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स्टेट पी.सी.एस.

  • 08 Oct 2022
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उत्तर प्रदेश Switch to English

आईजीआरएस थानों की रैंकिंग में वाराणसी कमिश्नरेट के तीन थाने उत्तर प्रदेश में नंबर वन

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को वाराणसी के पुलिस आयक्त ए. सतीश गणेश ने बताया कि आईजीआरएस थानों की रैंकिंग में कमिश्नरेट वाराणसी के तीन थाने शत-प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहले स्थान पर आए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • पुलिस आयुक्त ए. सतीश गणेश के अनुसार आईजीआरएस निस्तारण रैंकिंग में कमिश्नरेट वाराणसी के सिगरा, आदमपुर और दशाश्वमेध थाने को प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इन तीनों थाने के प्रभारियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
  • पुलिस आयुक्त ने कहा कि आईजीआरएस की रैंकिंग में एकदम निचले पायदान पर आने वाले तीन थानों - कोतवाली, चितईपुर और पर्यटक की खराब रैंकिंग के कारणों की समीक्षा डीसीपी स्तर के अधिकारी से कराई जाएगी। लापरवाही पाए जाने पर थाना प्रभारियों पर कार्यवाही भी तय है। तीनों प्रभारियों को चेतावनी नोटिस जारी की गई है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार की ऑनलाइन शिकायत प्रणाली जन-सुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में वाराणसी के थाने प्रदेश भर में अव्वल हैं।
  • जन-सुनवाई पोर्टल से प्राप्त शिकायतों को पुलिस कार्यालय में गठित आईजीआरएस सेल संबंधित थानों के लिये ऑनलाइन प्रेषित करती है। थाना प्रभारी प्राप्त संदर्भों की जाँच ऑनलाइन दिये गए समय के अनुसार संबंधित को प्रेषित करते हैं। जन-सुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का आईजीआरएस सेल के अधिकारी और कर्मचारी समाधान करते हैं।

उत्तर प्रदेश Switch to English

केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के लिये 8 नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को उत्तर प्रदेश के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने स्वच्छ गंगा परियोजना के लिये राष्ट्रीय मिशन के तहत राज्य में सीवरेज प्रबंधन सहित आठ नई परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति की 45वीं बैठक में सीवेज प्रबंधन के लिये चार परियोजनाओं को मंज़ूरी दी गई है, जिनमें एक वाराणसी में भी है।
  • इस परियोजना में अस्सी नल्ला (Assi Nullah) के दोहन के लिये 55 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण भी शामिल है। इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 09 करोड़ रुपए है।
  • सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वाराणसी की परियोजना का लक्ष्य तीन नालों - अस्सी, सामने घाट और नखी से शून्य अनुपचारित निर्वहन के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
  • अन्य परियोजनाओं में 13 एमएलडी एसटीपी का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं का नवीनीकरण शामिल हैं। मथुरा-वृंदावन की इन परियोजनाओं में यमुना नदी को प्रदूषित करने वाले 11 नालों को अवरुद्ध और मोड़ने की परिकल्पना की गई है। वृंदावन और मथुरा के कोसी कलां में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया जाएगा।
  • चार ज़िलों- हापुड़, बुलंदशहर, बदायूँ और मिर्ज़ापुर में जैव-विविधता पार्क स्थापित करने की एक बड़ी परियोजना को भी मंज़ूरी दी गई है। इनके नाम हैं मिर्ज़ापुर में मोहनपुर बायोडायवर्सिटी पार्क, बुलंदशहर में रामघाट बायोडायवर्सिटी पार्क, हापुड़ में आलमगीरपुर बायोडायवर्सिटी पार्क और बदायूँ में उझानी बायोडायवर्सिटी पार्क।
  • प्रवक्ता ने कहा कि ये चारों स्थान गंगा नदी के बाढ़ के मैदानों पर स्थित हैं। प्रस्तावित पार्क गंगा के बाढ़ के मैदानों के साथ आरक्षित वनों का हिस्सा हैं और नदी के कायाकल्प एवं जैव-विविधता संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
  • जैव-विविधता पार्क देशी पौधों और जानवरों की प्रजातियों के संयोजन के साथ जंगल को अद्वितीय परिदृश्य प्रदान करेंगे, जिससे एक क्षेत्र में बनाए गए आत्मनिर्भर जैविक समुदायों का निर्माण होगा। गंगा जैव-विविधता पार्कों का समग्र परिणाम पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, जैव-विविधता और गंगा नदी के कायाकल्प को बेसिन पैमाने पर बनाए रखने में मदद करेगा।      

