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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Sep 2022
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राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित

चर्चा में क्यों?

20 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सहकारिता मंत्री आंजना उदयलाल ने विधेयक सदन में प्रस्तुत किया था।  

प्रमुख बिंदु

  • विधेयक पर चर्चा के बाद सहकारिता मंत्री ने इसके उद्देश्यों व कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि संशोधित विधेयक में सहकारी समितियों के दक्ष कार्यकरण के लिये लंबी सेवा वाले एवं अनुभवी सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दृष्टि से राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 की धारा 28 की उप धारा (7-क) को हटाया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2001 (2002 का अधिनियम सं. 16) की धारा 28 की विद्यमान उप-धारा (7-क) यह उपबंध करती थी कि कोई भी व्यक्ति समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिये पात्र नहीं होगा, यदि वह राजस्थान सहकारी सोसाइटी (संशोधन) अधिनियम, 2016 (2016 का अधिनियम सं. 11) के प्रारंभ के पश्चात् उसी सोसाइटी की समिति के सदस्य के रूप में लगातार दो बार के लिये निर्वाचित या सहयोजित किया जा चुका है, जब तक कि ऐसी समिति के सदस्य के रूप में उसका दूसरा कार्यकाल समाप्त होने की तारीख से पाँच वर्ष की कालावधि व्यतीत नहीं हो चुकी है।
  • इससे पहले विधेयक को सदस्यों द्वारा प्रचारित करने के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियाँ और पेंशन) (संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनिमत से पारित

चर्चा में क्यों?

20 सितंबर, 2022 को राजस्थान विधानसभा ने राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियाँ और पेंशन) (संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

प्रमुख बिंदु

  • संसदीय कार्यमंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया।
  • इस संशोधित विधेयक के अनुसार राजस्थान विधानसभा (अधिकारियों तथा सदस्यों की परिलब्धियाँ और पेंशन) अधिनियम 1956 धारा 4-घ में नई उप-धारा (2) जोड़ी गई है।
  • इस संशोधन के बाद राजस्थान के पूर्व सदस्य रेल, वायुयान, पोत या स्टीमर में किसी भी श्रेणी में विदेश यात्रा करने पर वास्तविक किराए का पुनर्भरण प्राप्त कर सकेंगे, लेकिन ऐसी यात्रा के लिये विधानसभा अध्यक्ष से अनुमोदन आवश्यक होगा। पूर्व में यह सुविधा भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर यात्रा के लिये ही देय थी।
  • इससे पहले विधेयक को सदस्यों द्वारा प्रचारित करने के प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।

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