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स्टेट पी.सी.एस.

  • 17 Jan 2022
  • 1 min read
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उत्तर प्रदेश Switch to English

एमएनएनआइटी को मिला राष्ट्रीय स्तर का लॉन टेनिस और बास्केटबॉल कोर्ट

चर्चा में क्यों?

16 जनवरी, 2022 को प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) में संस्थान के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने राष्ट्रीय स्तर का सिंथेटिक लॉन टेनिस और बास्केटबॉल कोर्ट का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु

  • इसके साथ ही उन्होंने एक जिम का भी उद्घाटन किया। इनसे जहाँ एक ओर छात्रों को कैंपस में ही लॉन टेनिस और बास्केटबॉल खेलने की सुविधा हो गई है, वहीं दूसरी ओर व्यायाम करने के लिये उच्चस्तरीय जिम भी मिल गई है।
  • इन दोनों कोर्ट और जिम का निर्माण 1987 बैच के द्वारा दिये गए दान से किया गया है। इनके निर्माण में 32 लाख रुपए का खर्च आया।
  • इस कोर्ट की स्थापना से संस्थान में पढ़ रहे और खेल में रुचि रखने वाले छात्रों को खेलने का मौका मिलेगा। इससे शारीरिक फिटनेस तो होगी ही, साथ ही स्ट्रेस मैनेजमेंट में भी मदद मिलेगी।
  • इस अवसर पर 1987 मैकेनिकल बैच के पूर्व छात्र व इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक राज दुबे ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग की रिसर्च स्कॉलर मृदुला भद्रा द्वारा डिज़ाइन किये गए एमएए के लोगो का भी अनावरण किया।

राजस्थान Switch to English

राजकीय कन्या महाविद्यालय रामगढ़ पचवारा का शिलान्यास

चर्चा में क्यों?

15 जनवरी, 2022 को राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने ग्राम पंचायत बिडोली में राजकीय कन्या महाविद्यालय, रामगढ़ पचवारा के भवन का शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु

  • शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मालवीय ने कहा कि पचवारा क्षेत्र के निजामपुरा व सलेमपुरा में एक एनीकट तथा कोलीवाडा व राहुवास में एक बड़े एनीकट का निर्माण करवाया जाएगा। 
  • एनीकट के बनने से आसपास के ग्रामीणों, किसानों व पशुपालकों को आर्थिक सहयोग मिलेगा तथा कृषि उत्पादन भी अधिक होगा।
  • समारोह के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले बजट में पचवारा को फाइव स्टार के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को कन्या महाविद्यालय भवन को 10 माह में तैयार करने के भी निर्देश दिये।

राजस्थान Switch to English

मुख्यमंत्री ने किया गांधी बधिर महाविद्यालय जोधपुर का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

15 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जोधपुर स्थित गांधी बधिर महाविद्यालय का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • 1982 में गठित जोधपुर बधिर कल्याण समिति द्वारा 1982 में ही मूक बधिर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गाँधी बधिर विद्यालय की स्थापना की गई थी। 
  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पहले कार्यकाल में वर्ष 2002 में इस मूक बधिर विद्यालय को सेकेंडरी स्कूल का दर्जा मिला। 2010 में उनके दूसरे कार्यकाल में यह सीनियर सेकेंडरी स्कूल बना।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट में इसे महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी।
  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री द्वारा जयपुर एवं जोधपुर में मूक बधिर महाविद्यालय खोलने की घोषणा से मूक बधिर बच्चों को 12वीं से आगे की पढ़ाई में आसानी होगी। 
  • उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन साल में विशेष योग्यजनों के कल्याण के लिये विभिन्न योजनाएँ एवं कार्यक्रम लागू किये हैं। भर्तियों में विशेष योग्यजनों का आरक्षण बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा विशेष योग्यजनों को स्कूटी वितरण भी शुरू किया गया है। 
  • महाविद्यालय संचालन समिति के मुख्य सलाहकार एवं पूर्व न्यायाधीश एलएन माथुर ने कहा कि इस महाविद्यालय में सांकेतिक भाषा के जानकार विशेष शिक्षकों, हियरिंग एड एवं स्मार्ट बोर्ड की मदद से मूक बधिर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

भोपाल के नेशनल अस्पताल में विश्व की आधुनिक कैथ लैब का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

