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हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 15 Jul 2025
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नूह में इंटरनेट और SMS सेवाएँ निलंबित

चर्चा में क्यों?

हरियाणा सरकार ने सार्वजनिक शांति बनाए रखने और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिये सतर्कता के तौर पर नूह ज़िले में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवाओं को 24 घंटे के लिये निलंबित किया।

मुख्य बिंदु

  • आदेश के बारे में:
    • हरियाणा गृह विभाग ने दूरसंचार अधिनियम, 2023 की धारा 20 तथा दूरसंचार (सेवाओं का अस्थायी निलंबन) नियम, 2024 के नियम 3 के तहत निलंबन निर्देश जारी किया।
    • इस आदेश के अंतर्गत मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ (2G/3G/4G/5G/CDMA/GPRS), बल्क SMS सेवाएँ (बैंकिंग और मोबाइल रीचार्ज से संबंधित सेवाओं को छोड़कर) तथा डोंगल-आधारित इंटरनेट सेवाएँ निलंबित कर दी गईं।
    • जनता को होने वाले व्यवधान को न्यूनतम रखने के लिये वॉयस कॉल, ब्रॉडबैंड इंटरनेट तथा कॉर्पोरेट लीज़ लाइन जैसी आवश्यक संचार सेवाएँ चालू रहीं।
  •  दूरसंचार (सेवाओं का अस्थायी निलंबन) नियम, 2024:
    • अनिवार्य प्रकाशन: इंटरनेट शटडाउन सहित दूरसंचार सेवाओं को निलंबित करने वाले सभी आदेशों को स्पष्ट कारणों, भौगोलिक क्षेत्र और अवधि के साथ प्रकाशित किया जाना चाहिये।
      • अधिकतम अवधि: निलंबन अवधि 15 दिन से अधिक नहीं हो सकती।
    • सक्षम प्राधिकारी: निलंबन आदेश केवल "सक्षम प्राधिकारी" द्वारा ही जारी किया जा सकता है,जो केंद्र सरकार के लिये केंद्रीय गृह सचिव और राज्यों के लिये राज्य गृह सचिव है।
    • समीक्षा तंत्र: किसी आदेश के जारी होने के 5 दिनों के भीतर उसकी वैधता की समीक्षा हेतु समीक्षा समिति की बैठक आवश्यक है।
      • केंद्रीय समीक्षा समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव करते हैं, जबकि राज्य समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करते हैं।
    • नोडल अधिकारी: लाइसेंस प्राप्त सेवा प्रदाताओं को निलंबन आदेश प्राप्त करने और उन्हें लागू करने के लिये प्रत्येक सेवा क्षेत्र में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा।
    • सुरक्षित संचार: केवल पुलिस अधीक्षक या उससे उच्च स्तर के अधिकारी ही इन आदेशों को लिखित रूप में या सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संप्रेषित कर सकते हैं।

नोट: अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ (2020) केस में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इंटरनेट एक्सेस पर सरकार द्वारा लगाया गया कोई भी प्रतिबंध अस्थायी, सीमित, वैध, आवश्यक तथा आनुपातिक होना चाहिये।


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अशीम कुमार घोष हरियाणा के राज्यपाल नियुक्त

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रपति ने प्रोफेसर अशीम कुमार घोष को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया। इसके अतिरिक्त पुसापति अशोक गजपति राजू को गोवा का राज्यपाल और कवींद्र गुप्ता को लद्दाख का उपराज्यपाल भी नियुक्त किया गया।

मुख्य बिंदु

राज्यपाल के संवैधानिक कार्य:

  • राज्यपाल राज्य के मुख्य कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य करता है। वह नाममात्र प्राधिकारी के रूप में तथा केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में भी कार्य करता है।
    • अनुच्छेद 154 के अनुसार, राज्य सरकार के सभी कार्यकारी कार्य राज्यपाल के नाम से किये जाते हैं और अनुच्छेद 166 के तहत, राज्यपाल द्वारा व्यवसाय के लेन-देन के नियम तैयार किये जाते हैं।
    • इसके अतिरिक्त, राज्यपाल मुख्यमंत्री और उनकी सलाह पर मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करता है।
  • विधायी भूमिका और विधेयकों पर स्वीकृति: राज्य विधानमंडल और संघ के बीच संवैधानिक कड़ी के रूप में, राज्यपाल अनुच्छेद 174 के तहत राज्य विधानसभा को आहूत करता है, स्थगित करता है और भंग करता है। 
    • किसी विधेयक को कानून बनने के लिये राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त करनी होती है, जैसा कि संघ स्तर पर राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त होती है या इसे अनुच्छेद 200 के तहत राष्ट्रपति के विचार हेतु आरक्षित किया जा सकता है।
    • राज्य के वित्तीय शासन में राज्यपाल की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है, क्योंकि अनुच्छेद 207 के तहत उनकी सिफारिश के बिना विधानसभा में कोई भी धन विधेयक प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
      • वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि राज्य की वित्तीय व्यवस्था, संवैधानिक तथा राजकोषीय ज़िम्मेदारियों के अनुरूप हो।