राजस्थान Switch to English

‘इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022’

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जेईसीसी सीतापुरा, जयपुर में आयोजित दोदिवसीय ‘इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • इस दोदिवसीय समिट में दुनिया भर के सबसे प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट समूहों के गणमान्य व्यक्ति शामिल हो रहे हैं। समिट के तहत आयोजित कॉन्क्लेव एवं पैनल डिस्कशन में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स एवं लीडर्स द्वारा अपने अनुभव साझा किये जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री ने समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस दोदिवसीय समिट से राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। समिट से पूर्व ही निवेशकों के साथ राज्य सरकार द्वारा लगभग 11 लाख करोड़ रुपए के एमओयू कर लिये गए हैं। इसके ज़रिये लगभग 10 लाख लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है। पहली बार ‘कमिटेड एंड डिलिवर्ड’की थीम पर प्राथमिकता के साथ एमओयू साईन किये गए हैं।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य में विभिन्न ज़िलों में 25 औद्योगिक क्षेत्रों का लोकार्पण किया। साथ ही उन्होंने 18 औद्योगिक इकाईयों का लोकार्पण व 33 औद्योगिक इकाईयों का शिलायास भी किया। उक्त शिलान्यास व लोकार्पण से जहाँ एक ओर राज्य में विभिन्न ज़िलों में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, वहीं स्थानीय स्तर पर रोज़गार व राजस्व में वृद्धि होगी।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में अपने उत्कृष्ट व असाधारण कार्यों से देश-विदेश में राजस्थान को गौरवान्वित करने वाली 6 विभूतियों को ‘राजस्थान रत्न सम्मान’ से सम्मानित भी किया। इन सभी को प्रशस्ति-पत्र, शॉल, मोमेन्टो व 1 लाख रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया।
  • इनमें न्याय के क्षेत्र से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में नियुक्त न्यायाधीश दलवीर भंडारी, भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा, उद्योग के क्षेत्र से वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आर्सेलर मित्तल के चेयरमैन एलएन मित्तल तथा कला के क्षेत्र में प्रसिद्ध निर्माता केसी मालू व प्रसिद्ध उर्दू शायर शीन काफ निजाम को ‘राजस्थान रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • समिट के पहले दिन 5 कॉन्क्लेव- एनआरआर, टूरिज्म, स्टार्ट-अप, एग्री-बिज़नेस और फ्यूचर रेडी सेक्टर पर कॉन्क्लेव आयोजित किये गए, जबकि समिट के दूसरे दिन एमएसएमई कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने नॉन रेजीडेंट राजस्थानी (एनआरआर) कॉन्क्लेव सत्र के दौरान पहली नॉन रेजीडेंट राजस्थानी (एनआरआर) पॉलिसी और राजस्थान फाउंडेशन की वेबसाइट को भी लॉन्च किया।
  • समिट के अंतर्गत आयोजित फ्यूचर रेडी सेक्टर कॉन्क्लेव- एक्सप्लोरिंग इन्वेस्टमेंट इन फ्यूचर रेडी सेक्टर्स को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राजस्थान देश में पहला प्रदेश होगा, जो ग्रीन हाइड्रोजन नीति को लागू करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि इस समिट के आयोजन के लिये कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) को नेशनल पार्टनर नियुक्त किया गया है, जो समिट के आयोजन के लिये राज्य सरकार को सहयोग प्रदान कर रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने इन्वेस्ट राजस्थान समिट के दौरान ‘राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2022’ (रिप्स-2022) भी लॉन्च की। इसके अंतर्गत राज्य में व्यापक स्तर पर रोज़गार सृजित करने वाले, अनुसूचित जनजाति/जाति के उत्थान में योगदान देने वाले तथा क्षेत्र के विकास में उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
  • राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2022 के अंतर्गत इस प्रकार के उद्योगों के लिये कई तरह की सब्सिडी तथा आईजीएसटी पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है।              

मध्य प्रदेश Switch to English

राज्य बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति का गठन

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने बताया कि राज्य शासन ने मिशन वात्सल्य की निगरानी, मूल्यांकन एवं समीक्षा के लिये राज्य बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति गठित की है।

