मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में 'रीवाइल्डिंग' पहल
चर्चा में क्यों?
'टाइगर स्टेट' के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में 'रीवाइल्डिंग' नामक एक पहल शुरू की गई है।
मुख्य बिंदु:
- पहल के बारे में:
- 'रीवाइल्डिंग' पहल का उद्देश्य प्रमुख प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवासों में पुनः स्थापित करना है और इसे भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिये एक मॉडल बनाने का लक्ष्य है।
- इसमें ऐसे हिंसक (predator) और शिकार प्रजातियों (prey species) को पुनः स्थापित किया जा रहा है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं, लेकिन वर्तमान में वनों में अनुपस्थित हैं।
- इनकी अनुपस्थिति में खाद्य शृंखला टूट जाती है और प्राकृतिक जीवनचक्र क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ जाता है।
- उद्देश्य :
- वन्यजीव पारिस्थितिकी में संतुलन बहाल करना।
- विलुप्त एवं संकटग्रस्त प्रजातियों को पुनर्जीवित करना।
- जैवविविधता को बढ़ावा देना।
- कार्यान्वयन :
- वन विभाग ने दलदली हिरण और अन्य प्रजातियों को पुनः लाने के लिये एक चरणबद्ध पुनर्वनीकरण योजना बनाई है, जिसमें घास के मैदानों, नदी के दृश्यों और सहायक आवासों सहित पूरे वन पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- इस मिशन को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), वन अनुसंधान संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का समर्थन प्राप्त है।
- जनजातीय और ग्रामीण समुदायों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, ताकि वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ पारिस्थितिकी पर्यटन और आजीविका के अवसर भी सृजित हो सकें।
- महत्त्व:
- रीवाइल्डिंग जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह कार्बन भंडारण को बढ़ाता है, कार्बन उत्सर्जन को कम करता है और जल तथा मृदा जैसे महत्त्वपूर्ण संसाधनों का संरक्षण करता है, जिससे प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा होती है।
- पारिस्थितिकी लाभों के अलावा, रीवाइल्डिंग वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देता है, स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करता है और प्राकृतिक चक्रों को मानव हस्तक्षेप से अप्रभावित बनाए रखता है।