16 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के नेशनल अस्पताल में विश्व की आधुनिक और मध्य भारत की पहली आधुनिक कैथ लैब का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल अस्पताल में हृदय रोगियों के लिये यह कैथ लेब शुरू की गई है, जिससे रोगी का एकदम सही उपचार हो सकेगा। नेशनल अस्पताल इस नई कैथ लैब के मार्फत मध्य भारत में अपने सेवा-भाव से नई पहचान स्थापित करेगा।
  • उन्होंने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों को सेवाभावी बनना चाहिये और व्यावसायिक मानसिकता से बचना चाहिये। समर्पण भाव से की गई रोगियों की सेवा से बड़ा कोई महान प्रतिफल हो ही नहीं सकता। 
  • मुख्यमंत्री ने प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार के लिये बड़े चिकित्सा संस्थानों को आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं के लिये सुनियोजित पॉलिसी लाने पर विचार कर रही है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा में 75% नौकरी आरक्षण कानून लागू

चर्चा में क्यों?

16 जनवरी, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्य में 75 प्रतिशत नौकरी आरक्षण कानून 15 जनवरी से लागू कर दिया गया है। प्रदेश में स्थापित सभी निजी क्षेत्र की कंपनियों, संस्थानों, ट्रस्टों, सोसाइटियों और उद्योगों में नौकरियों के लिये अब राज्य के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • इस व्यवस्था के लागू होने से प्रदेश के लाखों युवाओं के लिये निजी क्षेत्र में रोज़गार के नए रास्ते खुलेंगे। 
  • इस संबंध में श्रम विभाग द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर के साथ एक समर्पित पोर्टल भी बनाया गया है। कंपनियों को पोर्टल पर अपनी रिक्ति दर्शानी होगी, जिस पर सरकार लगातार नज़र रखेगी।
  • ‘हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोज़गार अधिनियम, 2020’, जो स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है, निजी क्षेत्र की कंपनियों, समितियों, ट्रस्टों, सीमित देयता भागीदारी फर्मों, साझेदारी फर्मों और 10 या अधिक व्यक्तियों को रोज़गार देने वाले किसी भी व्यक्ति पर लागू होता है, जो राज्य में निर्माण, व्यवसाय करने या कोई सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से वेतन, मज़दूरी या अन्य पारिश्रमिक का भुगतान करते हैं।
  • इन सभी नियोक्ताओं के लिये अब यह अनिवार्य है कि वे अपने सभी कर्मचारियों को नामित एचयूएम पोर्टल पर सकल मासिक वेतन या पारिश्रमिक 30,000 रुपए से अधिक न दें।
  • राज्य सरकार द्वारा जारी हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों के रोज़गार नियम, 2021 ने राज्य में निजी नियोक्ताओं के लिये 75 प्रतिशत आरक्षण कानून के अनुपालन के संबंध में एक त्रैमासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया है। 
  • स्थानीय उम्मीदवारों की शिकायतों के निवारण और कानून के तहत नियोक्ताओं को छूट प्रदान करने के लिये राज्य सरकार को अधिकृत अधिकारियों हेतु नियमों में समय-सीमा भी निर्धारित की गई है।

झारखंड Switch to English

बीएसएल में अत्याधुनिक पर्यावरण प्रयोगशाला का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

15 जनवरी, 2022 को बोकारो स्टील प्लांट के अधिशासी निदेशक (संकार्य), अतनु भौमिक ने बोकारो स्टील प्लांट की नई पुनर्निर्मित हाईटेक पर्यावरण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। 

प्रमुख बिंदु

  • पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार बनी यह प्रयोगशाला नवीनतम तकनीकों और संयंत्र की विभिन्न इकाइयों की पर्यावरणीय पैरामीटर निगरानी के लिये आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें एफ्लुएंट पैरामीटर मॉनिटरिंग, स्टैक उत्सर्जन निगरानी, कार्य क्षेत्र वायु गुणवत्ता निगरानी और शोर निगरानी शामिल हैं। 
  • प्रयोगशाला टाउनशिप और बोकारो जनरल अस्पताल की पर्यावरण निगरानी आवश्यकताओं को भी पूरा करेगी। प्रयोगशाला में पीने के पानी के विभिन्न मापदंडों की जाँच और निगरानी करने की सुविधा है।
  • इसके साथ ही यह अत्याधुनिक तकनीकों, जैसे- स्पेक्ट्रोफोटोमीटर, स्टैक एमिशन किट, गैस एनालाइजर, बीओडी इनक्यूबेटर, वर्क-ज़ोन वायु गुणवत्ता मॉनिटर, पीएच मीटर, टीडीएस मीटर, नॉइस मॉनिटर और हैक निर्मित मल्टी-पैरामीटर मापने के उपकरण से लैस है।
  • इसके अलावा प्रयोगशाला 5एस और आईएसओ 14001 प्रमाणित है। इस प्रयोगशाला का नवीनीकरण महाप्रबंधक (पर्यावरण नियंत्रण) एन. पी. श्रीवास्तव के नेतृत्व में पर्यावरण नियंत्रण विभाग की टीम द्वारा किया गया है।