प्रमुख बिंदु 

  • विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में गठित राज्य बाल संरक्षण समिति को अधिक्रमित करते हुए इस समिति का गठन किया गया है।
  • अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव महिला बाल विकास समिति के अध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
  • समिति में प्रमुख सचिव स्तर के सदस्यों में गृह, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त कल्याण, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, विधि और विधायी कार्य, स्कूल शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार, नगरीय विकास एवं आवास, श्रम, उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कार्य और सचिव मध्य प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शामिल किया गया है। समिति में आयुक्त/संचालक महिला बाल विकास सदस्य सचिव होंगे।
  • समिति प्रत्येक वर्ष त्रैमास में मिशन वात्सल्य दिशा-निर्देशों का क्रियान्वयन, मूल्यांकन तथा समीक्षा करेगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन योजना के लिये समिति गठित

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने बताया कि राज्य शासन ने मध्य प्रदेश कंप्रेस्ड बायो गैस उत्पादन योजना के क्रियान्वयन, निगरानी एवं समीक्षा के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की है।

प्रमुख बिंदु 

  • इस समिति में अपर मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी, किसान कल्याण एवं कृषि विकास और वन को सदस्य बनाया गया है।
  • इसके अतिरिक्त प्रमुख सचिव सहकारिता, ऊर्जा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, चिकित्सा शिक्षा और अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण एवं सचिव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी सदस्य होंगे।
  • समिति में प्रमुख सचिव खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण सदस्य सचिव होंगे।
  • समिति प्रदेश में कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट स्थापना के संबंध में कृषि, वन अपशिष्ट, डिस्टिलरी अपशिष्ट और नगरीय निकायों के ठोस अपशिष्ट उपलब्धता की समीक्षा करेगी। साथ ही योजना से संबंधित कार्य-योजना बनाने और प्रदेश में उपलब्ध विभिन्न भौगोलिक अपशिष्ट के अनुसार बायो गैस प्लांट स्थापना के लिये सुझाव देगी। समिति 3 माह में कम-से-कम एक बैठक अवश्य करेगी।

झारखंड Switch to English

शुभांशी की फिल्म ‘नाटोक’ बुसान फिल्म फेस्टिवल में बनी विजेता, इंडो-फ्रेंच फेस्टिवल में भी हुआ चयन

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार साउथ कोरिया में आयोजित बुसान न्यू वेब शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल 2022 में रामगढ़ ज़िला के अंतर्गत रजरप्पा की 15 वर्षीय शुभांशी चक्रवर्ती द्वारा निर्देशित फिल्म ‘नाटोक’ विजेता बनी है। वहीं, इंडो-फ्रेंच इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी इसका चयन हुआ है।

