हरियाणा Switch to English
हरियाणा में साबर डेयरी संयंत्र का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के IMT रोहतक में साबर डेयरी संयंत्र का उद्घाटन किया।
- उन्होंने इसे भारत के तेज़ी से बढ़ते डेयरी उद्योग और किसान कल्याण तथा सहकारी सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल बताया।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- यह संयंत्र दही, छाछ और योगर्ट के लिये भारत का सबसे बड़ा सुविधा केंद्र है, जिसे साबर डेयरी (अमूल समूह) द्वारा 350 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया गया है।
- यह दिल्ली-NCR और उत्तरी भारत को सेवा प्रदान करेगा, जिससे हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र तथा बिहार के दुग्ध उत्पादकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
- गुजरात का साबर डेयरी द्वारा संचालित सहकारी मॉडल, जिसमें भ्रूण स्थानांतरण, लिंग निर्धारण, बायोगैस, मधुमक्खी पालन और जैविक खेती में प्रगति हुई है, उसे हरियाणा में कृषक आय तथा सतत् विकास बढ़ाने के लिये दोहराया जाएगा।
- हरियाणा का प्रदर्शन:
- हरियाणा दुग्ध उत्पादन में भारत में तीसरे स्थान पर है, जिसका वार्षिक उत्पादन लगभग 122.2 लाख टन है तथा प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1,105 ग्राम प्रतिदिन है।
- ग्रामीण भारत का आधार:
- डेयरी उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6% से अधिक का योगदान देता है और 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों की आजीविका का आधार है। कृषि आय का लगभग 12–14% डेयरी क्षेत्र से आता है।
- वैश्विक रैंकिंग:
- भारत वर्ष 1998 से विश्व का शीर्ष दुग्ध उत्पादक देश रहा है और अब वैश्विक दुग्ध उत्पादन का 25% उत्पादन करता है।
- वित्तीय वर्ष 2014–15 से 2023–24 के बीच, दुग्ध उत्पादन 63.56% बढ़कर 146.3 मिलियन टन से 239.2 मिलियन टन हो गया। वित्तीय वर्ष 1950–51 में भारत में प्रतिवर्ष 21 मिलियन टन से भी कम दुग्ध उत्पादन होता था।
- भविष्य की योजना:
- श्वेत क्रांति 2.0 के तहत, देश में 75,000 नई डेयरी समितियाँ और 46,000 पुनर्जीवित सहकारी समितियाँ स्थापित की जाएंगी।
- भारत में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता को वित्तीय वर्ष 2028–29 तक 660 लाख लीटर प्रतिदिन से बढ़ाकर 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन किया जाएगा।
- सरकारी पहलें:
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन: देशी नस्लों का आनुवंशिक सुधार और संरक्षण।
- राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम: प्रजनन कवरेज और उत्पादकता का विस्तार।
- पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF): आधुनिक अवसंरचना और प्रसंस्करण समर्थन।
- राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP): फुट-एंड-माउथ और ब्रुसेलोसिस रोगों का उन्मूलन।
- तीन नई राष्ट्रीय सहकारी समितियाँ: पशु चारा, खाद प्रबंधन और पशु अवशेषों के उपयोग के लिये चक्रीय अर्थव्यवस्था।