झारखंड Switch to English

गोला-ओरमांझी एक्सप्रेस-वे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी एस. के. मिश्रा ने बताया कि बोकारो से गोला-ओरमांझी एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिये जल्द ही एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • मिश्रा ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपनी सारी प्रक्रिया पूरी कर भारत सरकार को भेज दी है। जल्द ही इसके निर्माण का टेंडर नई दिल्ली स्थित एनएचएआई मुख्यालय द्वारा जारी किया जाएगा। 
  • बोकारो से गोला और गोला से ओरमांझी तक सड़क बनाने में करीब 1700 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दोनों खंडों के लिये अलग-अलग पैकेज में निविदा जारी की जाएगी। 
  • यह राज्य का पहला वास्तविक एक्सप्रेस-वे होगा, जो वर्तमान ओरमांझी-सिकीदरी-गोला, बोकारो रोड के आसपास होगा, लेकिन पूरी तरह से अलग होगा। इस पर ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत काम किया जा रहा है।
  • इस महत्त्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिये एनएचएआई ने कार्ययोजना तैयार की है। ओरमांझी, राँची में पुडांग टोल प्लाजा से करीब एक किमी पहले यह सड़क सिकीदरी-गोला की ओर निकलकर सिकीदरी रोड से भी जुड़ेगी।
  • इस सड़क का निर्माण बोकारो में जैनमोर के पास से किया जाएगा, जो गोला की ओर जाएगी। रोड में सर्विस लेन भी बनेगी। इस सड़क पर बड़े मालवाहक वाहनों के चालकों के लिये विश्राम गृह भी बनाए जाएंगे। एक्सप्रेस-वे के बनने से भारी वाहन चालकों के साथ-साथ निजी वाहन लेने वालों को भी बेहतर सड़क पर चलने का विकल्प मिलेगा।
  • इससे ओरमांझी, सिकीदरी-गोला-बोकारो मार्ग पर वाहनों का बोझ भी कम होगा तथा लोग टोल देकर अच्छी सड़क पर यात्रा कर सकेंगे। 

छत्तीसगढ़ Switch to English

छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन

चर्चा में क्यों?

15 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने राज्य में आगामी पाँच वर्षों में 12 से 15 लाख नए रोज़गार के अवसरों का सृजन करने के लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता वाले छत्तीसगढ़ रोज़गार मिशन के गठन का निर्णय लिया है। 

प्रमुख बिंदु

  • राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन इसके उपाध्यक्ष तथा प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी होंगे। लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी इसके सदस्य होंगे।
  • मिशन के अन्य सदस्य संचालक उद्योग, संचालक तकनीकी शिक्षा, रोज़गार एवं प्रशिक्षण, संचालक मत्स्य पालन, प्रबंध संचालक ग्रामोद्योग, हस्त शिल्प विकास बोर्ड, खादी बोर्ड, प्रबंध संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी गोधन न्याय मिशन होंगे।
  • मिशन के माध्यम से नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रमों के साथ उक्त नवीन कार्यक्रमों का समन्वय स्थापित किया जाएगा। साथ ही राज्य में स्थित आईआईटी., ट्रिपल आई.टी. आई.आई.एम., एन.आई.टी. जैसे अन्य संस्थानों की विशेषज्ञता का रोज़गार के नए अवसरों के सृजन में लाभ लिया जाएगा।
  • राज्य में विगत 3 वर्षों में सभी ज़िलों में रोज़गार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक अभिनव कार्यक्रम आरंभ किये गए हैं, जिनसे बड़ी संख्या में रोज़गार के स्थाई अवसरों का सृजन हुआ है तथा लोगों की आय एवं जीवन स्तर में सुधार हुआ है। 
  • छत्तीसगढ़ हर्बल्स की पहल के साथ ही गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड, मछलीपालन एवं लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा देने, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क, मिलेट मिशन तथा वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में रोज़गार के नए अवसरों के सृजन की असीमित संभावनाएँ हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

