राजस्थान Switch to English
सांगानेरी प्रिंटेड कंबल कवर
चर्चा में क्यों?
यात्री सुविधा बढ़ाने और भारतीय पारंपरिक लिये को बढ़ावा देने के प्रयास में, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेन कंबलों के लिये सांगानेरी प्रिंटेड कवर पेश करने वाली एक पायलट परियोजना शुरू की।
- इस कंबल परियोजना के साथ-साथ, मंत्री ने उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन के 65 छोटे और मध्यम आकार के स्टेशनों पर अपग्रेडेड प्लेटफॉर्म और यात्री सुविधाओं का भी उद्घाटन किया, जिसमें कुल निवेश ₹100 करोड़ है।
मुख्य बिंदु
- परिचय: यह पायलट पहल जयपुर के खतिपुरा रेलवे स्टेशन पर शुरू की गई और यह भारतीय रेलवे में समग्र यात्री अनुभव सुधारने की दिशा में एक कदम है।
- कार्यान्वयन: परियोजना को प्रारंभ में जयपुर-असरावा सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12981) की AC कोचों में पायलट आधार पर लागू किया जाएगा।
- उद्देश्य: पहल का उद्देश्य धुलाई योग्य प्रिंटेड कंबलों के माध्यम से स्वच्छता और यात्री संतुष्टि को बढ़ाना है, जो घरेलू उपयोग वाले मॉडलों के समान हैं।
- डिज़ाइन विचार: सांगानेरी प्रिंटेड कंबलों को टिकाऊपन, धुलाई में आसानी और लंबे समय तक प्रिंट टिकने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- सांस्कृतिक समाकलन: सांगानेरी प्रिंट के अतिरिक्त, रेलवे विभिन्न राज्यों के पारंपरिक वस्त्र डिज़ाइनों को प्रदर्शित करने की योजना बना रहा है, जिससे रेलवे सेवाओं के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
सांगानेरी-प्रिंट
- उत्पत्ति और परंपरा: सांगानेरी राजस्थान के जयपुर ज़िले का एक छोटा गाँव है, जो सदियों पुरानी हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग की परंपरा के लिये प्रसिद्ध है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
- डिज़ाइन विशेषताएँ: इस लिये की पहचान जटिल पुष्प आकृतियों और बारीक विवरणों से होती है, जो गहरी कलात्मक विरासत को दर्शाती हैं।
- प्रेरणा और सौंदर्यशास्त्र: सांगानेरी प्रिंट प्रकृति और मुगल वास्तुकला से प्रेरित होते हैं, जिससे सुंदर, सुसंगत एवं समृद्ध पैटर्न वाले डिज़ाइन तैयार होते हैं, जिन्हें प्राकृतिक रंगों के साथ बनाया जाता है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
संयुक्त राष्ट्र सैनिक योगदानकर्त्ता देशों के (UNTCC) प्रमुखों का सम्मेलन 2025
चर्चा में क्यों?
संयुक्त राष्ट्र सैनिक योगदानकर्त्ता देशों के (UNTCC) प्रमुखों का सम्मेलन 2025, जिसे भारतीय सेना ने 14 से 16 अक्तूबर, 2025 तक आयोजित किया, में 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य नेताओं को एकत्रित किया गया, जो वैश्विक संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मुख्य बिंदु
- परिचय: इस सम्मेलन में 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शामिल हैं, जिनमें अल्जीरिया, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्राज़ील, मिस्र, इथियोपिया, फ्राँस, घाना, भारत, इटली, केन्या, मलेशिया, नेपाल, नाइजीरिया, पोलैंड, रवांडा, श्रीलंका, तंज़ानिया, थाईलैंड, युगांडा, उरुग्वे और वियतनाम शामिल हैं।
- इस कार्यक्रम में रक्षा प्रदर्शनियाँ भी शामिल हैं, जिनका उद्देश्य शांति स्थापना अभियानों के लिये साझा क्षमताओं का निर्माण करना है।
- उद्देश्य: UNTCC एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य परिचालनिक चुनौतियों, विकसित हो रहे खतरों, अंतरसंचालन क्षमता, निर्णय-निर्माण में समावेशिता और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना को सुदृढ़ करने में प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण की भूमिका पर चर्चा करना है।
- भारत, जो संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में सबसे बड़े योगदानकर्त्ताओं में से एक है, ने भविष्य के शांति स्थापना अभियानों के लिये सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा, ज्ञान साझा करने और आपसी समझ विकसित करने के उद्देश्य से इस उच्च स्तरीय मंच का आयोजन किया है।
- प्रौद्योगिकी प्रदर्शन: प्रमुखों ने भारतीय सेना द्वारा एकीकृत, आधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन देखा, जिसमें विभिन्न स्वदेशी सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया गया।
- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के लिये 4C सूत्र: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति स्थापना में उभरती चुनौतियों का समाधान करने हेतु परामर्श (Consultation), सहयोग (Cooperation), समन्वय (Coordination) और क्षमता निर्माण (Capacity Building) के मार्गदर्शक सिद्धांत का प्रस्ताव रखा, जिसे 4C सूत्र कहा गया।
- उन्होंने यह भी बताया कि नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर UN पीसकीपिंग ने 90 से अधिक देशों के प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया है, जिससे शांति सैनिकों के बीच अंतरसंचालन क्षमता (Interoperability) के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है।
संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना (UNPK)
- पहला UNPK मिशन, संयुक्त राष्ट्र युद्धविराम पर्यवेक्षण संगठन (UNTSO), मई 1948 में स्थापित किया गया था ताकि इज़रायल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच आर्मिस्टिस समझौते की निगरानी एक छोटे सैन्य पर्यवेक्षक दल के माध्यम से की जा सके।
- उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा युद्धविराम और शांति समझौतों का समर्थन करने के लिये तैनात किया जाता है और इन्हें ब्लू हेलमेट्स कहा जाता है क्योंकि हल्का नीला रंग UN ध्वज पर शांति का प्रतीक है।
- वर्तमान में, 119 देशों के 61,000 से अधिक सैन्य और पुलिस शांति सैनिक और 7,000 से अधिक नागरिक कर्मी 11 संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशनों में सेवा प्रदान कर रहे हैं।