया रडार; भारत जितने बड़े भू-भाग की निगरानी करने में सक्षम है यह रडार; चीन के Over the Horizon कार्यक्रम का एक हिस्सा है यह रडार; मौज़ूदा रडार तकनीक की तुलना में दुश्मन के जलपोतों, विमानों और मिसाइलों को कहीं जल्दी पहचान लेता है यह रडार; चीन के विमानवाहक बेड़े के लिये किया गया है कॉम्पैक्ट आकार के इस रडार का विकास
  • नासा ने फिर खोज निकाली एक और सुपर अर्थ: इस सुपर अर्थ को दिया गया है K2-288B नाम; पृथ्वी से दोगुना हो सकता है इसका आकार; अपने तारे के निवासी क्षेत्र में स्थित है यह सुपर अर्थ; समशीतोष्ण है इस सुपर अर्थ की कक्षा; पृथ्वी से 226 प्रकाश वर्ष दूर होने का अनुमान; इस सुपर अर्थ को वैज्ञानिकों ने फॉल्टन गैप कैटेगरी में रखा; फॉल्टन गैप को रेडियस वैली भी कहा जाता है
  • हरियाणा के राखीगढ़ी में तीन साल पहले 40 कब्रों की खुदाई के दौरान एक कब्र में मिले थे दो कंकाल; तीन साल तक चले शोध के बाद कंकालों के 5000 साल पुराने होने का अनुमान; हड़प्पाकालीन टीलों को खोदने पर इनमें चित्रकारी किये हुए मिट्टी के बर्तन और मिट्टी की चूड़ियाँ, पत्थर के मनके तथा मिट्टी के खिलौने एवं नर कंकाल, आभूषण बनाने की भट्ठी आदि मिले थे
  • बिहार के कप्तान आशुतोष अमन ने गेंदबाजी में तोड़ा बिशन सिंह बेदी का 44 साल पुराना रिकॉर्ड; बाएँ हाथ के स्पिनर आशुतोष अमन ने रणजी ट्रॉफी के एक सत्र में अब तक 68 विकेट हासिल कर अपना नाम रिकार्ड बुक में दर्ज कराया; पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने दिल्ली की ओर से 1974-75 के सत्र में हासिल किये थे 64 विकेट

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