उत्तर प्रदेश Switch to English
गढ़मुक्तेश्वर मेले का आयोजन मिनी कुंभ के रूप में
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि ऐतिहासिक गढ़मुक्तेश्वर मेले का आयोजन इस वर्ष 'मिनी कुंभ' के रूप में किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राज्य की गहरी आस्था, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक यह मेला 30 अक्तूबर से 5 नवंबर, 2025 तक आयोजित किया जाएगा तथा इसमें लगभग 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
- कार्तिक पूर्णिमा पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह मेला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे महत्त्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है।
- गढ़मुक्तेश्वर का धार्मिक और पौराणिक महत्त्व बहुत अधिक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद, युधिष्ठिर, अर्जुन और भगवान कृष्ण ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिये यहाँ गंगा में स्नान किया था।
- यह भी माना जाता है कि भगवान परशुराम ने इस स्थल पर पवित्र मुक्तेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना की थी।
- स्कंद पुराण और महाभारत में गढ़मुक्तेश्वर को एक पूजनीय तीर्थस्थल बताया गया है, जहाँ गंगा में स्नान करने तथा अपने पूर्वजों के लिये प्रार्थना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- वार्षिक कार्तिक पूर्णिमा मेला न केवल राज्य की धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि इसकी जीवंत सांस्कृतिक एवं लोक परंपराओं को भी प्रतिबिंबित करता है, जो प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं को बृजघाट और मुक्तेश्वर घाट पर आकर्षित करता है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
पूर्वी तिमोर आसियान का 11वाँ सदस्य बना
चर्चा में क्यों?
पूर्वी तिमोर (तिमोर-लेस्ते) 14 वर्ष की प्रतीक्षा के बाद आधिकारिक रूप से दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) का 11वाँ सदस्य बन गया है।
- औपचारिक रूप से इसका समावेश कुआलालंपुर में एक समारोह में हुआ, जो 1990 के दशक के बाद आसियान का पहला विस्तार है।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- पूर्वी तिमोर ने वर्ष 2011 में आसियान की सदस्यता के लिये आवेदन किया था, उसे वर्ष 2022 में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया तथा 14 वर्षों के बाद वर्ष 2025 में उसे पूर्ण सदस्यता प्राप्त हुई।
- इससे पहले आसियान में शामिल होने वाला अंतिम देश 1999 में कंबोडिया था।
- प्रभाव:
- सदस्यता से पूर्वी तिमोर को आसियान के मुक्त व्यापार समझौतों में भाग लेने, निवेश के अवसर प्राप्त करने और व्यापक क्षेत्रीय बाज़ार में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने में मदद मिलेगी।
- पूर्वी तिमोर (तिमोर-लेस्ते)
- पूर्वी तिमोर जिसे तिमोर-लेस्ते के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण-पूर्व में तिमोर सागर, उत्तर में वेटार जलडमरूमध्य, उत्तर-पश्चिम में ओम्बाई जलडमरूमध्य और दक्षिण-पश्चिम में पश्चिमी तिमोर (इंडोनेशियाई प्रांत पूर्वी नुसा तेंगारा का हिस्सा) से घिरा है।
- पूर्वी तिमोर में तिमोर द्वीप का पूर्वी आधा हिस्सा शामिल है, जिसका पश्चिमी आधा हिस्सा इंडोनेशिया का है।
- पूर्वी तिमोर, जिसे 18वीं शताब्दी में पुर्तगाल ने उपनिवेश बनाया था, पुर्तगाल के शासन के बाद वर्ष 1975 में इंडोनेशिया द्वारा कब्ज़ा कर लिया गया, जिसके कारण यहाँ स्वतंत्रता के लिये एक लंबा संघर्ष चला।
- वर्ष 1999 में संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में हुए जनमत संग्रह में, पूर्वी तिमोरियों ने स्वतंत्रता के लिये मतदान किया, जिसके कारण शांति सेना के हस्तक्षेप तक हिंसा जारी रही और वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा देश को आधिकारिक रूप से मान्यता दी गई।
आसियान
- स्थापना: आसियान घोषणा (बैंकॉक घोषणा) पर हस्ताक्षर द्वारा (1967)
- संस्थापक सदस्य: इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड
- सचिवालय: इंडोनेशिया, जकार्ता
- अध्यक्षता: वार्षिक रूप से बदलती रहती है (वर्तमान में मलेशिया)
- आसियान शिखर सम्मेलन बैठक: वर्ष में दो बार आयोजित
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