उत्तर प्रदेश Switch to English
'लर्निंग बाय डूइंग' कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से लर्निंग बाय डूइंग (LBD) कार्यक्रम की शुरुआत की है।
मुख्य बिंदु
- LBD कार्यक्रम के बारे में:
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया 'लर्निंग बाय डूइंग (LBD)' कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को लकड़ी का काम, धातु का काम, ऊर्जा एवं पर्यावरण, कृषि एवं बागवानी तथा स्वास्थ्य और पोषण जैसे क्षेत्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- इस कार्यक्रम के पायलट चरण में 15 ज़िलों के 60 स्कूलों में विभिन्न व्यवसायों से जुड़े 5,937 छात्रों को प्रशिक्षित किया गया। इस पहल के परिणामस्वरूप विद्यार्थियों की उपस्थिति और सहभागिता में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।
- वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार इस कार्यक्रम को समग्र शिक्षा और पीएम श्री योजनाओं के तहत 3,288 और स्कूलों तक विस्तारित करने की योजना बना रही है।
- समग्र शिक्षा अभियान के तहत क्रियान्वित यह पहल शिक्षा को रोज़गारपरकता और जीवन-कौशल से जोड़ने के दृष्टिकोण को दर्शाती है।
- कार्यक्रम की प्रभावी क्रियान्वयन के लिये बेसिक शिक्षा विभाग ने विज्ञान और गणित के शिक्षकों को चार दिवसीय बहु-कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया है।
- यूनिसेफ और विज्ञान आश्रम के तकनीकी सहयोग से राज्य ने 60 कौशल-आधारित गतिविधियों वाला एक शिक्षक मैनुअल विकसित किया है, जिसे SCERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) द्वारा अनुमोदित किया गया है।
- स्कूलों में आधुनिक कौशल प्रयोगशालाओं का विस्तार:
- शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी 75 ज़िलों के 2,274 उच्च प्राथमिक और समग्र स्कूलों में आधुनिक 'लर्निंग बाय डूइंग (LBD)' प्रयोगशालाएँ स्थापित की जाएंगी।
- इन प्रयोगशालाओं में आधुनिक उपकरण और साजो-सामान उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही, स्कूल प्रबंधन समितियों (SMC) को इन व्यावहारिक गतिविधियों के संचालन में सहयोग हेतु कच्चा माल और उपभोग्य वस्तुएँ प्रदान की जाएंगी।
समग्र शिक्षा अभियान
- परिचय:
- केंद्रीय बजट 2018-19 में प्रस्तुत, समग्र शिक्षा एक व्यापक कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत समान शिक्षण परिणाम सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्री-नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- योजनाओं का एकीकरण: इसमें पहले की तीन योजनाएँ सम्मिलित हैं:
- सर्व शिक्षा अभियान (SSA): सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा पर केंद्रित।
- राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA): इसका उद्देश्य माध्यमिक शिक्षा है।
- शिक्षक शिक्षा (TE): शिक्षकों के प्रशिक्षण पर केंद्रित।
- क्षेत्र-व्यापी विकास दृष्टिकोण: इस अभियान के अंतर्गत खंडित परियोजना-आधारित उद्देश्यों के स्थान पर सभी स्तरों (राज्य, ज़िला और उप-ज़िला) पर कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित किया गया है।
- सतत् विकास लक्ष्यों के साथ संरेखण: लैंगिक असमानताओं को समाप्त करते हुए और सुभेद्य समूहों (SDG 4.1) के लिये पहुँच सुनिश्चित करते हुए निःशुल्क, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाती है (SDG 4.5)।
- योजनाओं का एकीकरण: इसमें पहले की तीन योजनाएँ सम्मिलित हैं:
- कार्यान्वयन:
- यह केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) है, जिसका कार्यान्वयन राज्य/संघ राज्य क्षेत्र स्तर पर एकल राज्य कार्यान्वयन सोसायटी (SIS) के माध्यम से किया जाता है।
पीएम-श्री योजना
- परिचय:
- भारत सरकार द्वारा वर्ष 2022 में शुरू की गई PM-SHRI योजना एक केंद्र समर्थित पहल है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP), 2020 के कार्यान्वयन को प्रदर्शित करने हेतु वर्तमान स्कूलों में सुधार करके लगभग 14,500 से अधिक PM-SHRI स्कूल स्थापित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- उद्देश्य:
- इसका प्राथमिक उद्देश्य एक समावेशी और पोषणकारी परिवेश तैयार करना है, जो प्रत्येक छात्र के कल्याण तथा सुरक्षा को बढ़ावा दे, विविध शिक्षण अनुभव प्रदान करे एवं गुणवत्तापूर्ण बुनियादी अवसंरचना एवं संसाधनों तक अभिगम प्रदान करे।