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झारखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 12 Jul 2025
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रांची में 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रांची में 27वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की।

  • बैठक में विकास, संघवाद, सुरक्षा और अंतर्राज्यीय मामलों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल ने भाग लिया

प्रमुख बिंदु

  • टीम भारत विज़न: 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्यों के सामूहिक विकास पर जोर।
  • सहकारी संघवाद और केंद्र एवं राज्य प्रयासों के एकीकरण को बढ़ावा देता है।

  • बैठक में मसानजोर बाँध (मयूराक्षी नदी), तैयबपुर बैराज (महानंदा नदी) और इंद्रपुरी जलाशय (सोन नदी) से संबंधित लंबे समय से लंबित अंतर्राज्यीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

  • बैठक में बिहार और झारखंड के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से संबंधित परिसंपत्ति-देयता संबंधी अनसुलझे मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसके समाधान के लिये पारस्परिक कदम उठाए गए।

  • कानून एवं व्यवस्था:

    • पूर्वी राज्यों से आग्रह किया गया कि वे नए आपराधिक कानूनों को तेज़ी से लागू करें तथा मादक पदार्थों से निपटने के लिये नियमित रूप से राष्ट्रीय मादक पदार्थ समन्वय पोर्टल (NCORD) की बैठक आयोजित करें।
  • बिहार, झारखंड और ओडिशा में नक्सलवाद में उल्लेखनीय कमी आई है, पश्चिम बंगाल को नक्सलवाद मुक्त घोषित किया गया है; भारत का लक्ष्य 3 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद मुक्त होना है।
  • राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय विकास के मुद्दों पर चर्चा: प्रमुख विषयों में त्वरित सुनवाई के लिये फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC), आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS-112) की शुरूआत, ग्रामीण बैंकिंग तक पहुँच तथा पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी नियोजन, बिजली और सहकारी प्रणालियों में सुधार शामिल थे।

क्षेत्रीय परिषद

  • गठन: इसकी स्थापना राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के अंतर्गत की गई थी
  • नेतृत्व:
    • इसकी अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री करते हैं
    • सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल (LG) और प्रशासक इसके सदस्य हैं।
    • एक मुख्यमंत्री वार्षिक आधार पर उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करता है
  • सदस्यता: प्रत्येक सदस्य राज्य से दो मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा परिषद में नामित किया जाता है।
  • पांच क्षेत्रीय परिषदें:
    • उत्तरी क्षेत्रीय परिषद : इसमें हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ शामिल हैं।
    • मध्य क्षेत्रीय परिषद: इसमें छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
    • पूर्वी क्षेत्रीय परिषद: इसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, सिक्किम और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
    • पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद: इसमें गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र तथा दमन एवं दीव तथा दादरा एवं नगर हवेली संघ शासित क्षेत्र शामिल हैं।
    • दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद: इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी शामिल हैं।
  • स्थायी समितियों:
    • प्रत्येक परिषद में मुख्य सचिवों के नेतृत्व में एक स्थायी समिति होती है।
    • राज्य द्वारा प्रस्तावित मुद्दों की पूर्ण परिषद बैठक में रखे जाने से पहले यहाँ समीक्षा की जाती है।
  • पूर्वोत्तर राज्य:
    • असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और नगालैंड क्षेत्रीय परिषदों का हिस्सा नहीं हैं। 
      • उनके विशिष्ट मुद्दों का समाधान पूर्वोत्तर परिषद अधिनियम, 1972 के तहत स्थापित पूर्वोत्तर परिषद द्वारा किया जाता है।

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