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स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Aug 2022
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राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राजस्थान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि देश की तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने राज्य की ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’ में रुचि दिखाई है। इस योजना के तहत राज्य में 1.35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन दिया जाना है।

प्रमुख बिंदु

  • परियोजना प्रभारी छत्रपाल सिंह ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’के लिये तकनीकी बोली पेश करने वाली चार में से तीन कंपनियां इसमें शामिल हुईं। अब एक उच्च स्तरीय समिति निविदाओं का आकलन कर आगे फैसला करेगी।
  • इस प्रक्रिया का जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीद है ताकि अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस बजटीय घोषणा को अमली जामा पहनाया जा सके।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल के राज्य के बजट में ‘मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना’की घोषणा की थी। इसके तहत राज्य में 1.35 करोड़ ‘चिरंजीवी परिवारों’की महिला मुखिया को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्ट फोन दिया जाना है। फोन में तीन साल तक इंटरनेट के अलावा वाइस कॉल और एसएमएस की सुविधा होगी।
  • मोबाइल फोन, तीन साल के इंटरनेट सहित अन्य मदों को मिलाकर यह परियोजना लगभग 12000 करोड़ रुपए की है। दिये जाने वाले मोबाइल में दो सिम लग सकेंगे और इसके ‘प्राइमरी स्लॉट’में सिम पहले से ही एक्टिवेट कर दिया जाएगा। इसे बदला नहीं जा सकेगा।
  • इस मोबाइल का उपयोग राज्य सरकार ‘चिरंजीवी परिवारों’को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिये करेगी। इसके साथ ही, वह इसके जरिये अपनी लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर सकेगी और उसके पास योजनाओं का लाभ लेने वालों का डाटा भी रहेगा।

झारखंड Switch to English

झारखंड के निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता होगी रद्द

चर्चा में क्यों?

हाल ही में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने यूजीसी गाइडलाइन तथा राज्य सरकार की गाइडलाइन की शर्तों को पूरा नहीं करने वाले निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द करने का आदेश उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को दिया है।

प्रमुख बिंदु

  • राज्यपाल रमेश बैस ने जाँच के क्रम में 15 दिनों में मांगी गई रिपोर्ट नहीं देने वाले निजी विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही जाँच रिपोर्ट के आधार पर उन निजी विश्वविद्यालयों की भी मान्यता रद्द करने को कहा है जो निर्धारित शर्तें पूरी नहीं करते।
  • गौरतलब है कि राज्यपाल ने जून के अंतिम सप्ताह में ही उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दो माह में सभी निजी विश्वविद्यालयों की जाँच के आदेश विभाग को दिये थे।
  • विभाग की ओर से कमेटी के अलावा चार उप-समितियाँ गठित किये जाने तथा जाँच के लिये 16 निजी विश्वविद्यालयों से रिपोर्ट मांगे जाने की जानकारी दी गई। इस पर राज्यपाल ने 15 दिनों में रिपोर्ट नहीं देने वाले विश्वविद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिये।
  • यदि कोई विश्वविद्यालय रिपोर्ट नहीं देता है तथा जाँच में सहयोग नहीं करता है तो विश्वविद्यालय के संचालक से स्पष्टीकरण मांगकर मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जा सकती है।
  • उल्लेखनीय है कि निजी विश्वविद्यालयों को इस शर्त पर मान्यता दी गई थी कि वे दो वर्ष में आवश्यक ज़मीन तथा तीन वर्ष में आधारभूत संरचना का निर्माण कर लेंगे। कई विश्वविद्यालयों ने निर्धारित अवधि के बाद भी इन शर्तों को पूरा नहीं किया। निजी विश्वविद्यालयों के लिये पाँच साल में नैक से एक्रीडिएशन प्राप्त करना तथा प्रत्येक वर्ष आडिट कराना भी अनिवार्य है। इन सभी की जाँच हो रही है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘कृष्ण कुंज’का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

19 अगस्त, 2022 को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में विकसित किये गए ‘कृष्ण कुंज’का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि जन्माष्टमी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना के रूप में पूरे प्रदेश में ‘कृष्ण कुंज’की शुरुआत की गई है, जिसके तहत प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों के 162 चयनित स्थानों पर सांस्कृतिक, धार्मिक और जीवनोपयोगी पेड़ लगाए जाएंगे।
  • प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में न्यूनतम एक एकड़ की भूमि में सांस्कृतिक महत्त्व के जीवन उपयोगी वृक्षों का रोपण करते हुए ‘कृष्ण कुंज’विकसित किया जा रहा है। इसके लिये नगरीय प्रशासन जमीन उपलब्ध कराएगी।
  • इसका उद्देश्य लुप्त हो रहे धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्त्व के वृक्षों का संरक्षण और आने वाली पीढ़ी को इनसे और इनके महत्त्व से परिचित कराना है।
  • ‘कृष्ण कुंज’में धर्मिक महत्त्व के वृक्ष बरगद, पीपल, आँवला, कदंब के साथ-साथ जीवनोपयोगी हर्रा, नीम, आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू, चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल तथा बेल के वृक्षों का रोपण किया जाएगा।

उत्तराखंड Switch to English

मुख्यमंत्री खिलाड़ी उदीयमान योजना

चर्चा में क्यों?

19 अगस्त, 2022 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्या ने मीडिया को बताया कि विभिन्न खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्य के 8 से 14 साल तक के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिये ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी उदीयमान योजना’का शुभारंभ किया जाएगा। बच्चों को 1500 रुपए खेल छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान की जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • खेल मंत्री रेखा आर्या ने यह बात देहरादून में अपने शासकीय आवास पर आगामी 29 अगस्त को होने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस की तैयारियों को लेकर खेल विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श व समीक्षा बैठक के बाद कही।
  • मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी 29 अगस्त को महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन एवं राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर ‘मुख्यमंत्री खिलाड़ी उदीयमान योजना’लॉन्च करेंगे।
  • राज्यभर के करीब चार हज़ार खिलाड़ियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके तहत हर ज़िले के 150 बालक और इतनी ही बालिकाओं को हर महीने 1500 रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी। चयनित लाभार्थियों को तीन महीने की प्रोत्साहन राशि के चेक एक साथ मिलेंगे।

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