मध्य प्रदेश Switch to English
एक जिला एक उत्पाद योजना
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश को उसके अनूठे उत्पादों और 'एक ज़िला-एक उत्पाद' (ODOP) पहल के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों की श्रेणी में वर्ष 2024 ODOP पुरस्कारों में रजत पदक से सम्मानित किया।
- यह उपलब्धि 'स्थानीय हाथों से वैश्विक प्लेटफार्मों' के दृष्टिकोण को साकार करने के लिये राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्यों के साथ संरेखित है।
मुख्य बिंदु
मध्य प्रदेश के ODOP उत्पादों के बारे में:
- व्यापक उत्पाद कवरेज: मध्य प्रदेश में ODOP योजना के अंतर्गत भौगोलिक, जैविक, प्राकृतिक अथवा उत्पादन-विशिष्ट विशिष्टता के आधार पर चयनित उत्पादों को शामिल किया गया है।
- यह योजना सभी ज़िलों में क्रियान्वित की जा रही है, जिसमें हरी सब्ज़ियाँ, बाजरा, हस्तशिल्प, हथकरघा तथा स्थानीय औज़ारों जैसे विभिन्न उत्पादों को समर्थन प्रदान किया जा रहा है तथा स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- मध्य प्रदेश अपने ODOP उत्पादों का वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रहा है। राज्य ने एक ज़मीनी स्तर का निर्यातक आधार विकसित किया है और कई स्थानीय उत्पाद अब अंतर्राष्टीय बाज़ारों तक पहुँच बना रहे हैं। प्रमुख उदाहरणों में शामिल हैं:
- बुरहानपुर के केले
- रायसेन का बासमती चावल
- बालाघाट का चिनौर चावल
- ODOP पहल एक जन-संचालित आंदोलन के रूप में विकसित हुई है, जो कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों, FPO, स्टार्टअप और स्थानीय उद्यमियों को सक्रिय रूप से शामिल करती है।
- भौगोलिक संकेत (GI) टैग मान्यता:
- मध्य प्रदेश के उन्नीस उत्पादों को GI टैग प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से सात को ODOP योजना में शामिल किया गया है। प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:
- चंदेरी साड़ी, बाग प्रिंट, माहेश्वरी साड़ी
- कड़कनाथ चिकन, रतलामी सेव, मुरैना गजक
- गोंड चित्रकला, गढ़ा लोहा शिल्प, बेल धातु बर्तन और अन्य।
- मध्य प्रदेश के उन्नीस उत्पादों को GI टैग प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से सात को ODOP योजना में शामिल किया गया है। प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:
एक जिला एक उत्पाद योजना के बारे में
- ODOP पहल का उद्देश्य भारत के प्रत्येक ज़िले से अद्वितीय उत्पादों की पहचान और पोषण करके संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है।
- इस पहल का उद्देश्य समावेशी सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने तथा स्थानीय समुदायों के लिये अवसर उत्पन्न करने हेतु प्रत्येक ज़िले से कम-से-कम एक विशिष्ट उत्पाद का चयन, ब्रांडिंग और प्रचार करना है।
- अब तक ODOP पहल के अंतर्गत 761 ज़िलों से 1,102 उत्पादों की पहचान की गई है, जो देश में शिल्प, उत्पादन और उद्योगों की समृद्ध विविधता को उजागर करते हैं।
- राज्य सरकार उद्यमियों को इन उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्टीय बाज़ारों में पहचान दिलाने हेतु वित्तीय सहायता, समूह विपणन सुविधाएँ तथा अन्य संसाधन प्रदान करती है।
भौगोलिक संकेत (GI) टैग
- परिचय:
- भौगोलिक संकेत (GI) टैग, एक ऐसा नाम या चिह्न है, जिसका उपयोग उन विशेष उत्पादों पर किया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान या मूल से संबंधित होते हैं।
- GI टैग यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत उपयोगकर्त्ताओं या भौगोलिक क्षेत्र में रहने वाले लोगों को ही लोकप्रिय उत्पाद के नाम का उपयोग करने की अनुमति है।
- यह उत्पाद को दूसरों द्वारा नकल या अनुकरण किये जाने से भी बचाता है।
- एक पंजीकृत GI टैग 10 वर्षों के लिये वैध होता है।
- GI पंजीकरण की देखरेख वाणिज्य तथा उद्योग मंत्रालय के अधीन उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग द्वारा की जाती है।
- विधिक ढाँचा:
- यह बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार-संबंधित पहलुओं (TRIPS) पर WTO समझौते द्वारा विनियमित एवं निर्देशित है।