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उत्तराखंड की सृष्टि लखेरा को फिल्म ‘एक था गाँव’ के लिये मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

  • 18 Oct 2023
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

17 अक्तूबर, 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह में उत्तराखंड के टिहरी ज़िले के कीर्तिनगर ब्लॉक के सेमला गाँव निवासी सृष्टि लखेरा को उनकी फिल्म ‘एक था गाँव’के लिये बेस्ट नॉन फीचर फिल्म की केटेगरी में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया।

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में वर्ष 2021 के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। उन्होंने वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के लिये दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
  • सृष्टि लखेरा ने फिल्म ‘एक था गाँव’का प्रोडक्शन और निर्देशन किया है। इससे पहले यह फिल्म मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) फिल्म महोत्सव के इंडिया गोल्ड श्रेणी में जगह बना चुकी है।
  • सृष्टि के पिता एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केएन लखेरा ने बताया कि सृष्टि करीब 13 साल से फिल्म लाइन के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।
  • गढ़वाली और हिन्दी भाषा में बनी इस फिल्म में घोस्ट विलेज (पलायन से खाली हो चुके गाँव) की कहानी है। उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा को देखते हुए सृष्टि ने यह फिल्म बनाई।
  • डॉ. केएन लखेरा ने बताया कि पहले उनके गाँव में 40 परिवार रहते थे और अब पाँच से सात लोग ही बचे हैं। लोगों को किसी-न- किसी मज़बूरी से गाँव छोड़ना पड़ा। इसी उलझन को उन्होंने एक घंटे की फिल्म के रूप में पेश किया है। फिल्म के दो मुख्य पात्र हैं- 80 वर्षीय लीला देवी और 19 वर्षीय किशोरी गोलू।

  

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