राजस्थान Switch to English
चीता संरक्षण गलियारा
चर्चा में क्यों?
राजस्थान ने मध्य प्रदेश के साथ भारत के पहले अंतर-राज्यीय चीता संरक्षण गलियारे में शामिल होने के लिये सहमति व्यक्त की।
मुख्य बिंदु
- संरक्षित क्षेत्र के बारे में:
- गलियारे का कुल क्षेत्रफल 17,000 वर्ग किमी है, जिसमें से 10,500 वर्ग किमी मध्य प्रदेश में तथा 6,500 वर्ग किमी राजस्थान में फैला है।
- इस गलियारे में मध्य प्रदेश के श्योपुर ज़िले में स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान मुख्य स्थल के रूप में शामिल है, जहाँ चीता पुनःस्थापित परियोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है।
- गांधी सागर अभयारण्य, जो मंदसौर ज़िले में चंबल नदी के किनारे स्थित है, चीतों के लिये मध्य प्रदेश में दूसरा आवास विकसित करने हेतु चयनित किया गया है।
- इस परियोजना में राजस्थान के कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, करौली और चित्तौड़गढ़ जैसे ज़िले शामिल किये गए हैं।
- भविष्य में इस गलियारे में उत्तर प्रदेश के झांसी और ललितपुर के वन क्षेत्रों को भी शामिल किये जाने का प्रस्ताव है।
- संस्थागत सहयोग
- परियोजना को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) का तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त है।
- विशेषज्ञों ने इस परियोजना को एशिया में वन्यजीव संरक्षण का एक अनूठा मॉडल माना है, जो अन्य देशों के लिये उदाहरण बन सकता है।
- कॉरिडोर की विशेषताएँ
- यह गलियारा चीतों को संरक्षित क्षेत्रों के बीच स्वाभाविक और निर्बाध प्रवास की सुविधा प्रदान करेगा।
- यह दो राज्यों के बीच रणनीतिक वन्यजीव संपर्क स्थापित करता है, जो भारत में अपनी तरह की पहली पहल है।
- परियोजना का लक्ष्य चरागाह आधारित पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली और संरक्षण है।
- गलियारे की संरचना इस प्रकार की जा रही है कि वह चीतों के अनुकूल, सुरक्षित और प्राकृतिक आवास को एकजुट कर सके।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- परिचय:
- यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के साथ की गई थी।
- बाघ संरक्षण के सशक्तीकरण के लिये वर्ष 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के सक्षम प्रावधानों के तहत इसे गठित किया गया था।
- उद्देश्य:
- प्रोजेक्ट टाइगर को वैधानिक अधिकार प्रदान करना ताकि इसके निर्देशों का कानूनी तौर पर अनुपालन हो।
- संघीय ढाँचे के भीतर राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन के लिये आधार प्रदान करके, टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन में केंद्र-राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना।
- संसद द्वारा निगरानी सुनिश्चित करना।
- टाइगर रिज़र्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की आजीविका संबंधी हितों को संबोधित करना।