त्रिशंकु विधानसभाओं में विवेकाधीन शक्तियाँ और भूमिका: 

  • राज्यपाल कुछ स्थितियों में विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करते हैं, जैसे अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करना या त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में किसी पार्टी को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित करना। 
  • वे उन मामलों पर भी निर्णय लेते हैं जहाँ संविधान उन्हें मंत्रिपरिषद की सलाह से स्वतंत्र होकर विवेकाधिकार प्रदान करता है। 

नियुक्तियों और प्रशासन में भूमिका: 

  • राज्यपाल अनुच्छेद 165 और 316 के तहत महाधिवक्ता तथा राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों सहित प्रमुख पदाधिकारियों की नियुक्ति करते हैं। 
    • वे राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति भी करते हैं, जो हाल के वर्षों में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। 
    • यह कार्य राज्य के सुचारू प्रशासन को सुनिश्चित करता है, परंतु इसे राज्य सरकार के परामर्श से किया जाना चाहिये।

राष्ट्रपति शासन लागू करने में भूमिका: 

  • अनुच्छेद 356 के तहत, यदि राज्यपाल का मानना है कि किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है, तो वे राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।

न्यायिक शक्तियाँ

  • राज्यपाल को संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत क्षमादान की शक्तियाँ प्राप्त हैं, जिसके तहत वे राज्य के कानूनों के विरुद्ध अपराधों के लिये क्षमादान, विलंबन, राहत या सज़ा में छूट दे सकते हैं। 
    • हालाँकि, राष्ट्रपति के समान अधिकारों की तुलना में राज्यपाल की यह शक्ति सीमित है, क्योंकि वे मृत्युदंड अथवा कोर्ट मार्शल से संबंधित मामलों में क्षमादान नहीं दे सकते।

अनुसूचित क्षेत्रों एवं जनजातीय कल्याण हेतु विशेष ज़िम्मेदारियाँ:

  • असम, मेघालय, त्रिपुरा तथा मिज़ोरम जैसे राज्यों में राज्यपाल को अनुसूचित क्षेत्रों पर विशेष शक्तियाँ प्राप्त हैं।
    • इन राज्यों का प्रशासन संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत स्वायत्त ज़िलों के रूप में किया जाता है।
    • राज्यपाल स्वदेशी अधिकारों की रक्षा तथा कल्याणकारी नीतियों को बढ़ावा देने के लिये जनजातीय प्रशासन में हस्तक्षेप कर सकते हैं।

हरियाणा के राज्यपाल

हरियाणा के राज्यपाल

कार्यकाल

धर्मवीर

1 नवंबर 1966 - 14 सितंबर 1967

बीरेंद्र नारायण चक्रवर्ती

15 सितंबर 1967 - 26 मार्च 1976

न्यायमूर्ति रणजीत सिंह नरूला

27 मार्च 1976 -13 अगस्त 1976

जय सुखलाल हाथी

14 अगस्त 1976 - 23 सितंबर 1977

सरदार हरचरण सिंह बराड़ 

24 सितंबर 1977 – 9 दिसंबर 1979

न्यायमूर्ति सुरजीत सिंह संधावालिया

10 दिसंबर 1979 – 27 फरवरी 1980

गणपतराव देवजी तपासे

28 फरवरी 1980 – 13 जून 1984

सैयद मुज़फ्फर हुसैन बर्नी

14 जून 1984 – 21 फरवरी 1988

हरि आनंद बरारी

22 फरवरी 1988 – 6 फरवरी 1990

धनिक लाल मंडल

7 फरवरी 1990 – 13 जून 1995

महावीर प्रसाद

14 जून 1995 – 18 जून 2000

बाबू परमानंद

19 जून 2000 - 1 जुलाई 2004

ओम प्रकाश वर्मा

2 जुलाई 2004 - 7 जुलाई 2004

डॉ. अखलाक-उर-रहमान किदवई

7 जुलाई, 2004 - 27 जुलाई, 2009

श्री जगन्नाथ पहाड़िया

27 जुलाई, 2009 - 26 जुलाई, 2014

कप्तान सिंह सोलंकी

27 जुलाई, 2014 - 24 अगस्त 2018

सत्यदेव नारायण आर्य

25 अगस्त, 2018 - 07 जुलाई 2021

बंडारू दत्तात्रेय

7 जुलाई 2021 - जुलाई 2025

अशीम कुमार घोष

जुलाई 2025 - वर्तमान


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