ध्यान दें:



उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 04 May 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

कुमाऊँ फैन पाम संरक्षणाधीन

चर्चा में क्यों?

उत्तराखंड वन अनुसंधान विंग ने पिथौरागढ़ की पातालथौड़ नर्सरी में इस देशी पौधे के 300 पौधे उगाकर एक एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

मुख्य बिंदु:

  • यह पहल कुमाऊँ पाम/ताड़ को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के प्रयास में शुरू की गई थी, जिसे कुमाऊँ फैन पाम के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह शून्य से भी कम तापमान में जीवित रहने वाली एकमात्र ताड़ की प्रजाति है और इसे विश्व की सबसे कठोर ताड़ कहा जाता है।
  • वन अनुसंधान विंग के अनुसार, पौधों की प्रजातियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) और उत्तराखंड जैवविविधता बोर्ड दोनों द्वारा 'संकटग्रस्त' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

कुमाऊँ फैन पाम

  • ताड़ का पेड़ उत्तर-पश्चिमी भारत में उत्तराखंड प्रांत के कुमाऊँ मंडल और निकटवर्ती पश्चिमी नेपाल में पाया जाता है।
  • ताड़ 1,800-2,700 मीटर (5,900-8,900 फीट) की ऊँचाई पर उगता है और यह अपने मूल स्थान में नियमित आधार पर बर्फ तथा ठंड प्राप्त करता है।
  • इसका वैज्ञानिक नाम ट्रेचीकार्पस टाकिल (Trachycarpus takil) है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ

  • यह एक सदस्यता संघ है जो विशिष्ट रूप से सरकार और नागरिक समाज दोनों संगठनों से बना है।
  • वर्ष 1948 में बनाया गया, यह प्राकृतिक जगत की स्थिति और इसकी सुरक्षा के लिये आवश्यक उपायों पर वैश्विक प्राधिकरण है।
  • इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड में है।
  • IUCN द्वारा जारी की जाने वाली रेड लिस्ट विश्व की सबसे व्यापक सूची है, जिसमें पादप और जंतु प्रजातियों की वैश्विक संरक्षण की स्थिति को दर्शाया जाता है।

close
Share Page
images-2
images-2