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उत्तर प्रदेश

विद्युत सखी कार्यक्रम

  • 29 Jul 2025
  • 24 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार के 'विद्युत सखी' कार्यक्रम ने राजस्व संग्रहण एवं ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। राजस्व वसूली में 11 गुना वृद्धि इस कार्यक्रम की विस्तारशीलता, दक्षता और समुदाय में विद्युत सखियों की पहुँच व विश्वास को दर्शाती है।

प्रमुख बिंदु

  • कार्यक्रम के बारे में:  
    • यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (UPSRLM) के अंतर्गत प्रारंभ किया गया था। जिसका दोहरा उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं के लिये रोज़गार के अवसर सृजित करना और बिजली बिल संग्रहण की चुनौती को हल करना था।
    • यह ग्रामीण महिलाओं (मुख्य रूप से स्वयं सहायता समूहों से)  को बिजली बिल संग्रह के कार्य में में नियोजित कर रोज़गार के अवसर प्रदान करता है।
    • यह पहल ऐसे समय में विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण थी जब ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों का पलायन और रोज़गार क्षति के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दबाव था।।
  •  प्रभाव क्षेत्र:
    • अब तक लगभग 15,000 विद्युत सखियाँ राजस्व संग्रहण में सक्रिय रूप से संलग्न हैं, जिन्होंने सरकार के लिये कुल 2,000 करोड़ रुपए एकत्र किये हैं।
    • इस कार्यक्रम में 30,000 महिलाएँ UPSRLM के साथ पंजीकृत हैं।
    • वर्ष 2024 में 14,000 महिलाओं को प्रशिक्षित कर नए बैच के रूप में विद्युत सखियों के रूप में तैनात किया गया।
  • लाभ: 
    • वित्त वर्ष 2024-25 में विद्युत सखियों ने लगभग 13.4 करोड़ रुपए बतौर कमीशन अर्जित किये।
    • उन्होंने वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना के तहत 303 करोड़ रुपए संगृहीत किये, जिससे 3.5 करोड़ रुपए कमीशन मिला।
    • कुल 438 विद्युत सखियाँ 'लखपति दीदी' बन चुकी हैं, जिन्होंने SHG से जुड़ी महिलाओं को वर्षिक 1,00,000 रुपए या अधिक की आय दिलाने में भूमिका निभाई।
  • राजस्व वृद्धि: 
    • वर्ष 2021-22 में विद्युत सखियों ने 87 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया था, जो 2024-25 में बढ़कर 1,045 करोड़ रुपए हो गया अर्थात् 11 गुना से अधिक वृद्धि
    • वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ही 256 करोड़ रुपए की वसूली हुई है और उम्मीद है कि यह पिछले वर्ष के आँकड़ों को पार कर जाएगा।

लखपति दीदी पहल

  • परिचय
    • लखपति दीदी स्वयं सहायता समूह (SHG) की वह सदस्य होती है, जिसने सफलतापूर्वक एक लाख रुपए या उससे अधिक की वार्षिक घरेलू आय प्राप्त कर ली हो।
    • यह आय कम-से-कम चार कृषि मौसमों या व्यावसायिक चक्रों तक बनी रहती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि औसत मासिक आय 10 हज़ार रुपए से अधिक है।
    • इसकी शुरुआत दीनदयाल अंत्योदय योजना–राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) द्वारा की गई थी, जिसमें प्रत्येक SHG परिवार को मूल्य शृंखला हस्तक्षेपों के साथ-साथ कई आजीविका गतिविधियों को अपनाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 1,00,000 रुपए या उससे अधिक की स्थायी आय प्राप्त होती है।
  • उद्देश्य
    • इस पहल का उद्देश्य न केवल महिलाओं की आय में सुधार करके उन्हें सशक्त बनना है, बल्कि स्थायी आजीविका के माध्यम से उनके जीवन में बदलाव लाना भी है।
    • ये महिलाएँ अपने समुदायों में प्रेरणास्रोत के रूप में कार्य करती हैं और संसाधनों के प्रभावी प्रबंधनउद्यमशीलता की शक्ति को प्रदर्शित करती हैं।

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