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राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 नवंबर, 2025 को राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: वंदे मातरम् को बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा 7 नवंबर, 1875 को अक्षय नवमी के दिन रचित किया गया था।
- यह गीत पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में उनके प्रतिष्ठित उपन्यास आनंदमठ के भाग के रूप में प्रकाशित हुआ।
- अंगीकरण: इसे भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया ; इसके प्रथम दो पद्यांशों को 24 जनवरी,1950 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया।
- भाषा: मूलतः यह संस्कृतनिष्ठ बंगाली में रचित है
- संगीत रचना: इसे रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा संगीतबद्ध किया गया और यह पहली बार वर्ष 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में प्रस्तुत किया गया।
- यह गीत भारत माता को शक्ति, समृद्धि और दिव्यता का प्रतीक बताता है तथा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पीढ़ियों को प्रेरित करता रहा है।
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विशेष अभियान 5.0
चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (DHR) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने विशेष अभियान 5.0 का सफलतापूर्वक समापन किया।
मुख्य बिंदु
- विशेष अभियान 5.0:
- यह भारत सरकार की राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता, कुशल रिकॉर्ड प्रबंधन, तथा PMO और सांसद संदर्भों एवं सार्वजनिक शिकायतों सहित लंबित मामलों का समय पर समाधान सुनिश्चित करना है।
- इस अभियान में DHR और ICMR के साथ-साथ भारत के 27 संस्थानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
- प्रमुख उपलब्धियाँ:
- अभियान के दौरान जन शिकायतों, PG अपीलों और PMO संदर्भों के समाधान में 100% लक्ष्य प्राप्ति।
- सभी संबद्ध कार्यालयों और क्षेत्रीय संस्थानों में व्यापक स्वच्छता अभियान संचालित किया गया।
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राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस 2025
चर्चा में क्यों?
भारत ने 7 नवंबर, 2025 को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया, जिसका उद्देश्य कैंसर की रोकथाम, शीघ्र पहचान और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
मुख्य बिंदु
- पृष्ठभूमि:
- यह दिन मैरी क्यूरी (7 नवंबर, 1867) की जयंती के अवसर पर पड़ता है, जिनके रेडियोधर्मिता पर अभूतपूर्व शोध ने कैंसर के निदान और उपचार में क्रांति ला दी थी।
- कैंसर की रोकथाम तथा स्क्रीनिंग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014 में घोषित किया गया था।
- उद्देश्य और महत्त्व:
- इसका उद्देश्य नागरिकों को जीवन शैली में बदलाव, नियमित स्वास्थ्य जाँच और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप के महत्त्व के बारे में शिक्षित करना है।
- भारत में कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, हर वर्ष 14 लाख से अधिक नए मामले सामने आते हैं, जिनमें से कई का पता उन्नत अवस्था में चलता है।
- थीम 2025:
- यद्यपि भारत का अभियान घरेलू दृष्टिकोण पर केंद्रित है, फिर भी यह वैश्विक विश्व कैंसर दिवस (2025-27) की थीम "यूनाइटेड बाय यूनिक" के अनुरूप है, जो कैंसर उपचार में व्यक्तिगत देखभाल और समावेशिता पर प्रकाश डालती है।
मारिया स्कोलोडोव्स्का-क्यूरी (1867-1934)
- राष्ट्रीयता: पोलैंड में जन्म, बाद में फ्राँसीसी नागरिक।
- प्रमुख खोजें:
- रेडियोधर्मी तत्त्व रेडियम (Ra) और पोलोनियम (Po) की खोज।
- कैंसर उपचार (रेडियोथेरेपी) में रेडियोधर्मिता की अवधारणा और चिकित्सा उपयोग में अग्रणी।
- पुरस्कार और सम्मान:
- नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पहली महिला।
- दो अलग-अलग विज्ञानों (भौतिकी, 1903 और रसायन विज्ञान, 1911) में दो नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली एकमात्र महिला।
- वैज्ञानिक प्रभाव:
- उनके शोध ने कैंसर निदान और उपचार में प्रयुक्त परमाणु चिकित्सा तथा विकिरण चिकित्सा की नींव रखी।
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गूगल का प्रोजेक्ट सनकैचर
चर्चा में क्यों?
प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी गूगल ने प्रोजेक्ट सनकैचर की घोषणा की है, जो अंतरिक्ष में AI-संचालित डेटा केंद्र विकसित करने के लिये एक महत्त्वाकांक्षी अनुसंधान पहल है।
मुख्य बिंदु
- प्रोजेक्ट सनकैचर के बारे में:
- इस परियोजना में सौर ऊर्जा से संचालित उपग्रहों द्वारा अंतरिक्ष में AI डेटा केंद्रों की मेजबानी करने की परिकल्पना की गई है, ताकि स्थलीय सुविधाओं को शीतल करने के लिये उपयोग की जाने वाली पृथ्वी की ऊर्जा और पानी की खपत को कम किया जा सके।
- ये परिक्रमा करने वाले डेटा केंद्र प्रति सेकंड दसियों टेराबिट्स की गति से डेटा स्थानांतरित करने के लिये मुक्त-स्थान ऑप्टिकल लिंक का उपयोग करेंगे, जिससे स्टारलिंक जैसे उपग्रह इंटरनेट तारामंडल के समान वितरित नेटवर्क का निर्माण होगा।
- गूगल अपने अंतरिक्ष-आधारित TPU (टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट) हार्डवेयर का परीक्षण करने के लिये वर्ष 2027 की शुरुआत तक दो प्रोटोटाइप उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
- अंतरिक्ष-आधारित AI केंद्रों की आवश्यकता:
- AI डेटा सेंटर्स को ठंडी करने के लिये भारी मात्रा में विद्युत् और पानी की आवश्यकता होती है, जो वैश्विक स्तर पर AI के बढ़ते उपयोग के कारण पर्यावरणीय चिंता का विषय बन रहा है।
- अंतरिक्ष में सौर पैनल पृथ्वी की तुलना में 8 गुना अधिक कुशल हैं तथा निरंतर और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति प्रदान करते हैं।
- कार्य प्रणाली:
- ये उपग्रह एक समेकित उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग नेटवर्क के रूप में कार्य करने के लिये सौर ऊर्जा और ऑप्टिकल डेटा ट्रांसमिशन पर निर्भर होंगे।
- TPU (Trilium v6e) का विकिरण प्रतिरोध और चरम स्थितियों में प्रदर्शन के लिये परीक्षण किया जा रहा है।
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