इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Sep 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश में एमएसएमई नीति-2022 लागू

चर्चा में क्यों?

29 सितंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग ने एमएसएमई नीति-2022 को लागू करने संबंधी शासनादेश जारी कर दिया। यह नीति सितंबर 2027 तक प्रभावी रहेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग में निवेश करने वाले उद्यमियों को दो करोड़ रुपए तक के कोलेटरल फ्री ऋण (यानी बिना गिरवी के ऋण) पर बैंकों की ओर से ली जाने वाली वन टाइम गारंटी फीस राज्य सरकार वहन करेगी।
  • नए सूक्ष्म उद्योग के लिये ऋण पर देय वार्षिक ब्याज का 50 प्रतिशत (अधिकतम 25 लाख रुपए) प्रति इकाई पाँच वर्षों के लिये दिया जाएगा।
  • उद्यमियों को पूंजीगत निवेश पर 10 से 25 फीसदी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमियों को ऋण के ब्याज पर 60 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी।
  • बुंदेलखंड व पूर्वांचल क्षेत्रों में क्रमश: 25, 20 और 15 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। मध्यांचल एवं पश्चिमांचल में क्रमश: 20, 15 और 10 प्रतिशत होगी। अनुसूचित जाति, जनजाति व महिला उद्यमियों को 2 प्रतिशत अतिरिक्त निवेश प्रोत्साहन सहायता प्रदान की जाएगी।
  • निवेश प्रोत्साहन की अधिकतम सीमा 4 करोड़ रुपए प्रति इकाई होगी। पाँच करोड़ रुपए और इससे अधिक की मशीनरी एवं संयंत्र वाली सभी नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कच्चे माल की खरीद पर पाँच वर्ष के लिये मंडी शुल्क से छूट की व्यवस्था मंडी अधिनियम के अनुसार प्रदान की जाएगी। विभाग के औद्योगिक आस्थानों में भूखंडों और शेडों के आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जाएगा।
  • सूक्ष्म इकाइयों के पात्र निवेश के लिये आवेदन अवधि दो वर्ष, लघु उद्योग के लिये तीन वर्ष और मध्यम उद्योग के लिये चार वर्ष होगी। 
  • प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को अधिक-से-अधिक स्रोतों से क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिये स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग पर खर्च के 20 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपए) की प्रतिपूर्ति की जाएगी।
  • तंबाकू उत्पादन, गुटखा, पान मसाला, अल्कोहल, वातयुक्त पेय पदार्थ, कार्बोनेटेड उत्पाद, पटाखों का विनिर्माण, प्लास्टिक कैरीबैग (40 माइक्रॉन से कम), राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर प्रतिबंधित श्रेणी में वर्गीकृत मोटाई के प्लास्टिक बैग और समय-समय पर प्रतिबंधित श्रेणी सूची में श्रेणीकृत उत्पादों के निवेश प्रस्तावों पर यह नीति लागू नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश Switch to English

उत्तर प्रदेश के चार और शहरों में मेट्रो चलाने की तैयारी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के चार और शहरों में मेट्रो चलाने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिये नए सिरे से रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये गए।

प्रमुख बिंदु

  • उत्तर प्रदेश शासन ने राज्य के मेरठ, बरेली, झाँसी व प्रयागराज में मेट्रो चलाने के लिये उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को प्री फिजिविलिटी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। इन शहरों में लाइट अथवा नियो मेट्रो चलाई जाएंगी।
  • बनारस में मेट्रो की जगह रोप-वे की तैयारी है। यहाँ पर रोपवे का नए सिरे से टेंडर होगा। इसके अलावा गोरखपुर में लाइट मेट्रो परियोजना की मंज़ूरी के लिये केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
  • एनसीआर के साथ लखनऊ, कानपुर, आगरा के बाद अब राज्य के चार और बड़े शहरों में मेट्रो के निर्माण की तैयारी और तेज हो गई है। बरेली, झाँसी, प्रयागराज के लिये पूर्व में स्थानीय स्तर पर खुद ही डीपीआर तैयार कराई गई थी, लेकिन अब यह उपयोगी नहीं है।
  • मेरठ, बरेली, झाँसी व प्रयागराज शहरों में मेट्रो की जगह लाइट अथवा नियो मेट्रो की संभावना तलाशी जा रही है। इसलिये शासन ने यहाँ नए सिरे से फिजिविलिटी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। इसी के साथ-साथ डीपीआर भी तैयार कराई जाएगी। इसमें मेरठ को भी शामिल किया गया है।          

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2