15 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने पंचायत विभाग द्वारा तैयार किये गए ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल प्रमुख रूप से चार मॉड्यूल पर कार्य करने के लिये बनाया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने वेब पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल प्रदेश को ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में डिजिटली सशक्त बनाने में कारगर साबित होगा। इससे प्रदेश राजनीतिक-सामाजिक सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ेगा। साथ ही पंचायती राज के उद्देश्यों को भी प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 11 हज़ार से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। ऐसे में पंचायत विभाग द्वारा तैयार ई-पंचायत छत्तीसगढ़ वेब पोर्टल राज्य एवं केन्द्र शासन की योजनाओं के पारदर्शिता के साथ बेहतर क्रियान्वयन, मूल्यांकन, मॉनिटरिंग और प्रशिक्षण के लिये प्लेटफॉर्म की तरह काम करेगा।
  • इस पोर्टल के माध्यम से ही पंचायत विभाग द्वारा लर्निंग वीडियोज की ब्रॉडकॉस्टिंग, ग्राम पंचायत सचिवों के वेतन भुगतान, सर्वे एवं डाटा पुनरीक्षण के साथ ही विभागीय आदेश, अधिसूचना व अधिनियमों से संबंधित दस्तावेज़ों के संकलन और संधारण के लिये चार मॉड्यूल उपलब्ध होंगे।
  • पोर्टल के माध्यम से पंचायत विभाग के एचआरएमएस (Human Resource Management System) सॉफ्टवेयर द्वारा प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में कार्यरत् पंचायत सचिवों के वेतन का ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। एलएमएस (Learning Management System) द्वारा राज्य एवं केंद्र शासन द्वारा जारी पंचायतीराज संस्थाओं से संबंधित लर्निंग वीडियोज की ब्रॉडकॉस्टिंग की जाएगी।
  • पंचायत संचालनालय द्वारा विभागीय आदेशों, अधिसूचनाओं एवं अधिनियमों से संबंधित दस्तावेज़ों के संकलन के लिये केएमएस (Knowledge Management System) तथा ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा के आयोजन के पहले 100 बिंदुओं पर आधारभूत जानकारियों के संकलन के लिये सर्वे (Survey) मॉड्यूल भी विकसित किया गया है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

जांजगीर-चांपा ज़िला सीएमआर में चावल जमा कराने में प्रदेश में अव्वल

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मार्कफेड के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सीएमआर में चावल जमा कराने के मामले में जांजगीर-चांपा ज़िला प्रदेश में अव्वल है। ज़िले में सीएमआर के अंतर्गत नान सेंट्रल-नॉन स्टेट और एफसीआई में कुल 1,01,277 मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है। 

प्रमुख बिंदु

  • जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा ज़िले में उपार्जन केंद्रों से 285 राइस मिलरों द्वारा धान का उठाव किया गया है। इन मिलरों को 3,96,313 मीट्रिक टन धान का डीओ जारी किया गया है। साथ ही 1,20,163 मीट्रिक टन के लिये परिवहन आदेश जारी किये गए हैं। 
  • जांजगीर-चांपा ज़िले में नॉन सेंट्रल में 10515 मीट्रिक टन, नॉन स्टेट में 9375 मीट्रिक टन, एफसीआई में 80,785 मीट्रिक टन, इस प्रकार कुल 1,01,277 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है।
  • इसी प्रकार धमतरी ज़िला सीएमआर में चावल जमा करने के मामले में दूसरे स्थान पर है। धमतरी ज़िले में नॉन सेंट्रल में 16,722 मीट्रिक टन, नॉन स्टेट में 15,868 मीट्रिक टन तथा एफसीआई में 49,414 मीट्रिक टन, इस प्रकार कुल 82 हज़ार 03 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है। 
  • रायपुर ज़िला सीएमआर में चावल जमा कराने के मामले में तीसरे स्थान पर है। रायपुर ज़िले में नॉन सेंट्रल में 2885 मीट्रिक टन, नॉन स्टेट में 2738 मीट्रिक टन एवं एफसीआई में 75373 मीट्रिक टन, इस प्रकार कुल 80,996 मीट्रिक टन चावल जमा कराया गया है।

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