प्रमुख बिंदु 

  • जानकारी के अनुसार, फिल्म ‘नाटोक’को शुभांशी द्वारा निर्देशित किया गया है, जबकि कैमरा और संपादन का कार्य पार्थ भट्टाचार्य एवं फिल्म का निर्माण एवं लेखन शुभांशी के पिता शुभाशीष चक्रवर्ती द्वारा किया गया है।
  • फिल्म ‘नाटोक’ का हिन्दी अर्थ ‘नाटक’ है। 4 मिनट 35 सेकेंड का यह फिल्म छऊ नर्तकों पर आधारित है।
  • शुभांशी चक्रवर्ती हीरानंदानी फाउंडेशन स्कूल (एच. एफ. एस), मुंबई में 11वीं कक्षा में अध्ययनरत् हैं।
  • विदित है कि शुभाशीष चक्रवर्ती पिछले दस वर्षों से अपने वेतन की राशि से भारत में वंचित समुदायों की मदद कर रहे हैं और उन्हें बदलने के लिये कार्य कर रहे हैं। वे सोनाहातू प्रखंड के पंडाडीह गाँव को गोद लिये हुए हैं। इस गाँव के बच्चों को छऊ नृत्य सिखा रहे हैं। वहीं गाँव में पुस्तकालय, औषधीय पौधशाला का निर्माण एवं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान में कार्य कर रहे हैं।
  • शुभाशीष चक्रवर्ती एक वैश्विक समूह में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। वे सामाजिक वैज्ञानिक हैं। वे आदिवासी मामलों के विशेषज्ञ, टेडएक्स स्पीकर, कवि और लघु कथाकार भी हैं।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने कांकेर में देश के सबसे बड़े मिलेट प्रसंस्करण उद्योग का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर ज़िले के नाथिया नवागांव में स्थापित देश के सबसे बड़े मिलेट प्रसंस्करण उद्योग का लोकार्पण किया। इससे कोदो-कुटकी-रागी की खेती करने वाले किसानों के साथ-साथ महिला स्व-सहायता समूहों को भी फायदा मिलेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित यह इकाई भारत की सबसे ज़्यादा क्षमता वाली इकाई है। इस इकाई की वार्षिक प्रसंस्करण क्षमता 10 से 12 हज़ार टन है, जिसके लिये प्रतिदिन लगभग 34 से 40 टन कोदो-कुटकी-रागी की आवश्यकता होगी।
  • इस प्रसंस्करण इकाई में 7 प्रकार की मशीनों द्वारा कोदो-कुटकी-रागी को प्रसंस्कृत कर कोदो-कुटकी-रागी से चावल तथा इनका दलिया, सूजी, आटा सेंवई, पास्ता, सूप मिक्स, बिस्किट, कुकीज, लड्डू इत्यादि बनाए जाएंगे। साथ-साथ इनकी पैकेजिंग भी की जाएगी। इन उत्पादों की मार्केटिंग राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर की जाएगी।
  • उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर के बकावंड में काजू प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है, जिससे वहां के किसान लाभान्वित हो रहे हैं। लोहंडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम धुरागाँव में इमली प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है, जिससे इमली संग्राहकों को लाभ मिलेगा।
  • छत्तीसगढ़ शासन के मिलेट मिशन के अंतर्गत स्थापित इस इकाई को प्रोत्साहन हेतु सीएसआईडीसी द्वारा सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस इकाई की स्थापना के लिये आई.आई.एम.आर. हैदराबाद के साथ अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड एवं ज़िला प्रशासन उत्तर बस्तर कांकेर के बीच तकनीकी जानकारी, उच्च क्वालिटी के बीज, सीड बैंक की स्थापना और प्रशिक्षण के लिये एमओयू किया गया है।
  • अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड की प्रसंस्करण इकाई से 100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार प्राप्त होगा तथा ज़िले के लगभग 4 हज़ार एवं राज्य के लगभग 25 हज़ार किसान भी अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे, जो कोदो-कुटकी-रागी फसल की खेती करते हैं। साथ-ही-साथ उन महिला समूहों को भी लाभ मिलेगा, जो इनकी खरीदी करते हैं। इस इकाई की स्थापना से ज़िले के किसान कोदो-कुटकी-रागी की खेती के लिये प्रोत्साहित होंगे।
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट के उत्पाद, प्रसंस्करण एवं उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2021 से ‘मिलेट मिशन’प्रारंभ किया गया है। छत्तीसगढ़ के 20 से अधिक ज़िलों में मिलेट्स का उत्पादन होता है।
  • राज्य शासन द्वारा वर्ष 2020-21 से कोदो, कुटकी एवं रागी का प्रथम बार समर्थन मूल्य निर्धारित करते हुए प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से क्रय की व्यवस्था की गई। कोदो एवं कुटकी हेतु 30 रुपए प्रति किलो एवं रागी के लिये 77 रुपए प्रति किलो का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा धान के बदले अन्य लाभकारी फसलों की खेती के लिये राज्य शासन द्वारा ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है।
  • मिलेट्स जैसे कि कोदो-कुटकी-रागी उच्च पौष्टिक धान्य हैं। मिलेट्स ग्लूटेन मुक्त होते हैं तथा इनमें प्रोटीन, डायट्री फाइबर, विटामिन्स और मिनरलस भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। मिलेट्स मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग व कई अन्य बीमारियों के लिये लाभकारी होते है तथा इनसे इम्युनिटी भी बढ़ती है।

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने नंदनवन जंगल सफारी में 10 नए बाड़ों का किया लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन्यप्राणि संरक्षण सप्ताह के अवसर पर राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में नवा रायपुर के नंदनवन जंगल सफारी में लोगों को वन्य प्राणियों को करीब से जानने का मौका देने और उन्हें जागरूक करने के लिये 10 नए बाड़ों का लोकार्पण किया। इन्हें मिलाकर जंगल सफारी में अब कुल 28 बाड़े हो गए हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में नंदनवन जंगल सफारी की शेरनी ‘कृति’द्वारा माह मई 2021 में जन्मे तीन शावकों का नामकरण अरपा, पैरी तथा शबरी के नाम से किया।
  • मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बारनवापारा अभयारण्य में पाए जाने वाली रंग-बिरंगी तितलियों की जानकारी पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
  • मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि अभी प्रदेश में वन्यप्राणि सप्ताह मनाया जा रहा है। वन्यप्राणियों की रक्षा करने और उनके साथ अपना साहचर्य बढ़ाने के संकल्प के साथ हर साल 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक वन्यप्राणि सप्ताह का आयोजन किया जाता है।
  • छत्तीसगढ़ वन एवं वन्यप्राणियों से समृद्ध राज्य है। प्रदेश में 44 प्रतिशत से अधिक हिस्से वनों से आच्छादित हैं, यहाँ विभिन्न प्रकार के वन्यप्राणि विचरण करते हैं। राज्य सरकार द्वारा इसकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में वन तथा वन्यप्राणि, दोनों की ही सुरक्षा को प्राथमिकता में रखा गया है।
  • मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यहाँ स्थित राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य जैव विविधता की दृष्टि से भी समृद्ध हैं। राज्य में वन्यप्राणि संरक्षण के तहत हो रहे कार्यों के फलस्वरूप वन्यप्राणियों के भोजन तथा रहवास की सुविधा की उपलब्धता बढ़ी है। इसके अंतर्गत हाथी-मानव द्वंद्व को रोकने में भी नरवा विकास कार्यक्रम एक कारगर माध्यम बना है।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में वन तथा वन्य प्राणि की सुरक्षा के लिये सरकार द्वारा हरसंभव पहल की जा रही है। इसके तहत राज्य में वर्तमान में संरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत 3 राष्ट्रीय उद्यान, 11 अभयारण्य, 3 टाईगर रिज़र्व, एक हाथी रिज़र्व और एक बायोस्फियर रिज़र्व के माध्यम से वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं संवर्धन के विविध कार्य किये जा रहे हैं।
  • कार्यक्रम में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि नंदनवन जंगल सफारी नवा रायपुर, एशिया का मानव निर्मित सबसे बड़ा जंगल सफारी है। यहाँ अनेक प्रकार के वन्य प्राणियों की संख्या बहुतायत में है।
  • प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणि) पी.वी. नरसिंग राव ने बताया कि राज्य में वन तथा वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिये विभाग द्वारा लगातार कार्य किये जा रहे हैं। जंगल सफारी में 10 नए बाड़ों का लोकार्पण किया गया है। इनमें जंगली कुत्ते, भेड़िये, बायसन, चीतल, सांभर, चिंकारा, साही, नेवला, मसक बिलाव तथा सर्पों के बाड़े शामिल हैं।  

छत्तीसगढ़ Switch to English

मुख्यमंत्री ने धुरागाँव में स्थापित इमली प्रसंस्करण संयंत्र का किया शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

7 अक्टूबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एकदिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान लोहंडीगुड़ा विकासखंड के धुरागाँव में इमली प्रसंस्करण संयंत्र का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इससे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश की संभावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यहाँ रोज़गार सृजन के लिये स्थानीय वनोपज और कृषि उपज का यहीं प्रसंस्करण आवश्यक है तथा यह संयंत्र इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
  • संयंत्र के संचालक कार्तिक कपूर ने बताया कि इस संयंत्र में प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन इमली गूदा, 5 मीट्रिक टन इमली चपाती और 3 मीट्रिक टन इमली बीज का पाउडर बनाने की क्षमता है।
  • यह संयंत्र सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ पीईबी और पफ पैनल में कुल निर्माण के 35000 वर्ग फीट के साथ 2 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ खाद्य प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही, उपकरणों के तौर पर प्रीमियम गुणवत्ता वाली स्टील का उपयोग किया गया है।
  • यहाँ एफएसएसएआई के सभी मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यह संयंत्र पूरी तरह से स्वचालित है, पावर बैकअप, निर्बाध निर्माण के लिये मैनुअल मोड में काम करने का प्रावधान है।

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